हमारी मण्डली ने प्रातः की आराधना के अंत में एक नया रिवाज़ शुरू किया। हम एक दुसरे की ओर घुमते हैं और यहोवा के द्वारा इस्त्राएल के लिए मूसा को दी गई हारुनी आशीश को एक दूसरे के लिए दोहराते हैं, कि "यहोवा तुझे आशीश दे और तेरी रक्षा करे; यहोवा तुझ पर अपने मुखः का प्रकाश चमकाए......"(गिनती ६:२४-२६)। एक दूसरे की ओर देखकर, एक सहविश्वासी को आशीर्वाद देने से हमारा हृदय उत्साहित होता है।
एक रविवार को मैंने विशेष और मर्मसपर्षी रूप में इस आशीर्वाद प्रक्रिया को देखा, जो अब हर हफ्ते करी जाती है। सामने के बेंच पर ऑस्कर और मारियन कार्लसन बैठे थे। वे प्रभु यीशु के साथ चलने वाले और अपने ६२ सालों के वैवाहिक जीवन में एक दूसरे के प्रति समर्पित दम्पति थे। जब हम आशीर्वादी अनुग्रह गाने लगे, तब ऑस्कर ने अपना हाथ बढ़ाकर मारियन के हाथ अपने हाथों में लिए, और दुसरों को अनुग्रह देने से पहले परस्पर देखकर एक दुसरे को आशीर्वाद दिया। उनके निकट खड़े लोगों ने उनके मुखः पर एक दुसरे के प्रति प्रेम एवं कोमलता को देखा।
आशीर्वाद देना, आराधना अंत करने का एक रिवाज़ मात्र नहीं है, वह एक दिल से निकली प्रार्थना है कि परमेश्वर की भलाई दूसरे के साथ बनी रहे। ऑस्कर और मारियन ने इसका गहरा अर्थ व्यक्त किया। जब हम दुसरों को आशीर्वाद देते हैं तो मसीह की मृत्यु के द्वारा परमेश्वर ने हम पर जो अनुग्रह किया है, उसके लिए हम अपनी कृतज्ञता भी प्रगट करते हैं (इब्रानियों १३:२०,२१)। - डैविड एग्नर
परमेश्वर हमें आशीशित करता है, ताकि हम दुसरों को आशीशित करें।
यहोवा तुझे आशीश दे और तेरी रक्षा करे। - गिनती ६:२४
बाइबल पाठ: गिनती ६:२२-२७
बाइबल पाठ: गिनती ६:२२-२७
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन १२, १३
- मत्ती १६