गोल्फ खेलने वाले जानते हैं कि किसी कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए वे कोई आसान मार्ग नहीं अपना सकते। यदि गोल्फ की गेंद समतल स्थल से लुढ़क कर ऊबड़खाबड़ स्थल पर चली जाए तो खेलने में आसानी के लिए खिलाड़ी उसे उठा कर वापस समतल स्थल पर नहीं रख सकता, उसे ऊबड़खाबड़ स्थान से ही आगे खेलना होता है।
युवा तीतुस ने भी अपने आप को कठिनाईयों में पाया। उसे क्रेते में रखा गया था कि वहाँ पर प्रभु के कार्य को बढ़ाए, लेकिन उसे कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा। क्रेते के निवासी सामान्यतः धोखेबाज़, अनैतिक और आलसी होते थे, और यही दुर्गुण वहाँ की मण्डली में भी प्रगट होने लगे थे। पौलुस को जब इसका पता चला तो अपने मित्र को प्रोत्साहित करने के लिए उसने तीतुस को पत्री लिखी। इस पत्री का सार इस प्रकार था, "हाँ, क्रेते में परिस्थिति काफी खराब है। लेकिन इसी लिए तो मैं ने तुम्हें वहाँ रखा है। परमेश्वर तुम्हें वहाँ एक बड़ा, महत्वपूर्ण और आवशयक परिवर्तन लाने के लिए प्रयोग कर सकता है।"
तीतुस ने अपने मित्र की सलाह को स्वीकार किया, और वह सफल हुआ। यद्यपि बाइबल इस प्रोत्साहन की पत्री के नतीजे तो नहीं बताती लेकिन पुरातत्व विशेष्ज्ञों ने क्रेते में विशाल चर्च भवनों के खण्डर पाए हैं और इन चर्च भवनों के कोने के पत्थरों पर "तीतुस" नाम खुदा हुआ है।
जब कभी हम कठिनाईयों का सामना कर रहे होते हैं तो किसी आसान मार्ग के तलाश करने के प्रयास से कोई लाभ होने वाला नहीं है। सही तरीका यह है कि परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें तथा चुनौतियों का खुलकर सामना करें, तब ही हम उन परिस्थितियों पर जयवन्त हो सकेंगे।
इससे न केवल हम बेहतर व्यक्ति बनेंगे, वरन साथ ही हमारा विश्वास भी दृढ़ होगा कि हमारा परमेश्वर हमें विजयी रख सकता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
मैं इसलिये तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारे, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर नगर प्राचीनों को नियुक्त करे। - तीतुस १:५
बाइबल पाठ: तीतुस १
Tit 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर का दास और यीशु मसीह का प्रेरित है, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के विश्वास, और भक्ति के अनुसार है।
Tit 1:2 उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिस की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने, जो झूठ बोल नहीं सकता, सनातन से की है।
Tit 1:3 पर ठीक समय पर अपने वचन को उस प्रचार के द्वारा प्रगट किया, जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मुझे सौंपा गया।
Tit 1:4 तीतुस के नाम जो विश्वास की सहभागिता के विचार से मेरा सच्चा पुत्र है: परमेश्वर पिता और हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु से अनुग्रह और शान्ति होती रहे।
Tit 1:5 मैं इसलिये तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारे, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर नगर प्राचीनों को नियुक्त करे।
Tit 1:6 जो निर्दोष और एक ही पत्नी के पति हों, जिन के लड़केबाले विश्वासी हों, और जिन्हें लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं।
Tit 1:7 क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करने वाला, और न नीच कमाई का लोभी।
Tit 1:8 पर पहुनाई करने वाला, भलाई का चाहने वाला, संयमी, न्यायी, पवित्र और जितेन्द्रिय हो।
Tit 1:9 और विश्वासयोग्य वचन पर जो धर्मोपदेश के अनुसार है, स्थिर रहे कि खरी शिक्षा से उपदेश दे सके और विवादियों का मुंह भी बन्द कर सके।
Tit 1:10 क्योंकि बहुत से लोग निरंकुश बकवादी और धोखा देने वाले हैं विशेष करके खतना वालों में से।
Tit 1:11 इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं।
Tit 1:12 उन्हीं में से एक जन ने जो उन्हीं का भविष्यद्क्ता हैं, कहा है, कि क्रेती लोग सदा झूठे, दुष्ट पशु और आलसी पेटू होते हैं।
Tit 1:13 यह गवाही सच है, इसलिये उन्हें कड़ाई से चितौनी दिया कर, कि वे विश्वास में पक्के हो जाएं।
Tit 1:14 और वे यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएं, जो सत्य से भटक जाते हैं।
Tit 1:15 शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तु शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं: वरन उन की बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं।
Tit 1:16 वे कहते हैं, कि हम परमेश्वर को जानते हैं: पर अपने कामों से उसका इन्कार करते हैं, क्योंकि वे घृणित और आज्ञा न मानने वाले हैं: और किसी अच्छे काम के योग्य नहीं।
