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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

स्वाद


   एक दोपहर की बात है, एंजेला ने अपनी बेटी एलियाना को चार टौफियाँ दीं और उससे बड़े स्पष्ट शब्दों में दृढ़ता से कहा कि आज के लिए उसे बस इतनी ही मिलेंगी, इससे अधिक और इसके बाद एक भी नहीं। एंजेला के देखते देखते उस बच्ची एलियाना ने तीन टौफियाँ तो बड़ी जल्दी जल्दी खालीं परन्तु चौथी को खाने में उसने बहुत समय लगाया। एलियाना ने उस दिन की उस अन्तिम टौफी को धीरे धीरे चूसा, कभी वह उसे अपने मुँह से निकालती और उसका एक छोटा सा टुकड़ा दाँतों से काट कर चूसती, कभी मुँह के बाहर ही उसपर जीभ फेरकर उसका स्वाद लेती। अपनी उस दिन की उस अन्तिम टौफी को खत्म कर लेने में एलियाना ने पूरे 45 मिनिट लगाए। एंजेला अपनी बेटी की यह करतूत बड़ी दिलचस्पी से देखती रही। एंजेला को एहसास हुआ कि वह एलियाना को एक महत्वपूर्ण पाठ सीखते देख रही है - स्वाद लेने और रस तथा आनन्द का अन्तिम कतरा तक निकाल पाने का पाठ।

   कुछ ऐसी ही आशा परमेश्वर भी हमसे अपने वचन बाइबल के पढ़े जाने के प्रति रखता है। वह चाहता है कि हम समय लगाकर, मनन कर के, गंभीरता और अर्थपूर्ण रीति से उसके वचन का अध्ययन करें, जिससे उसका पूरा पूरा स्वाद ले सकें, उसकी गहराईयों को समझ सकें और उसकी संगति का आनन्द उठा सकें। दाउद ने कहा, "चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है!" (भजन 34:8)। प्रभु यीशु ने स्पष्ट कहा है कि उसके वचन के साथ समय बिताना ही उसके प्रति हमारे प्रेम का सूचक है, परमेश्वर के साथ समय बिताना है, जो यह करते हैं परमेश्वर भी उनसे प्रेम करता है और उनके साथ वास करता है: "जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।" (यूहन्ना 14:21, 23)।

   परमेश्वर के वचन का स्वाद लेना सीखिए - उसपर मनन करने के द्वारा, अपने हृदय में उसे बसा लेने के द्वारा, उसका पालन करने के द्वारा, उसे दूसरों के साथ बांटने के द्वारा, दूसरों को इस जीवते वचन की सामर्थ और प्रतिभा बताने के द्वारा और आप पाएंगे कि आपके अपने जीवन का स्वाद संसार की कड़ुवाहट से भरने की बजाए ईश्वरीय सुगन्ध और मिठास से भर जाएगा। - सिंडी हैस कैस्पर


हम मसीही विश्वासीयों सबसे बड़ा सौभाग्य परमेश्वर का स्वाद लेते रहना है।

चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है। - भजन 34:8

बाइबल पाठ: भजन 34:1-10
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।
Psalms 34:8 चखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।
Psalms 34:9 हे यहोवा के पवित्र लोगों, उसका भय मानो, क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात की घटी नहीं होती!
Psalms 34:10 जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होवेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 1-3 
  • लूका 8:26-56