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गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

अद्भुत प्रस्ताव


   प्रतिदिन ई-मेल द्वारा मुझे धन देने के लिए मिलने वाले अविश्वसनीय प्रस्तावों से मैं चकित हूँ। हाल ही में मैंने एक सप्ताह में मुफ्त मिलने वाले धन के इन प्रस्तावों का योग किया तो पाया कि वह 260 लाख अमरीकी डॉलर की राशि बनती है। लेकिन इन में से प्रत्येक प्रस्ताव, चाहे वह मेरे द्वारा 10 लाख डॉलर का ईनाम जीते जाने का प्रस्ताव हो या 70 लाख डॉलर प्राप्त कर पाने की प्रस्तावना हो, सब झूठे और बेईमान लोगों द्वारा मेरी कमाई को ठगने और मुझे नुकसान पहुँचाने के लिए थे; कोई भी वास्तविक और मेरे लाभ के लिए नहीं था। हम सब, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे ही अद्भुत प्रस्तावों द्वारा अलग अलग तरह से ठगे जाने का सामना करते हैं। हमें झूठी आशा और काल्पनिक कथाओं के द्वारा एसी बातों पर विश्वास करने के लिए उकसाया जाता है जिनका कोई यथार्त नहीं है और जिनका अन्त केवल टूटे सपने और दुख ही होता है।

   लेकिन एक प्रस्ताव है जो अद्भुत और अविश्वसनीय होने के बावजूद खरा और बिलकुल सच्चा है - परमेश्वर का, प्रभु यीशु मसीह के कलवरी के क्रूस पर किए गए कार्य द्वारा मिलने वाली पापों की क्षमा, उद्धार और अनन्त जीवन का प्रस्ताव: "उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों 16:31)। यह ऐसा प्रस्ताव है, जो आज मेरे और आपके लिए तो मुफ्त उपलब्ध है, किंतु इसे मेरे और आपके लिए कार्यकारी बनाने के लिए प्रभु यीशु को एक बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी; अर्थात किसी दूसरे द्वारा चुकाई गई कीमत का लाभ आज संसार के प्रत्येक जन के लिए उपलब्ध किया गया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में रोम के मसीही विश्वासियों के नाम लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस प्रभु यीशु के विषय में कहता है, "वह हमारे अपराधों के लिये पकड़वाया गया, और हमारे धर्मी ठहरने के लिये जिलाया भी गया" (रोमियों 4:25)।

   परमेश्वर के इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने और अपनाने से हमें केवल उद्धार ही नहीं वरन उसके साथ आशा (तीतुस 1:2), शान्ति (रोमियों 5:1), क्षमा (इफिसियों 1:7), असीम अलौकिक धन (इफिसियों 2:7) और संसार की बातों से छुटकारा (इफिसियों 4:30) भी मिलता है। यही वास्तविक और खरा सौदा है; प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान इसकी पुष्टि करते हैं, इसे प्रमाणित करते हैं। संसार की मन-गढ़न्त बातों और धोखों पर नहीं वरन परमेश्वर के अद्भुत प्रस्ताव पर विश्वास कीजिए, उसे परख कर देखिए और तब ही अपनाइए, और उस से अपने जीवन को सार्थक बनाईए। - डेव ब्रैनन


हमारा उद्धार परमेश्वर के लिए बहुत महंगा था, परन्तु उसने उसे हमारे लिए मुफ्त दे दिया है।

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। - रोमियों 6:23

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:3-9
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 8-9
  • लूका 21:1-19



बुधवार, 29 अप्रैल 2015

देखभाल


   परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद द्वारा लिखे एक भजन में उठाया गया एक प्रश्न, "...कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा?..." (भजन 4:6) आज के समय में भी उतना ही सार्थक है जितना दाऊद के लिए तब था। दाऊद द्वारा तब कही गई यह बात आज के संसार में व्याप्त निराशावादी परिस्थितियाँ तथा दृष्टिकोण का चित्रण भी है। अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर दी गई खबरें और इंटरनैट तथा टेलिविज़न आदि पर दिए जाने वाले समाचार अधिकांशतः अपराधों, दुर्घटनाओं, राजनीति और उसकी बुराईयों, अर्थव्यवस्था और उस को लेकर हमारे सामने मंडरा रहे खतरों और समाज के प्रमुख लोगों के बुरे आचरण इत्यादि बातों पर ही केंद्रित होते हैं। जीवन के किसी भी क्षेत्र में देख लें, आज के समय में भलाई की बहुत कम और बुराई की चर्चा एवं उदाहरण बहुत अधिक पाए जाते हैं; इसलिए, दाऊद द्वारा उठाया गया यह प्रश्न, "...कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा?..." हमारे लिए भी समकालिक हो जाता है।

   इसी भजन में दाऊद हमें इस प्रश्न का उत्तर भी देता है। अपने इन कठिन समयों में दाऊद परमेश्वर की ओर मुड़ा और परमेश्वर ने उसके संकट को दूर किया (पद 1), उसकी प्रार्थना को सुना (पद 3)। परिस्थितियों के परिवर्तन से मिलने वाली अस्थायी भलाईयों की आशा करने की बजाए दाऊद ने परमेश्वर से स्थायी प्रोत्साहन प्राप्त किया जिसका प्रतिफल मन का ऐसा आनन्द था जो संसार से मिलने वाली किसी भी संपन्नता या सफलता से कहीं अधिक बढ़कर था (पद 6-7)।

   दाऊद के संपूर्ण जीवन भर, उसके इस्त्राएल का राजा बनने से पहले तथा बाद में भी, उसे सदा ही विरोधियों का सामना करते रहना पड़ा, लेकिन फिर भी वह कह सका, "मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है" (पद8)।

   परमेश्वर के वचन में दिए इस भजन पर मनन कीजिए, उसके सत्यों को अपनाईए और उनके साथ अपने दिन का आरंभ कीजिए; ये आपको आपके लिए परमेश्वर की देखभाल के विषय में आश्वस्त रखेंगे। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


जीवन के तूफानों में परमेश्वर ही सुरक्षित शरणस्थल है।

हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है? और तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा लगाए रह; क्योंकि मैं उसके दर्शन से उद्धार पाकर फिर उसका धन्यवाद करूंगा। - भजन 42:5

बाइबल पाठ: भजन 4:1-8
Psalms 4:1 हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
Psalms 4:2 हे मनुष्यों के पुत्रों, कब तक मेरी महिमा के बदले अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? 
Psalms 4:3 यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा। 
Psalms 4:4 कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो। 
Psalms 4:5 धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो। 
Psalms 4:6 बहुत से हैं जो कहते हैं, कि कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! 
Psalms 4:7 तू ने मेरे मन में उस से कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उन को अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता था। 
Psalms 4:8 मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 6-7
  • लूका 20:27-47


मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

भय और शान्ति


   मेरे पहले बच्चे के जन्म के समय मेरी पत्नि मार्लीन 30 घंटे तक प्रसव पीड़ा में रही, जो उसके तथा बच्चे दोनों के लिए बहुत तनावपूर्ण और कठिन हो गया। जो चिकित्सक मेरी पत्नि के प्रसव के लिए आई थी वह उसकी नियमित चिकित्सक से भिन्न थी, मार्लीन और होने वाले बच्चे के बारे में अधिक नहीं जानती थी इसलिए उसके द्वारा मार्लीन का ऑपरेशन करके बच्चे को बाहर निकालने का निर्णय लेने में विलंब हुआ। इस विलंब के कारण जनम के समय बच्चे के प्राणों को खतरा हुआ और उसे जन्म के तुरंत बाद ही नवजात शिशुओं के सघन-चिकित्सा-इकाई में इलाज के लिए रखना पड़ा। वहाँ उस इकाई में उसे पालने में असहाय सा पड़ा देखना मेरे लिए बहुत भयानक और दुखःदायी था, मुझे नहीं याद कि मैं उस से बढ़कर भयानक या भयभीत कर देने वाली किसी अन्य स्थिति से कभी निकला हूँ। परमेश्वर के अनुग्रह से मेरा बेटा मैट, उस परिस्थिति से बिना किसी नुकसान के सुरक्षित निकल आया; लेकिन मैं यह भी जानता हूँ कि उस समय मैं ने प्रभु यीशु की अपने निकट बनी उपस्थिति को अनुभव किया, उससे प्रार्थना में बातें करीं, कठिन और दुख:दायी परिस्थितियों में भी उपलब्ध उसकी शान्ति को जाना।

   ना केवल जीवन के आतंकित कर देने वाले समयों में, वरन जीवन के प्रत्येक समय में दुखी मन को परमेश्वर की उपस्थिति और देखभाल के एहसास के समान शान्ति देने वाला अन्य कुछ नहीं है। दाऊद ने अपने एक भजन में लिखा, "चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है" (भजन 23:4)।

   जब कोई भय आतंकित कर रहा हो तो स्मरण रखिए कि परमेश्वर आपके साथ है; उसकी शान्तिदायक उपस्थिति आपको प्रत्येक संघर्ष से सुरक्षित निकल लेगी और आशीषित करेगी। - बिल क्राउडर


शान्ति परमेश्वर की उपस्थिति से होती है।

यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? - भजन 27:1

बाइबल पाठ: भजन 23:1-6
Psalms 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। 
Psalms 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; 
Psalms 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है। 
Psalms 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।
Psalms 23:5 तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है। 
Psalms 23:6 निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 3-5
  • लूका 20:1-26



सोमवार, 27 अप्रैल 2015

बुलाहट


   मैं अपने सहकर्मियों के साथ हवाई अड्डे की सुरक्षा जाँच से निकल कर वायुयान में जाने की ओर बढ़ रही थी कि मुझे मेरा नाम दो बार पुकारे जाते हुए सुनाई दिया। क्योंकि मेरा नाम आम नामों से थोड़ा भिन्न है इसलिए मैं निश्चित थी कि यह पुकार मेरे लिए ही होगी। मुझे लगा कि शायद मैं अपनी कोई चीज़ वहाँ सुरक्षा जाँच के समय भूल आई हूँ जिसके लिए मुझे बुलाया जा रहा है। इसलिए मैंने पुकार लगाने वाले डेस्क पर फोन करके अपना नाम पुकारे जाने का कारण जानना चाहा तो मुझे उत्तर मिला कि उन्होंने तो मेरा नाम पुकारा ही नहीं। जब मैंने कहा कि मुझे दो बार अपना नाम सुनाई दिया है तौभी उनका दृढ़ उत्तर था कि उन्होंने मेरा नाम नहीं पुकारा। मुझे कभी यह पता नहीं चलने पाया कि मेरा नाम उस दिन क्यों पुकारा गया!

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एक बालक, शमूएल ने भी अपने नाम को पुकारे जाते सुना (1 शमूएल 3:4)। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि, "उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था" (1 शमूएल 3:7)। इसलिए शमूएल को अपना नाम सुनकर लगा कि मन्दिर के प्रधान पुरोहित, एली उसे बुला रहा है और वह उठकर उसके पास गया; एली ने बात को समझकर शमूएल का मार्गदर्शन किया और तब फिर शमूएल परमेश्वर से अपने लिए परमेश्वर की योजना को जानने पाया। आगे चलकर शमूएल बाइबल के प्रमुख नायकों में से एक बना।

   प्रभु यीशु संसार के सभी लोगों को उन्हें उनकी समस्याओं से शान्ति एवं विश्राम देने के लिए बुलाता है: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28); यह संसार के लिए उसकी बुलाहट है - आओ और सेंतमेंत में पापों की क्षमा, उद्धार तथा परमेश्वर की शान्ति स्वेच्छा से ले लो। इसी प्रकार परमेश्वर की अपने प्रत्येक विश्वासी को आशीषित करने के लिए एक योजना है, उसने हम सब मसीही विश्वासियों के करने के लिए कुछ ना कुछ निर्धारित किया है "क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया" (इफिसियों 2:10) जिसके लिए वह हमें बुलाता है।

   परमेश्वर की बुलाहट संसार तथा उसके अनुयायियों, दोनों के लिए है - उसकी बुलाहट को सुनें और उसकी बात को मानें; वह केवल आपका भला ही चाहता है। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु सभी बेचैन लोगों को चैन देने के लिए बुलाता है।

क्योंकि ईश्वर तो एक क्या वरन दो बार बोलता है, परन्तु लोग उस पर चित्त नहीं लगाते। - अय्युब 33:14

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 3:1-10
1 Samuel 3:1 और वह बालक शमूएल एली के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करता था। और उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था; और दर्शन कम मिलता था। 
1 Samuel 3:2 और उस समय ऐसा हुआ कि (एली की आंखे तो धुंघली होने लगी थीं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था, 
1 Samuel 3:3 और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और शमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था लेटा था; 
1 Samuel 3:4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा! 
1 Samuel 3:5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:6 तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। 
1 Samuel 3:7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था। 
1 Samuel 3:8 फिर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठ के एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। तब एली ने समझ लिया कि इस बालक को यहोवा ने पुकारा है। 
1 Samuel 3:9 इसलिये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, कि हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है तब शमूएल अपने स्थान पर जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:10 तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 1-2
  • लूका 19:28-48



रविवार, 26 अप्रैल 2015

वर्तमान ऋतु


   जीवन अनेक बातों में ऋतुओं की तरह होता है...वह सदा एक सा नहीं रहता, उसमें बदलाव आता रहता है, और चाहे हमें पसन्द हो अथवा नहीं, उस ऋतु से होकर हमें निकलना ही पड़ता है। जब भी हमें परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है, तो मन में भविष्य को लेकर एक अनिश्चितता और आशंका बनी रहती है। ऐसा विशेषकर जीवन के बाद के, अर्थात जीवन की शरद ऋतु के समयों को लेकर होता है, जब हम अनेक प्रकार के विचारों को लेकर घबराते हैं, जैसे - क्या मैं अकेला रह जाऊँगा? क्या मेरा स्वास्थ्य ठीक बना रहेगा? क्या उन दिनों और उन से जुड़ी समस्याओं के लिए मेरे पास पर्याप्त पूँजी होगी? क्या मेरा मस्तिष्क चुस्त बना रहेगा? इत्यादि।

