मेरी आदत है कि प्रति प्रातः जब मैं अपने दफतर पहुँचता हूँ, मैं अपने ई-मेल देखता हूँ। अधिकांशतः उन्हें देखना रुचि की नहीं परन्तु एक औपचारिकता ही होती है, परन्तु कुछ ई-मेल ऐसे भी होते हैं जिन्हें देखकर उन्हें खोलने और पढ़ने का मैं बहुत इच्छुक हो जाता हूँ; आप ने सही समझा - मेरे प्रीय जनों से आए हुए ई-मेल!
किसी ने कहा है कि परमेश्वर का वचन बाइबल, परमेश्वर द्वारा हमें लिखा गया प्रेम पत्र है। हो सकता है कि, मेरे समान ही, किसी दिन आपका भी उस पवित्र शास्त्र को खोलने और पढ़ने का मन ना हो; और आपका मन भी भजन 119 लिखने वाले भजनकार के इन शब्दों के साथ ना गूँज रहा हो: "आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं!" (पद 97); बाइबल की बातें परमेश्वर की "आज्ञाएं" (पद 98), "चितौनियाँ" (पद 99), और "उपदेश" (पद 100) हैं।
वेस्ट मिनिस्टर ऐबे में प्राख्यात रहे थॉमस मैन्टन (1620-1677) द्वारा कही गई बात आज भी समकालीन तथा महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रश्नोत्तर में कहा: "पवित्र शास्त्र का लेखक कौन है? परमेश्वर। पवित्र शास्त्र का अन्त क्या है? परमेश्वर। पवित्र शास्त्र और क्यों लिखा गया सिवाए इसके कि हम धन्य परमेश्वर का आनन्द सर्वदा लेते रहें।"
कुछ लोगों के लिए कहा जाता है कि आप उन्हें जितना अधिक निकटता से जानेंगे, आप उतना कम आदर उन्हें देंगे; परन्तु परमेश्वर के विषय सत्य इसका विपरीत है। परमेश्वर के वचन से घनिष्ठता, वरन वचन के परमेश्वर से घनिष्ठता, उसके प्रति प्रेम को, उसके प्रति आदर एवं श्रद्धा को बढ़ाती है; और यह स्नेह हमें उसके साथ और भी अधिक घनिष्ठता बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
जब भी आप अपनी बाइबल को खोलें, तो इस ध्यान के साथ खोलें कि परमेश्वर आपको अपने प्रेम का कोई सन्देश देना चाहता; क्योंकि वह आप से बहुत प्रेम करता है इसलिए अपना प्रेम पत्र आपको दिया है। - पोह फ़ैंग चिया
बाइबल को जानने से हम बाइबल के परमेश्वर को जान पाते हैं।
मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूँ। - भजन 119:11
बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 23-24
- मत्ती 7