वह वित्तीय सलाहकार अपने श्रोताओं से कह रहा था, "मैं आपकी सहायता करना चाहता हूँ जिससे आप अपने भविष्य के लिए बुद्धिमानी से अपने पैसे का निवेश कर सकें।" वह चाहता था कि उसके श्रोता सेवानिवृत्ति निधी में निवेश करें, स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार तथा अर्थव्यवस्था के उतार चढ़ाव से निश्चिंत होकर; क्योंकि, उसके अनुसार, अन्ततः उसके परिणाम बहुत लाभदायक होने वाले थे।
परमेश्वर भी चाहता है कि हम बुद्धिमानी के साथ एक अन्य निवेश करें - अपने आत्मिक भविष्य के लिए। जीवन और परिस्थितियों के उतार-चढ़ाव के दौरान हमें लगातार अपने "आत्मिक जमा-खाते" में अपने चरित्र का निवेश करते रहना चाहिए। मसीह यीशु पर उद्धार के लिए विश्वास ले आने के पश्चात, हमें अपने चरित्र के साथ इन अन्य सद्गुणों का निवेश करना चाहिए: विश्वास, सद्गुण, समझ, संयम, धीरज, भक्ति, भाई-चारे की प्रीति और प्रेम (2 पतरस 1:5-11)।
चरित्र निर्माण में किए गए इस निवेश के भविष्य में मिलने वाले परिणाम होंगे, ईश्वरीय स्वभाव, मसीह यीशु के ज्ञान में बढ़ते हुए फलवन्त जीवन, हमारी बुलाहट के प्रति निश्चय, पाप पर मिलने वाली विजय (पद 5-10)।
सेवानिवृत्ति निधी में निवेश करना सांसारिक धन पाने के दृष्टिकोण से लाभदायक हो सकता है, लेकिन वह निवेश या मिलने वाला धन आपके अनन्त भविष्य की सुरक्षा का निश्चय कतई नहीं है। आत्मिक जीवन में परमेश्वर के वचन बाइबल के निर्देशों के अनुसार समझदारी से किया गया निवेश ही पृथ्वी और स्वर्ग दोनों ही स्थानों पर निश्चित लाभ देना वाला निवेश है। यदि आपने आज तक यह निवेश नहीं किया है, तो अभी अवसर है, प्रभु यीशु में विश्वास लाने के द्वारा स्वर्ग में अपना खाता खोल लीजिए और फिर उसमें अपने चरित्र तथा अनन्त भविष्य का परमेश्वर के वचन के अनुसार निवेश करना आरंभ कर दीजिए। - ऐनी सेटास
अनन्त के लाभ के लिए निवेश करने का समय और अवसर अभी ही है।
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23
बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:1-11
2 Peter 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है।
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्वभाव के समभागी हो जाओ।
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ।
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति।
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्फल न होने देंगी।
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्धा है, और धुन्धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है।
2 Peter 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे।
2 Peter 1:11 वरन इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे।
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 24-26