   जैसे कि जीवन की प्रत्येक ऋतु के साथ होता है, जीवन की इस शरद ऋतु में आकर भी हमें कुछ निर्णय लेने होते हैं, जिनमें से प्रमुख है - क्या मैं इस समय को अपनी अनिश्चितताओं और आशंकाओं में व्यर्थ गंवा दूंगा, या फिर प्रेरित पौलुस द्वारा इफिसुस की मसीही मण्डली को दिए गए निर्देश, "और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं" (इफिसियों 5:16) के अनुसार उसका सदुपयोग करूँगा।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए तो यह आश्वासन सदा रहता है कि हम जीवन कि चाहे किसी भी ऋतु से होकर निकल रहे हों, हमारा परमेश्वर पिता सदा हमारे साथ बना रहता है, वह हमारे लिए सदा विश्वासयोग्य बना रहता है, "तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है" (इब्रानियों 13:5-6)। क्योंकि हमारे साथ परमेश्वर की उपस्थिति और संसाधन हैं इसलिए हमें किसी ऋतु के किसी दुषप्रभाव की कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हम प्रत्येक ऋतु का सदुपयोग अपने तथा समस्त संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के निकट बने रहने में व्यतीत कर सकते हैं - उसके वचन बाइबल के अध्ययन करने, उससे प्रार्थना करने, उसके लिए आनन्द एवं उदारता के साथ लोगों की सहायता तथा सेवा करने के द्वारा।

   हमारे जीवनों की यह वर्तमान ऋतु हमें परमेश्वर पिता से मिली आशीष है, इससे आशंकित ना हों वरन इसका सदुपयोग उसकी महिमा के लिए करें। - जो स्टोवैल


जीवन महत्वपूर्ण है; इसे व्यर्थ ना जाने दें!

यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा। विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे। - भजन 37:18-19

बाइबल पाठ: इफिसियों 5:15-21
Ephesians 5:15 इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। 
Ephesians 5:16 और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। 
Ephesians 5:17 इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है? 
Ephesians 5:18 और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। 
Ephesians 5:19 और आपस में भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो। 
Ephesians 5:20 और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। 
Ephesians 5:21 और मसीह के भय से एक दूसरे के आधीन रहो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27



शनिवार, 25 अप्रैल 2015

कठिन


   बहुत साल पहले की बात है, युवकों के एक शिविर में मैं कुछ हठीले और अवाज्ञाकारी लड़कों के दल का संचालक एवं सलाहकार था। उनके आचरण तथा रवैये को देखते हुए उनके साथ सामन्य व्यवहार करना एक चुनौती भरा कार्य था। वे शिविर स्थल के चिड़ियाघर के जानवरों से दुर्व्यवहार करते, एक दुसरे के साथ लड़ते-झगड़ते और कठिनाई से ही बात मानते थे। उनके साथ व्यवहार रखने के लिए मैंने संयमी तथा शान्त किंतु अपने निर्देशों एवं निर्णयों में दृढ़ बने रहने का मार्ग अपनाया। अकसर वे मुझे खिसिया देते थे, किंतु मैं सदा इस बात का ध्यान रखता था कि उनकी भौतिक आवश्यकताएं पूरी होती रहें।

   चाहे बाहर से मेरा व्यवहार उनके प्रति प्रेम पूर्ण दिखाई देता था, परन्तु अन्दर ही अन्दर मैं अकसर अनुभव करता था कि बस किसी तरह से मैं उनके साथ निभा भर ही रहा हूँ। इस अनुभव ने मुझे हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता द्वारा अपने उद्दण्ड एवं हठीले बच्चों को सहन करते हुए उनकी देखरेख करते रहने के बारे में एक गहरी समझ प्रदान करी। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इस्त्राएलियों के मिस्त्र देश से निकल कर कनान देश में जाने की यात्रा का वर्णन दोहराते हुए परमेश्वर के लिए कहा, "और वह कोई चालीस वर्ष तक जंगल में उन की सहता रहा" (प्रेरितों 13:18); यद्यपि वह उन के व्यवहार के कारण उन इस्त्राएलियों से प्रसन्न नहीं था, वह उनकी देखभाल करता रहा, उनकी प्रत्येक आवश्यकता को पूरा करता रहा।

   संभव है कि हमारे द्वारा चिन्ता एवं सम्भाल करने के बावजूद कुछ लोग हमारे प्रति सकारात्मक रवैया ना दिखाएं; यदि ऐसा होता है तो हमें ध्यान करना चाहिए कि परमेश्वर भी हमारे प्रति बहुत धीरजवन्त रहता है, चाहे हम उसके प्रति कितने भी अनाज्ञाकारी रहें। साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारे परमेश्वर पिता ने हम मसीही विश्वासियों को अपना पवित्र आत्मा दिया है जिससे हम उसकी सामर्थ से इन कठिन परिस्थितियों का सामना करें, हमारे प्रति कृतघ्न रहने वाले तथा सामान्य व्यवहार रखने के लिए कठिन लोगों के प्रति भी हम धैर्य तथा प्रेम के साथ पेश आएं (मत्ती 5:44-45)।

   हम परमेश्वर से प्रार्थना करें और मांगें कि वह हमें उनसे भी प्रेम करने का धीरज और सामर्थ दे जिनसे प्रेम करना कठिन है। - डेनिस फिशर


जैसा परमेश्वर आपके साथ धीरजवन्त और प्रेमी रहा है, आप भी दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार रखें।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45

बाइबल पाठ: प्रेरितों 13:14-23
Acts 13:14 और पिरगा से आगे बढ़कर के पिसिदिया के अन्‍ताकिया में पहुंचे; और सब्त के दिन अराधनालय में जा कर बैठ गए। 
Acts 13:15 और व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्‍तक के पढ़ने के बाद सभा के सरदारों ने उन के पास कहला भेजा, कि हे भाइयों, यदि लोगों के उपदेश के लिये तुम्हारे मन में कोई बात हो तो कहो। 
Acts 13:16 तब पौलुस ने खड़े हो कर और हाथ से सैन कर के कहा; हे इस्त्राएलियों, और परमेश्वर से डरने वालों, सुनो। 
Acts 13:17 इन इस्त्राएली लोगों के परमेश्वर ने हमारे बापदादों को चुन लिया, और जब थे मिस्त्र देश में परदेशी हो कर रहते थे, तो उन की उन्नति की; और बलवन्‍त भुजा से निकाल लाया। 
Acts 13:18 और वह कोई चालीस वर्ष तक जंगल में उन की सहता रहा। 
Acts 13:19 और कनान देश में सात जातियों का नाश कर के उन का देश कोई साढ़े चार सौ वर्ष में इन की मीरास में कर दिया। 
Acts 13:20 इस के बाद उसने सामुएल भविष्यद्वक्ता तक उन में न्यायी ठहराए। 
Acts 13:21 उसके बाद उन्हों ने एक राजा मांगा: तब परमेश्वर ने चालीस वषै के लिये बिन्यामीन के गोत्र में से एक मनुष्य अर्थात कीश के पुत्र शाऊल को उन पर राजा ठहराया। 
Acts 13:22 फिर उसे अलग कर के दाऊद को उन का राजा बनाया; जिस के विषय में उसने गवाही दी, कि मुझे एक मनुष्य यिशै का पुत्र दाऊद, मेरे मन के अनुसार मिल गया है। वही मेरे सारी इच्छा पूरी करेगा। 
Acts 13:23 इसी के वंश में से परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार इस्त्राएल के पास एक उद्धारकर्ता, अर्थात यीशु को भेजा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 21-22
  • लूका 18:24-43



शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

अन्त तक विश्वासयोग्य


   इंगलैण्ड में होने वाली सालोमौन किल्डर मैरथन दौड़ में भाग लेने वाले एक धावक 32 किलोमीटर, अर्थात 20 मील तक दौड़ने के पश्चात दौड़ से बाहर निकला, दौड़ की समाप्ति स्थल के निकट तक के एक वन क्षेत्र तक बस में चढ़कर गया वहाँ से फिर से दौड़ में सम्मिलित हो गया, और फिर दौड़ में तीसरा स्थान पाने का दावा करने लगा। जब दौड़ आयोजित करने वाले अधिकारियों ने उस से प्रश्न किए तो उसने कहा कि थक जाने के कारण वह दौड़ से बाहर हो गया था।

   हम में से कई मसीही विश्वासी अपने मसीही विश्वास की दौड़ के संदर्भ में उस थके हुए धावक के साथ सहानुभूति दिखा सकते हैं, क्योंकि कई बार हम भी थक कर विश्वासा की दौड़ में थमने या बाहर होने लगते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानी विश्वासियों को लिखी पत्री का लेखक अपने श्रोताओं को मसीही विश्वास की दौड़ के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहता है, "...वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें" (इब्रानियों 12:1)। धीरज से दौड़ने के लिए हमें हमारे मार्ग में बाधा बनने तथा हमें उलझाने वाले प्रत्येक पाप को दूर करना होगा; इसके लिए हमें सताव से होकर भी निकलना पड़ सकता है (2 तिमुथियुस 3:12)।

   अपनी आत्मा में थकन और जीवन में निराशा से बचने के लिए परमेश्वर का वचन हमें अपना सारा ध्यान मसीह यीशु पर केंद्रित करने के लिए उकसाता है। जब हम अपनी समस्याओं की बजाए मसीह यीशु पर अपना ध्यान लगाएंगे तो हम देखेंगे कि उन सभी परिस्थितियों में वह भी हमारे साथ ही दौड़ रहा है, जब भी हम ठोकर खाते हैं वह हमारी सहायता करता है (2 कुरिन्थियों 12:9) और अपने उदाहरण से हमें प्रोत्साहित करता है (1 पतरस 2:21-24)।

   अपने "विश्वास के करता और सिद्ध करने वाले" (इब्रानियों 12:2) प्रभु यीशु पर अपनी नज़रें और ध्यान लगाए रहने से हम अपनी सामर्थ के स्त्रोत के निकट तथा अपनी दौड़ में अन्त तक विश्वासयोग्य बने रह सकते हैं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जब हम मसीह यीशु पर केंद्रित रहते हैं, तब हम बलवन्त बने रहते हैं।

पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। - 2 तिमुथियुस 3:12

बाइबल पाठ: इब्रानियों 12:1-4
Hebrews 12:1 इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। 
Hebrews 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। 
Hebrews 12:3 इसलिये उस पर ध्यान करो, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया कि तुम निराश हो कर हियाव न छोड़ दो। 
Hebrews 12:4 तुम ने पाप से लड़ते हुए उस से ऐसी मुठभेड़ नहीं की, कि तुम्हारा लोहू बहा हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23



गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

दिखाई


   डेबोराह केन्ड्रिक अन्धी हैं लेकिन उन्हें ब्रॉडवे के संगीत नाटकों में जाना अच्छा लगता है, यद्यपि वहाँ उन्हें मंच की सज्जा और चल रहे नाटक के दौरान आते-जाते कलाकारों के हाव-भाव जानना तथा समझना कठिन होता है; लेकिन हाल ही में उन्होंने एक संगीत नाटक ’देखा’। जहाँ वह संगीत नाटक आयोजित किया गया था, उस रंगमंच पर एक नयी इलैकट्रौनिक तकनीक D-Scriptive का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें नाटक मंच पर चल रहे दृश्यों का पहले से ही रिकॉर्ड किए हुई वर्णन को, चल रहे नाटक में प्रयोग हो रही ध्वनि और प्रकाश के साथ समन्वयित करके इन सब का लगातार प्रसारण लोगों तक पहुँचाया जाता है जिससे उस विवरण को सुनने वाले को दिखाए जाने वाले दृश्यों का अच्छा अन्दाज़ा लगा सकता है। बाद में अपने इस अनुभव को लेकर डेबोराह केन्ड्रिक ने The Columbus Dispatch में लिखा, "यदि आप मुझ से पूछें कि क्या मैंने पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क में नाटक प्रदर्शन देखा, तो मेरा उत्तर होगा जी हाँ; मैंने वास्तव में, निःसन्देह वह प्रदर्शन देखा"।

   उसका यह अनुभव मुझे हमारे लिए परमेश्वर के वचन बाइबल को पवित्र आत्मा की सहायता से समझने का एक अच्छा उदाहरण प्रतीत हुआ। क्रूस पर बलिदान होने से कुछ ही पहले प्रभु यीशु ने अपने चेलों  से पवित्र आत्मा के विषय में कहा, "परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा" (यूहन्ना 14:26)।

   जब हम मसीही विश्वासी बाइबल खोलकर उसे पढ़ते या अध्ययन करते हैं तो सत्य का आत्मा, अर्थात परमेश्वर का पवित्र आत्मा हमें उस वचन के सत्य को समझाता है (यूहन्ना 16:13)। अपनी शारीरिक सामर्थ में होकर हम बाइबल के महान सत्यों और तथ्यों के प्रति मानो दृष्टिहीन हैं, लेकिन परमेश्वर के पवित्र आत्मा की सहायता से, उसके द्वारा समझाए जाने से हम उन बातों को देख और समझ सकते हैं। परमेश्वर ने हमें अपना आत्मा इसी लिए दिया है जिससे हम उसकी महान सच्चाईयों से अनजान ना रहें, वे हमें दिखाई दे सकें। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर पिता ने अपना आत्मा हमें अपने वचन को सिखाने के लिए दिया है।

परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। - यूहन्ना 16:13

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-27
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। 
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। 
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। 
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। 
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे। 
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में। 
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। 
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं। 
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। 
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा। 
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं। 
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। 
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37



बुधवार, 22 अप्रैल 2015

धूल


   जब परमेश्वर ने आदम को बनाने के लिए मिट्टी को इस्तेमाल करने का निर्णय किया (उत्पत्ति 2:7), तो उसे सामग्री के कम पड़ जाने की कोई चिंता नहीं रही होगी। हन्नाह होम्स के अनुसार, जो The Secret Life of Dust नामक पुस्तक की लेखिका हैं, "एक से लेकर तीन अरब टन धूल प्रतिवर्ष धरती से आकाश में उड़ती है। एक अरब टन धूल से मालगाड़ी के एक करोड़ चालिस लाख डब्बे भरे जा सकते हैं, जिन्हें यदि एक साथ जोड़ दिया जाए तो उनकी लंबाई भूमध्य रेखा पर पृथ्वी के चारों ओर छः बार लपेटे जाने वाली होगी।"

