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बुधवार, 12 मई 2021

प्रेम

 

          उन्नीस वर्ष की होने के तुरंत बाद, मैं अपनी माँ और घर से सात सौ मील दूर के एक स्थान पर जा कर काम करने और रहने लगी थी। यह तब की बात है जब न तो पेजर और न ही सेल-फोन थे; मैं प्रतिदिन माँ से साधारण लैंड-लाइन फोन के द्वारा बात किया करती थी। एक प्रातः, मुझे कुछ काम करने के लिए घर से सामान्य से जल्दी जाना पड़ा, और नियोजित समय पर मैं माँ से बात नहीं कर सकी। उस संध्या, मेरे घर पर दो पुलिसकर्मी मेरा हाल-चाल पूछने के लिए आ गए। माँ मेरे कुशल के लिए दिन भर चिंतित बनी रही थी; और बार बार मुझे फोन करती किन्तु हर बार उसे मेरे फोन के व्यस्त होने की ध्वनि ही सुनने को मिलती। अन्ततः माँ ने स्थानीय पुलिस सेवा की सहायता ली, और उन्हें बलपूर्वक कहा की वे जाकर देखें कि मैं ठीक हूँ कि नहीं। मेरे कुशल को पता करने के बाद, जाते हुए एक पुलिसकर्मी ने मुझ से कहा, “यह बहुत बड़ी आशीष है कि प्रेम तुम्हें ढूँढने से रुका नहीं।”

          उनके जाने के बाद जब माँ को फोन करने के लिए मैं फोन पर पहुँची, तो मुझे कारण का पता चला; गलती से मैंने फोन के हैंडल को ठीक से नहीं रखा था, और इस कारण वह व्यस्त होने की ध्वनि दे रहा था। मैंने माँ से बात की, उनसे क्षमा माँगी; और उन्होंने मेरे हाल-चाल जानने, मुझे सुरक्षित पाने के पश्चात कहा कि अब उन्हें यह भला समाचार शेष सभी परिवार जनों को भी बताना है – क्योंकि उन्होंने सबसे कह दिया था कि मुझे कुछ हो गया है, मैं कहीं गायब हो गई हूँ! फोन बन्द कर के रखते समय मैं सोचने लगी, कि क्या माँ की यह प्रतिक्रिया आवश्यकता से कुछ अधिक नहीं थी? किन्तु फिर भी इस एहसास ने कि मुझ से इतना प्रेम किया जाता है, एक अच्छी सी अनुभूति दी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर का बहुत सुन्दर चित्रण किया गया है – परमेश्वर प्रेम है; निरंतर प्रेम करता है, और अपने भटकने वाले बच्चों को अपने पास बुलाने और साथ रखने के निरंतर प्रयास करता रहता है। एक अच्छे चरवाहे के समान, वह अपनी प्रत्येक खोई हुई भेड़ की चिंता करता है, और उसे खोज कर निकाल कर ले कर आता है। इस प्रकार वह दिखता है कि हम उसके लिए कितने अमूल्य हैं, और वह एक को भी अपने से अलग नहीं होने दे सकता है (लूका 15:1-7)।

          परमेश्वर जो प्रेम है, अपने इस प्रेम के अंतर्गत हमेशा हम पर अपनी दृष्टि बनाए रखता है। यदि हम उससे दूर कहीं भटक जाएँ, तो जब तक हम लौट कर उसके पास वापस आ नहीं जाते हैं, वह हमें खोजता और पुकारता ही रहता है। उसके इस अद्भुत प्रेम के बारे में हमें औरों को भी बताना है, जिससे वो भी उसके इस प्रेम का अनुभव करें, और उसके साथ अनन्त आशीष के संबंध में जुड़ जाएँ। - सोहचील डिक्सन

 

प्रभु परमेश्वर, आपके इस अद्भुत प्रेम, देखभाल, और सुरक्षा के लिए बहुत धन्यवाद।


देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। - 1 यूहन्ना 3:1

बाइबल पाठ: लूका 15:1-7

लूका 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें।

लूका 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।

लूका 15:3 तब उसने उन से यह दृष्टान्त कहा।

लूका 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्यानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?

लूका 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है।

लूका 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।

लूका 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्यानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 15-16
  • यूहन्ना 3:1-18