पहली बार जब मैं इस्तांबुल में स्थित यूनानी
साम्राज्य के समय में बने अत्याधिक सुन्दर चोरा चर्च को देखने गई, तो मैं उसकी छत
पर बने भीति-चित्रों और पच्चीकारी में से कुछ बाइबल की कहानियों को पहचान सकी। परन्तु
फिर भी बहुत कुछ था जिसे मैं पहचान या समझ नहीं सकी। लेकिन जब मैं दूसरी बार गई तो
मेरे साथ एक गाइड भी था। उस गाइड ने मुझे उन सब बातों और संकेतों को दिखाया जिन पर
मैं पहली बार ध्यान नहीं देने पाई थी, और उन सब की सहायता से अब सब कुछ समझ में आ
रहा था। उदाहरण के लिए, पहला गलियारा लूका रचित सुसमाचार के अनुसार व्यक्त यीशु के
जीवन को दर्शाता था।
कभी-कभी जब हम परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ते
हैं, तो हम कुछ साधारण बातों को तो समझने पाते हैं, परन्तु वे परस्पर सामंजस्य की
बातें, जो पवित्र शास्त्र के एक भाग को दूसरे से जोड़ती हैं, क्या उन्हें देखने,
उपयोग करने और उन के अनुसार बाइबल की बातों को समझने पाते हैं? हमारी सहायता के
लिए हमारे पास बाइबल की व्याख्याएँ और अन्य अध्ययन में सहायक सामग्री भी है,
परन्तु हमें भी एक गाइड की आवश्यकता होती है जो हमारी सहायता और मार्गदर्शन करे,
हमारे आँखों को परमेश्वर के वचन में लिखी बातों को देख पाने के लिए सक्षम करे। हमारा
यह सहायक, स्वयं परमेश्वर का पवित्र आत्मा है, जो हमें सब कुछ सिखाता है (यूहन्ना
14:26)। पौलुस ने लिखा कि वह “...आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं” (1 कुरिन्थियों 2:13)।
यह कितनी अद्भुत बात है कि पुस्तक का लेखक
स्वयं ही, हमें उस पुस्तक की अद्भुत बातें दिखाता और सिखाता है। न केवल परमेश्वर
ने हमें अपना लिखित वचन और प्रकाशन दिया है, परन्तु वह हमें उसे समझाता भी है। इस
लिए हम भजनकार के साथ मिल कर कहें, “मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं”
(भजन 119:18)। - कीला ओकोआ
पवित्र शास्त्र
को समझने के लिए हमें परमेश्वर की सहायता चाहिए होती है।
मुझ से
प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू
अभी नहीं समझता। - यिर्मयाह 33:3
बाइबल पाठ:
यूहन्ना 14:23-31
यूहन्ना 14:23
यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम
रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके
साथ वास करेंगे।
यूहन्ना 14:24
जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का
है, जिसने मुझे भेजा।
यूहन्ना 14:25
ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।
यूहन्ना 14:26
परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम
से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।
यूहन्ना 14:27
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें
देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं
तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
यूहन्ना 14:28
तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि
मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से
प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्योंकि पिता मुझ से बड़ा है।
यूहन्ना 14:29
और मैं ने अब इस के होने से पहिले तुम से कह दिया है, कि जब
वह हो जाए, तो तुम प्रतीति करो।
यूहन्ना 14:30
मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्योंकि इस
संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं।
यूहन्ना 14:31
परन्तु यह इसलिये होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूं, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता
हूं: उठो, यहां से चलें।
एक साल में
बाइबल:
- 2 इतिहास 21-22
- यूहन्ना 14