   हम में से किसी को भी धूल खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं होती, हमारे चारों ओर हमारी आवश्यकता से कहीं अधिक धूल विद्यमान रहती है। मैं अपने घर में धूल की उपस्थिति को नज़रन्दाज़ करूँ तो तुरंत वह मुझे परेशान नहीं करगी, लेकिन अन्ततः इतनी एकत्रित हो जाएगी कि मेरे लिए उसे और नज़रन्दाज़ करना कठिन हो जाएगा। तब मैं साफ करने का अपना सामान निकालकर जहाँ जहाँ वह धूल जम कर बैठी है, उसे वहाँ वहाँ से साफ करने लगती हूँ। जैसे जैसे मैं धूल को साफ करती हूँ, तो साफ चिकनी चमकीली सतहों पर मुझे अपना चेहरा प्रतिबिंबित होता हुआ दिखने लगता है। यह मुझे एक और आभास करवाता है - परमेश्वर ने एक मूल्यहीन वस्तु, धूल, को लिया और उससे कुछ अमूल्य - मैं और आप और संसार का अन्य हर जन, को बना दिया (उत्पत्ति 2:7)।

   यह तथ्य कि परमेश्वर ने हम मनुष्यों की रचना करने के लिए धूल या मिट्टी को चुना मुझे किसी भी चीज़ को मूल्यहीन कहने से पहले रुक कर सोचने पर बाध्य करता है; क्योंकि जिसे मैं मूल्यहीन समझकर अपने से दूर करना चाहता हूँ - चाहे वह कोई समस्या हो अथवा कोई व्यक्ति, संभव है कि परमेश्वर ने उसे अपनी सामर्थ तथा कार्य द्वारा मेरे जीवन में अमूल्य महिमा लाने के लिए चुन रखा हो!

   परमेश्वर के लिए किसी भी बात से कुछ अमूल्य बना देना कठिन नहीं है। - जूली ऐकैअरमैन लिंक



हम सब एक ही मिट्टी से बने हैं इसलिए एक दूसरे के प्रति कृपालु और ईमानदार रहें। - लौंगफैलो

निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं। - भजन 100:3

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 2:1-7
Genesis 2:1 यों आकाश और पृथ्वी और उनकी सारी सेना का बनाना समाप्त हो गया। 
Genesis 2:2 और परमेश्वर ने अपना काम जिसे वह करता था सातवें दिन समाप्त किया। और उसने अपने किए हुए सारे काम से सातवें दिन विश्राम किया। 
Genesis 2:3 और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उस में उसने अपनी सृष्टि की रचना के सारे काम से विश्राम लिया। 
Genesis 2:4 आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्पन्न हुए अर्थात जिस दिन यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया: 
Genesis 2:5 तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था; 
Genesis 2:6 तौभी कोहरा पृथ्वी से उठता था जिस से सारी भूमि सिंच जाती थी 
Genesis 2:7 और यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया; और आदम जीवता प्राणी बन गया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 14-15
  • लूका 17:1-19



मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

एक एक करके


   बीते समय के एक प्रसिद्ध मसीही प्रचारक थे एडवर्ड पेय्सन। एक इतवार को, तूफान के कारण केवल एक ही व्यक्ति चर्च सभा में आया और उन्होंने सारी सभा और प्रचार उसी एक व्यक्ति के लिए पूरी करी। कुछ महीने बीतने के बाद उस इतवार वाला वह व्यक्ति उनसे मिलने आया और कहने लगा, "उस सभा एवं प्रचार के द्वारा ही मैं अपने उद्धारकर्ता के निकट आ पाया। उस दिन आप जब भी पाप और उद्धार की बात करते तो मैं आस पास देखने लगता कि शायद कोई और भी आ गया हो, लेकिन उस पूरी सभा में मेरे अलावा और कोई भी श्रोता नहीं था, इसलिए मुझे यह मान लेना पड़ा कि परमेश्वर ने वह सन्देश मेरे ही लिए दिया था, और फिर मुझे उस सन्देश को ग्रहण करना ही था!"

   परमेश्वर एक एक करके हमें पाप के विनाश से बचाता है, उद्धार देता है। यदि आपकी पहुँच एक ही व्यक्ति के पास भी है, तो वह व्यक्ति आपकी परमेश्वरीय सेवकाई का क्षेत्र है। मसीही सेवकाई के लिए एक नारा दिया गया है - "मसीह यीशु के साथ रहने वाला प्रत्येक जन मसीही सेवक है; मसीह यीशु के साथ ना रहने वाला प्रत्येक जन सेवकाई करने का अवसर।" एक ही व्यक्ति सारे संसार तक नहीं पहुँच सकता, लेकिन हर कोई अपने पड़ौसी से प्रेम तो कर ही सकता है; और जैसा प्रभु यीशु ने सिखाया है, हर वह व्यक्ति जो हमें जीवन मार्ग में मिलता है हमारा पड़ौसी है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों के काम नामक पुस्तक में हम पढ़ते हैं कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा फिलिप्पुस को कूश देश से आए खोजे के पास लाया, जो उस समय पवित्र शास्त्र से पढ़ रहा था लेकिन उसे समझाने के लिए उसे किसी सहायक की आवश्यकता थी (प्रेरितों 8:26-37)। पवित्र आत्मा ने फिलिप्पुस को उस खोजे से कहने के लिए सही शब्द दिए और परिणामस्वरूप उस खोजे ने प्रभु यीशु पर विश्वास किया (प्रेरितों 8:37)।

   परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको उस व्यक्ति के संपर्क में लाए जिसे उस ने उद्धार का वचन सुनने के लिए तैयार किया है। परमेश्वर ही सही समय पर आपको सही स्थान पर लेकर जाएगा जिससे आप उस व्यक्ति से बातचीत कर सकें। परमेश्वर ही आप में होकर उस व्यक्ति से बोलेगा, आप में होकर विश्वास के कार्य और प्रमाण उसके समक्ष रखेगा और फिर आप में होकर ही उस व्यक्ति को उद्धार देने के अपने महान उद्देश्य को पूरा करेगा। - डेविड रोपर


यदि जहाँ परमेश्वर ने आपको रखा है आप वहाँ उसके प्रति विश्वासयोग्य रहते हैं तो आप परमेश्वर के लिए सफल व्यक्ति हैं।

अब तेरी समझ में जो डाकुओं में घिर गया था, इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा? उसने कहा, वही जिसने उस पर तरस खाया: यीशु ने उस से कहा, जा, तू भी ऐसा ही कर। - लूका 10:36-37

