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बुधवार, 5 जुलाई 2017

निमंत्रण


   जब प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर थे, तो वे लोगों को अपने पास आने का निमंत्रण दिया करते थे, और उनका यह निमंत्रण आज भी संसार के प्रत्येक जन के लिए उपलब्ध है (यूहन्ना 6:35)। लेकिन प्रभु तथा परमेश्वर पिता के पास ऐसा क्या है जो वे हमें देना चाहते हैं, और जो कहीं और, किसी अन्य के पास उपलब्ध नहीं है? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें ऐसी कई बातें बताती है जो हमें प्रभु परमेश्वर से सेंत-मेंत, उपहार स्वरूप, उन पर विश्वास लाने और उनके प्रति अपना जीवन समर्पण करने से मिलती हैं:

   उद्धार: पापों की क्षमा और अनन्त जीवन पाने के लिए प्रभु यीशु ही एकमात्र मार्ग हैं - "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16); और "यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6)।
   
   सुरक्षा: यदि हम अपना प्राण, देह, आत्मा प्रभु को समर्पित करके उसके शिष्य बनकर पीछे हो लेते हैं तो कोई भी सांसारिक हानि, हमारे लिए हानि नहीं होगी - "उसने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उन से कहा, जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठा कर, मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा" (मरकुस 8:34-35)।

   शान्ति: हमारा प्रभु परमेश्वर प्रत्येक परिस्थिति, परेशानी में हमें मार्गदर्शन, शान्ति और सांत्वना देने के लिए सदैव हमारे साथ रहेगा - "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:3-4)।

   बुद्धिमत्ता: प्रभु परमेश्वर का आश्वासन है वह हमें बुद्धि प्रदान करेगा - "पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी" (याकूब 1:5)।

   सामर्थ्य: यदि हम श्रमित और थके भी हों, प्रभु हमें नई साम्र्थ्य से भर देगा - "वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे" (यशायाह 40:29-31)।

   बहुतायत का जीवन: जीवन को उसकी संपूर्णता में जीने और उसका आनन्द लेने के क्षमता हमें प्रभु से मिलती है - "चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10)।

प्रभु यीशु का संसार के प्रत्येक जन के लिए खुला निमंत्रण है, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28) और "जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना 6:37)। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु आशीषित जीवन देने के लिए हमें बुलाता है।

तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। - यूहन्ना 5:39-40

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:28-40
John 6:28 उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें? 
John 6:29 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो।
John 6:30 तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन सा चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है? 
John 6:31 हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी। 
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर। 
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। 
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते। 
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। 
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं। 
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 30-31
  • प्रेरितों 13:26-52