एक साल में बाइबल:
युवा तीतुस ने भी अपने आप को कठिनाईयों में पाया। उसे क्रेते में रखा गया था कि वहाँ पर प्रभु के कार्य को बढ़ाए, लेकिन उसे कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ा। क्रेते के निवासी सामान्यतः धोखेबाज़, अनैतिक और आलसी होते थे, और यही दुर्गुण वहाँ की मण्डली में भी प्रगट होने लगे थे। पौलुस को जब इसका पता चला तो अपने मित्र को प्रोत्साहित करने के लिए उसने तीतुस को पत्री लिखी। इस पत्री का सार इस प्रकार था, "हाँ, क्रेते में परिस्थिति काफी खराब है। लेकिन इसी लिए तो मैं ने तुम्हें वहाँ रखा है। परमेश्वर तुम्हें वहाँ एक बड़ा, महत्वपूर्ण और आवशयक परिवर्तन लाने के लिए प्रयोग कर सकता है।"
तीतुस ने अपने मित्र की सलाह को स्वीकार किया, और वह सफल हुआ। यद्यपि बाइबल इस प्रोत्साहन की पत्री के नतीजे तो नहीं बताती लेकिन पुरातत्व विशेष्ज्ञों ने क्रेते में विशाल चर्च भवनों के खण्डर पाए हैं और इन चर्च भवनों के कोने के पत्थरों पर "तीतुस" नाम खुदा हुआ है।
जब कभी हम कठिनाईयों का सामना कर रहे होते हैं तो किसी आसान मार्ग के तलाश करने के प्रयास से कोई लाभ होने वाला नहीं है। सही तरीका यह है कि परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें तथा चुनौतियों का खुलकर सामना करें, तब ही हम उन परिस्थितियों पर जयवन्त हो सकेंगे।
इससे न केवल हम बेहतर व्यक्ति बनेंगे, वरन साथ ही हमारा विश्वास भी दृढ़ होगा कि हमारा परमेश्वर हमें विजयी रख सकता है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
समस्या जितनी बड़ी होगी, उतनी ही बड़ा परमेश्वर की सामर्थ को प्राप्त करने का अवसर भी होगा।
मैं इसलिये तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारे, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर नगर प्राचीनों को नियुक्त करे। - तीतुस १:५
बाइबल पाठ: तीतुस १
Tit 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर का दास और यीशु मसीह का प्रेरित है, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के विश्वास, और भक्ति के अनुसार है।
Tit 1:2 उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिस की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने, जो झूठ बोल नहीं सकता, सनातन से की है।
Tit 1:3 पर ठीक समय पर अपने वचन को उस प्रचार के द्वारा प्रगट किया, जो हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मुझे सौंपा गया।
Tit 1:4 तीतुस के नाम जो विश्वास की सहभागिता के विचार से मेरा सच्चा पुत्र है: परमेश्वर पिता और हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु से अनुग्रह और शान्ति होती रहे।
Tit 1:5 मैं इसलिये तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारे, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर नगर प्राचीनों को नियुक्त करे।
Tit 1:6 जो निर्दोष और एक ही पत्नी के पति हों, जिन के लड़केबाले विश्वासी हों, और जिन्हें लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं।
Tit 1:7 क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करने वाला, और न नीच कमाई का लोभी।
Tit 1:8 पर पहुनाई करने वाला, भलाई का चाहने वाला, संयमी, न्यायी, पवित्र और जितेन्द्रिय हो।
Tit 1:9 और विश्वासयोग्य वचन पर जो धर्मोपदेश के अनुसार है, स्थिर रहे कि खरी शिक्षा से उपदेश दे सके और विवादियों का मुंह भी बन्द कर सके।
Tit 1:10 क्योंकि बहुत से लोग निरंकुश बकवादी और धोखा देने वाले हैं विशेष करके खतना वालों में से।
Tit 1:11 इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं।
Tit 1:12 उन्हीं में से एक जन ने जो उन्हीं का भविष्यद्क्ता हैं, कहा है, कि क्रेती लोग सदा झूठे, दुष्ट पशु और आलसी पेटू होते हैं।
Tit 1:13 यह गवाही सच है, इसलिये उन्हें कड़ाई से चितौनी दिया कर, कि वे विश्वास में पक्के हो जाएं।
Tit 1:14 और वे यहूदियों की कथा कहानियों और उन मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन न लगाएं, जो सत्य से भटक जाते हैं।
Tit 1:15 शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तु शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं: वरन उन की बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं।
Tit 1:16 वे कहते हैं, कि हम परमेश्वर को जानते हैं: पर अपने कामों से उसका इन्कार करते हैं, क्योंकि वे घृणित और आज्ञा न मानने वाले हैं: और किसी अच्छे काम के योग्य नहीं।
एक साल में बाइबल:
- १ राजा १२-१३
- लूका २२:१-२०