बाइबल पाठ: प्रेरितों 8:26-39
Acts 8:26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठ कर दक्‍खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है। 
Acts 8:27 वह उठ कर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्‍दाके का मन्‍त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था। 
Acts 8:28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था। 
Acts 8:29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जा कर इस रथ के साथ हो ले। 
Acts 8:30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है? 
Acts 8:31 उसने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उसने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ। 
Acts 8:32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था; कि वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुंह न खोला। 
Acts 8:33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है। 
Acts 8:34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में। 
Acts 8:35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ कर के उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। 
Acts 8:36 मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है। 
Acts 8:37 फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उसने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है। 
Acts 8:38 तब उसने रथ खड़ा करने की आज्ञा दी, और फिलेप्पुस और खोजा दोनों जल में उतर पड़े, और उसने उसे बपतिस्मा दिया। 
Acts 8:39 जब वे जल में से निकलकर ऊपर आए, तो प्रभु का आत्मा फिलेप्पुस को उठा ले गया, सो खोजे ने उसे फिर न देखा, और वह आनन्द करता हुआ अपने मार्ग चला गया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16



सोमवार, 20 अप्रैल 2015

अद्भुत रचना


   हाल ही में जब मैं अपना नेत्र परिक्षण करवा रहा था तो मेरे नेत्र चिकित्सक ने परीक्षण के लिए एक ऐसा उपकरण निकाला जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। मैंने उससे उस उपकरण के बारे में पूछा तो उस ने उत्तर दिया, "इसके द्वारा मैं आपके आँख के पीछे के परदे की भीतरी तसवीर लूँगा"। मैं उस की यह बात सुन कर बहुत प्रभावित हुआ कि ऐसा कर पाने वाला कैमरा भी ईजाद कर लिया गया है। लेकिन इस से भी अधिक प्रभावित मैं वह बात सुनकर हुआ जिसके लिए मेरा नेत्र विशेषज्ञ वह तसवीर लेने जा रहा था; उस ने बताया कि आँख के पीछले भाग में स्थित परदे के हाल की जानकारी के द्वारा मेरी सेहत के संबंध में अनेक जानकारियाँ जुटाई जा सकती थीं!

   मेरे नेत्र विशेषज्ञ द्वारा दी गई इस जानकारी ने मुझे चकित कर दिया - किसी मनुष्य की आँख के एक भाग की जाँच से उसके सामान्य स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने कितनी बारीकी और विलक्षण योजना के साथ हमारी रचना करी है। यह मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में दाऊद के लिखे एक भजन में परमेश्वर की अद्भुत रचना के विषय में लिखी बात स्मरण कराता है: "मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं" (भजन 139:14)।

   हमारे शरीर की रचना और कार्य में दिखाई देने वाली अत्याधिक जटिल बातें हमारे सृष्टिकर्ता परमेश्वर की बुद्धिमता और प्रवीणता का एक सूचक है। हमारी अद्भुत रचना केवल विस्मयकारी ही नहीं है, वरन यह हमें उसकी स्तुति एवं प्रशंसा करने, अपने आप को उसके हाथों में समर्पित कर देने, उसके आज्ञाकारी रहने के लिए प्रेरित भी करती है। - बिल क्राउडर


समस्त प्रकार के जीव परमेश्वर की रचना है और उसकी गवाही देते हैं।

क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:20

बाइबल पाठ: भजन 139:13-18
Psalms 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा। 
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं। 
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं। 
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे। 
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है। 
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 9-11
  • लूका 15:11-32



रविवार, 19 अप्रैल 2015

क्लेष


   आमतौर से चर्च आराधना का अन्त आशीष वचन दिए जाने के साथ होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए अनेक आशीष वचनों में से एक और अकसर प्रयुक्त होने वाला वचन है प्रेरित पतरस द्वारा लिखी गई पहली पत्री के अन्त में लिखा वचन : "अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा" (1 पतरस 5:10)। लेकिन यह वचन दिए जाते समय कई बार इसका एक वाक्यांश, ’तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद’ नहीं बोला जाता; ऐसा क्यों? संभवतः इसलिए कि क्लेष या दुख की बात करना अकसर लोगों को अच्छा नहीं लगता।

   लेकिन यदि दुख और क्लेष हम मसीही विश्वासियों पर आएं तो यह हमारे लिए कोई आश्चर्यचकित कर देने वाली बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह तो हमारे विश्वास के प्रति संसार की स्वाभाविक प्रतिक्रीया है। प्रेरित पौलुस ने, जो भली-भाँति जानता था कि दुख और क्लेष उठाना क्या होता है, अपनी एक पत्री में लिखा : "पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे" (2 तिमुथियुस 3:12)।

   जैसा आज के बाइबल पाठ में विदित है, प्रेरित पतरस ने भी लिखा है कि हम जब परमेश्वर को समर्पित और उसकी आज्ञाकारिता का, और शैतान के विरोध में चलने वाला जीवन व्यतीत करेंगे तो हमें संसार के लोगों से निन्दा सहने, गलत समझे जाने और उन लोगों द्वारा हमें उनके लाभ के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तैयार रहना चाहिए (1 पतरस 5:6, 9)। लेकिन साथ ही प्रेरित पतरस हमें यह भी बताता है कि इस क्लेष उठाने के पीछे एक उद्देश्य भी है, कि हम इस सब को सहने के द्वारा ’सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त’ किए जाएं (1 पतरस 5:10)।

   हमारे मसीही विश्वास में बढ़ने के लिए परमेश्वर द्वारा निर्धारित मार्ग अकसर हमें कठिनाईयों में से ले जाता है, लेकिन ये कठिनाईयाँ ही हमें हमारी हमारे विश्वास की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाती हैं और हमें आने वाले समयों में जीवन के तूफानों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। हर परिस्थिति में परमेश्वर पर अपने भरोसे को बनाए रखिए और उससे प्रार्थना करते रहिए कि वह आपको हर परिस्थिति में निर्भीक होकर उसके प्रति विश्वासयोग्य और उसे महिमा देने वाला जीवन व्यतीत करने वाला बनाए। - सी. पी. हिया


जब परमेश्वर को हमें मज़बूत करना होता है, वह कठिनाईयों की पाठशाला से हमें निकालता है।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: 1 पतरस 5:1-11
1 Peter 5:1 तुम में जो प्राचीन हैं, मैं उन की नाईं प्राचीन और मसीह के दुखों का गवाह और प्रगट होने वाली महिमा में सहभागी हो कर उन्हें यह समझाता हूं। 
1 Peter 5:2 कि परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर। 
1 Peter 5:3 और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन झुंड के लिये आदर्श बनो। 
1 Peter 5:4 और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Peter 5:5 हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्‍धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। 
1 Peter 5:6 इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। 
1 Peter 5:7 और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। 
1 Peter 5:8 सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जने वाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए। 
1 Peter 5:9 विश्वास में दृढ़ हो कर, और यह जान कर उसका साम्हना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुख भुगत रहे हैं। 
1 Peter 5:10 अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्‍त करेगा। 
1 Peter 5:11 उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 6-8
  • लूका 15:1-10



