जब
मैंने कॉलेज में यूनानी और रोमी पौराणिक कथाएँ पढ़ीं, तो मैं हैरान थी, कि उन कथाओं
के देवता कितने तुनक-मिज़ाज थे, और कितनी सरलता से क्रोधित हो जाते थे। जो लोग उनके
क्रोध के पात्र बनते थे उनके जीवन नाश हो जाते थे, कभी-कभी तो उन देवताओं की एक
सनक के कारण ही।
उनकी
इन बातों को पढ़ने के बाद मैंने उपहास करते हुए सोचा कि कोई ऐसे देवताओं पर कैसे
विश्वास कर सकता था? परन्तु फिर मैंने अपने आप से भी प्रश्न किया, “जिस एकमात्र और
वास्तविक परमेश्वर पर मैं विश्वास रखती हूँ, क्या उसके प्रति मेरा दृष्टिकोण इससे
कुछ विशेष भिन्न है? क्या मैं भी यही नहीं सोचती हूँ कि यदि मैं उसपर कुछ संदेह
करूं तो वह भी शीघ्र ही क्रोधित हो जाएगा?” मुझे दुःख के साथ स्वीकार करना पड़ता है
कि अपने उन प्रश्नों के लिए मेरा उत्तर था “हाँ!”
इसीलिए
मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा द्वारा परमेश्वर से किए गए अनुरोध की सराहना
करती हूँ। मूसा ने परमेश्वर से निवेदन किया, “मुझे अपना तेज दिखा” (निर्गमन
33:18)। परमेश्वर ने मूसा को एक विशाल जन समूह, इस्राएलियों, का नेतृत्व करने और
उन्हें मिस्र की गुलामी से निकालकर ले जाने और कनान में देश में बसाने के लिए चुना
था। किन्तु ये इस्राएली अकसर मूसा और परमेश्वर के विरुद्ध कुड़कुड़ाते रहते थे; मूसा
जानना चाहता था कि उन इस्राएलियों की प्रवृत्ति को देखते हुए, इस बड़े और कठिन
कार्य में क्या परमेश्वर उसकी सहायता करता रहेगा? परमेश्वर ने मूसा के अनुरोध के
फलस्वरूप अपनी महिमा को उसपर प्रगट किया, और उसे अपना नाम तथा गुण बताए। परमेश्वर
ने अपने विषय कहा, “यहोवा, ईश्वर दयालु और
अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और
अति करूणामय और सत्य...” (निर्गमन 34:6)।
मूसा
से कही इस बात के द्वारा मुझे स्मरण आया कि हमारा परमेश्वर पिता आवेश में क्रोधित
होकर, लोगों पर टूट पड़ने वाला परमेश्वर नहीं है। यह बहुत शान्तिदायक है, विशेषकर
तब जब मैं कितनी ही बार क्रोधित अथवा अधीर होकर उसके विरुद्ध कुछ कटु बोल जाती हूँ
या उसपर संदेह करती हूँ। और इसलिए भी क्योंकि उसका आश्वासन है कि वह मुझे धीरे-धीर
अपने ही तेजस्वी स्वरुप में ढालता जा रहा है – जिसके लिए उसे मुझे आवश्यकतानुसार
काटना, छांटना, और तराशना भी पड़ता है।
हम
अपने जीवनों में ही परमेश्वर की महिमा और हमारे प्रति उसका धैर्य देख सकते हैं –
ढलते हुए सूरज का एक सुन्दर दृश्य, किसी मित्र द्वारा प्रोत्साहन और सहारा, और
सबसे उत्तम, हमारे अन्दर निवास करने वाले पवित्र-आत्मा की हमारे मार्गदर्शन के लिए
कोमल फुसफुसाहट - ये सभी हमारे जीवनों में
परमेश्वर की महिमा और कार्य के चिन्ह हैं। - लिंडा वॉशिंगटन
यद्यपि हम बहुधा बदलते रहते हैं, किन्तु
परमेश्वर कभी नहीं बदलता है।
परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु
का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में,
तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी
रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18
बाइबल पाठ: निर्गमन 33:18-19; 34:1-7
Exodus 33:18 उसने कहा मुझे अपना तेज दिखा
दे।
Exodus 33:19 उसने कहा, मैं तेरे सम्मुख हो कर चलते हुए तुझे अपनी सारी भलाई दिखाऊंगा, और तेरे सम्मुख यहोवा नाम का प्रचार करूंगा, और जिस
पर मैं अनुग्रह करना चाहूं उसी पर अनुग्रह करूंगा, और जिस पर
दया करना चांहू उसी पर दया करूंगा।
Exodus 34:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
पहिली तख्तियों के समान पत्थर की दो और तख्तियां गढ़ ले; तब जो वचन उन पहिली तख्तियों पर लिखे थे, जिन्हें तू
ने तोड़ डाला, वे ही वचन मैं उन तख्तियों पर भी लिखूंगा।
Exodus 34:2 और बिहान को तैयार रहना,
और भोर को सीनै पर्वत पर चढ़कर उसकी चोटी पर मेरे साम्हने खड़ा
होना।
Exodus 34:3 और तेरे संग कोई न चढ़ पाए,
वरन पर्वत भर पर कोई मनुष्य कहीं दिखाई न दे; और
न भेड़-बकरी और गाय-बैल भी पर्वत के आगे चरते पाएं।
Exodus 34:4 तब मूसा ने पहिली तख्तियों के
समान दो और तख्तियां गढ़ी; और बिहान को सवेरे उठ कर अपने हाथ
में पत्थर की वे दोनों तख्तियां ले कर यहोवा की आज्ञा के अनुसार पर्वत पर चढ़ गया।
Exodus 34:5 तब यहोवा ने बादल में उतर के
उसके संग वहां खड़ा हो कर यहोवा नाम का प्रचार किया।
Exodus 34:6 और यहोवा उसके साम्हने हो कर
यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा,
ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में
धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य,
Exodus 34:7 हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर
करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला
है, परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा,
वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी
देने वाला है।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 31-32
- मत्ती 9:18-38