शनिवार, 18 अप्रैल 2015

परिवर्तन


   बसन्त ऋतु वह समय होता है जब परमेश्वर हमें स्मरण दिलाता है कि जो कुछ दिख रहा है वह सदा ही वैसा ही बना नहीं रहेगा। बसन्त के आते ही, कुछ ही सप्ताह के अन्दर, जो पहले उजाड़ और बेजान दिख रहा था वह रंगीन तथा जीवन से भरा दिखने लगता है। वे वृक्ष जो सारी शरद ऋतु अपनी सूखी बेजान सी शाखाएं आकाश कि ओर उठाए मानों प्रार्थना कर रहे थे कि ढाँपे जाएं, चटकीले हरे वस्त्रों से अलंकृत हो जाते हैं। फूलों के पौधे, जो ठंड से मुर्झा कर धरती पर गिर गए थे, उसी धरती में से फिर से फूटकर बाहर आ जाते हैं और अपनी रंगीन छटा तथा सुगन्ध बिखरने लगते हैं, मानों मृत्यु को चुनौती दे रहे हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम आशाहीन प्रतीत होने वाली कुछ घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं जो आगे चलकर बड़ी आशीष का कारण बन गईं। ऐसी ही एक घटना है अय्युब के अनुभवों की; अय्युब के लिए परमेश्वर ने स्वयं गवाही दी कि वह एक खरा व्यक्ति था (अय्युब 2:3) किंतु फिर भी अय्युब को अचानक ही त्रासदी ने धर दबोचा, और जो कुछ भी अय्युब के लिए महत्वपूर्ण और प्रीय था वह उससे ले लिया गया। अपनी दुर्दशा को देखकर अय्युब ने कहा, "मेरे दिन जुलाहे की धड़की से अधिक फुतीं से चलने वाले हैं और निराशा में बीते जाते हैं" (अय्युब 7:6)। जैसा अय्युब और उसके मित्रों को लग रहा था - कि परमेश्वर अय्युब के विरुद्ध हो गया है, सच्चाई उसके विपरीत थी। परमेश्वर अय्युब की खराई पर इतना भरोसा रखता था कि उसने शैतान द्वारा अय्युब को परखे जाने की अनुमति शैतान को दे दी; और जब परमेश्वर के भरोसे के अनुसार अय्युब उस परीक्षा से सफल होकर निकला तब परमेश्वर की आशीषें उसकी प्रतीक्षा कर रहीं थीं; उसकी निराशा आशा और आनन्द में परिवर्तित हो गई।

   प्रतिवर्ष बसन्त ऋतु का विशवासयोग्य आगमन मुझे उत्साहित करता है कि मेरी कोई भी निराशाजनक परिस्थिति सदा ही बनी नहीं रहेगी; परमेश्वर मेरे जीवन में कार्यरत है और मुझे जीवन चाहे जैसा भी उजाड़ और बेजान प्रतीत हो, परमेश्वर मेरी प्रत्येक परिस्थिति को सुगन्ध और रंग से भरे बाग़ में परिवर्तित कर सकता है और अपने समय में कर देगा। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


सबसे आशाहीन दशा में भी परमेश्वर के साथ होने से आशा रहती है।

देखो, हम धीरज धरने वालों को धन्य कहते हैं: तुम ने अय्यूब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यन्‍त करूणा और दया प्रगट होती है। - याकूब 5:11

बाइबल पाठ: अय्युब 42:10-17
Job 42:10 जब अय्यूब ने अपने मित्रों के लिये प्रार्थना की, तब यहोरवा ने उसका सारा दु:ख दूर किया, और जितना अय्यूब का पहिले था, उसका दुगना यहोवा ने उसे दे दिया। 
Job 42:11 तब उसके सब भाई, और सब बहिनें, और जितने पहिले उसको जानते पहिचानते थे, उन सभों ने आकर उसके यहां उसके संग भोजन किया; और जितनी विपत्ति यहोवा ने उस पर डाली थी, उस सब के विषय उन्होंने विलाप किया, और उसे शान्ति दी; और उसे एक एक सिक्का और सोने की एक एक बाली दी। 
Job 42:12 और यहोवा ने अय्यूब के पिछले दिनों में उसको अगले दिनों से अधिक आशीष दी; और उसके चौदह हजार भेंड़ बकरियां, छ: हजार ऊंट, हजार जोड़ी बैल, और हजार गदहियां हो गई। 
Job 42:13 और उसके सात बेटे ओर तीन बेटियां भी उत्पन्न हुई। 
Job 42:14 इन में से उसने जेठी बेटी का नाम तो यमीमा, दूसरी का कसीआ और तीसरी का केरेन्हप्पूक रखा। 
Job 42:15 और उस सारे देश में ऐसी स्त्रियां कहीं न थीं, जो अय्यूब की बेटियों के समान सुन्दर हों, और उनके पिता ने उन को उनके भाइयों के संग ही सम्पत्ति दी। 
Job 42:16 इसके बाद अय्यूब एक सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और चार पीढ़ी तक अपना वंश देखने पाया। 
Job 42:17 निदान अय्यूब वृद्धावस्था में दीर्घायु हो कर मर गया।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 3-5
  • लूका 14:25-35



शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

घर


   यह घटना उस समय की है जब मैं एक निर्माण कंपनी में अधिकारी का कार्य कर रहा था; हमारी कंपनी को पड़ौस के राज्य में कार्य करने का ठेका मिला। इस कार्य को करने के लिए हमारे कर्मचारियों को अपने दिन भर के कार्य समय के अतिरिक्त कार्य-स्थल तक पहुँचने और लौटने के लिए एक तरफ ही दो घंटे की यात्रा करनी पड़ती। उन कर्मचारियों का जीवन सरल करने के उद्देश्य से हमारी कंपनी ने कार्य-स्थल के निकट ही कार्य-अवधि के लिए होटल में कुछ कमरे किराए पर ले लिए, किंतु साथ ही कर्मचारियों को यह विकल्प भी दिया कि यदि वे प्रतिदिन अपने घर से ही कार्य-स्थल तक आना-जाना करना चाहते हैं तो कंपनी उनके लिए गाड़ियों का प्रबंध भी करेगी। हमें आश्चर्य हुआ कि लगभग सभी कर्मचारियों ने कार्य-स्थल के निकट होटल में रहने की बजाए घर से ही प्रतिदिन आने-जाने के विकल्प को चुना!

   हमारे सबसे चिड़चिड़े कर्मचारियों में से एक ने अपने व्यवहार को बदल लिया। उसने अपनी पत्नि तथा बच्चों के आनन्द से भरे आश्चर्य के बारे में बताया, क्योंकि कार्य के पहले दिन उस ने उन्हें यह नहीं बताया था कि वह रात को वापस घर आ जाएगा; वह उन्हें चकित करना चाहता था। इसलिए जब वह रात को घर वापस लौटा तो उसे घर आया देखकर परिवार-जनों का आश्चर्य तथा आनन्द उसके लिए बड़ा उत्साहित करने वाला था। उसकी पत्नि ने हमारी कंपनी में फोन कर के बहुत धन्यवाद किया और कहा कि वे ऐसी कंपनी में आजीवन वफादारी से कार्य करना चाहेंगे जो उनके लिए इतना सोचती है, और इस बात को समझती है कि कर्मचारियों के लिए घर कितना महत्वपूर्ण होता है।

   जिस किसी को भी, चाहे थोड़े समय के लिए ही सही, घर के आराम से वंचित रहना पड़ा है वह प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दी गई प्रतिज्ञा के महत्व को भली-भाँति समझ सकता है कि प्रभु उनके लिए स्वर्ग में अनन्तकाल तक के लिए घर बना रहा है; इससे भी बढ़कर प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से यह भी वायदा किया है कि वह स्वयं उन्हें वहाँ ले जाने आएगा और उनके साथ वहाँ रहेगा (यूहन्ना 14:2-3)।

   स्मरण रखिए कि इस जीवन के महानत्म सुख - घर के आनन्द के बारे में प्रभु को आपका ध्यान है, वह अपने अनुयायियों के लिए स्थान तैयार कर रहा है और अन्ततः उनके साथ वहाँ अनन्तकाल तक रहेगा। - रैन्डी किलगोर


घर के समान कोई दूसरा स्थान नहीं है; विशेषकर तब जब घर स्वर्ग में हो।

यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। - यूहन्ना 12:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-6
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। 
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। 
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। 
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो। 
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू हां जाता है तो मार्ग कैसे जानें? 
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 1-2
  • लूका 14:1-24



गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

संकट स्थल


   जून 10, 1770 के दिन ब्रिटिश नाविक जेम्स कुक का जहाज़ ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी तट के समीप पानी के नीचे छिपी चट्टानों से टकराया। उसने अपना जहाज़ उन चट्टानों से निकालकर और गहरे पानी में जाने का प्रयास किया किंतु फिर से उसका जहाज़ पानी में छिपी चट्टनों से टकराया, और इस बार के टकराने से जहाज़ लगभग डूबने की स्थिति में आ गया। इस अनुभव को जहाज़ के प्रतिदिन के यात्रा-विवरण में दर्ज करते समय जेम्स ने लिखा, "उस उत्तरी बिन्दु को संकट स्थल नाम दिया क्योंकि वहीं से हमारे दुखों का आरंभ हुआ।"

   हम में से बहुतेरों ने अपने जीवनों में ऐसे संकटों का सामना किया है जो फिर अन्य संकटों के आने का आरंभ बन गए; जैसे किसी प्रीय जन की मृत्यु, कोई अनचाहा तलाक, लगातार गिरती हुई सेहत इत्यादि बातों जैसी अन्य कोई भी बात इस सूचि का भाग हो सकते हैं। यद्यपि ये संकट हमारे लिए भी ’संकट स्थल’ अर्थात अन्य दुखों का आरंभ हो सकते हैं, तो भी हम मसीही विश्वासियों को यह निश्चय है कि परमेश्वर हर बात पर सर्वे-सर्वा है तथा हमारी प्रत्येक परिस्थिति का नियंत्रक भी है। वह संकट और दुखः के समयों का उपयोग हमारे जीवनों में लचीलापन, अर्थात सभी परिस्थितियों में स्थिर बने रहने का गुण विकसित करने के लिए करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब नाम का परमेश्वर का एक दास लिखता है, "हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है" (याकूब 1:2-3)। यहाँ जिस शब्द का अनुवाद ’धीरज’ किया गया है, मूल यूनानी भाषा में उस शब्द का अर्थ सहन शक्ति अथवा स्थिर बने रहने की सामर्थ भी होता है।

   अपने जीवन में जीवन परिवर्तित कर देने वाली परिस्थितियों का सामना करते समय यह कभी नहीं भूलें कि परमेश्वर नियंत्रण में है तथा आपके जीवन में कार्यरत भी है। वह आपके ’संकट स्थल’ वाले अनुभवों का उपयोग आपके चरित्र को बनाने एवं निखारने के लिए करता है और उसका यह वायदा है कि उन समयों में वह आपको उनके लिए आवश्यक अनुग्रह तथा सामर्थ भी देगा (2 कुरिन्थियों 12:9)। - डेनिस फिशर


संकट की शरद ऋतु में ही विश्वास का सर्वोत्तम विकास होता है। - रदरफोर्ड

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9 

बाइबल पाठ: याकूब 1:1-8
James 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे। 
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो 
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। 
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी। 
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। 
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। 
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 30-31
  • लूका 13:23-35


बुधवार, 15 अप्रैल 2015

धन संबंधित


   मैरिलिन और स्टीवन के विवाह को कुछ ही वर्ष हुए थे, और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी, घर चलाने के लिए पैसे जुटा पाना कठिन होता था। फिर भी अपने बिस्तर पर लगी और जीर्ण हो चली चादर को देखकर आखिरकर मैरिलिन ने उसके स्थान पर नई चादर ले कर लगाने का निर्णय लिया। क्योंकि चादर खरीदने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए उसने यह कार्य क्रेडिट-कार्ड द्वारा करने का विचार किया, इस आशा में कि आते समय कहीं से कुछ पैसों का इंतिज़ाम हो ही जाएगा और वह क्रेडिट-कार्ड पर लिया गया यह ऋण चुका देगी।

   खरीदने जाने से पहले वह अपनी दिनचर्या के अनुसार परमेश्वर के बारे में मनन करने में सहायता करने वाले पाठ को लेकर बैठी, जो उसे परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन 22:27 पर ले गया, जिसे पढ़कर वह चकित हुई, क्योंकि वहाँ लिखा था, "यदि भर देने के लिये तेरे पास कुछ न हो, तो वह क्यों तेरे नीचे से खाट खींच ले जाए?" (नीतिवचन 22:27); परमेश्वर के वचन से मिली अगुवाई का ध्यान कर के मैरिलिन ने उधार पर नई चादर खरीदने का अपना निर्णय बदल दिया।

   हम अपने पैसे को कैसे खर्च करते हैं यह हमारे तथा हमारी सब आशीषों के स्त्रोत, परमेश्वर, के बीच का व्यक्तिगत मामला है। कभी कभी सही निर्णय लेना हमें कठीन लग सकता है, लेकिन हमारे परमेश्वर पिता ने हमें असहाय नहीं छोड़ा है; उसने अपने जीवते वचन बाइबल में हमारे लिए अनेक निर्देश दिए हैं, जैसे कि: "अपनी संपत्ति के द्वारा और अपनी भूमि की पहिली उपज दे देकर यहोवा की प्रतिष्ठा करना" (नीतिवचन 3:9); तथा "कोई मनुष्य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्‍छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते” " (मत्ती 6:24)।

   धन के प्रयोग से संबंधित इन निर्देषों के अतिरिक्त हमें और भी निर्देष मिलते हैं, जैसे: "और उसने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता" (लूका12:15)। और, "धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है" (नीतिवचन 22:7); तथा तिमुथियुस में हम धनवानों के लिए लिखा पाते हैं, "भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)।

   धन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है और परमेश्वर ने, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने का वायदा करता है, धन के सही एवं उपयुक्त उपयोग से संबंधित अनेक शिक्षाएं अपने वचन में हमारे लिए रख छोड़ी हैं जिससे हम धन तथा उसके उपयोग से परमेश्वर की महीमा कर सकें। - डेव एग्नर

कभी पैसे को अपना परमेश्वर ना बनने दें।

इसलिये पहिले तुम परमेश्वर के राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 6:6-18
1 Timothy 6:6 पर सन्‍तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। 
1 Timothy 6:7 क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। 
1 Timothy 6:8 और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्‍हीं पर सन्‍तोष करना चाहिए। 
1 Timothy 6:9 पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं। 
1 Timothy 6:10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है।
1 Timothy 6:11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर। 
1 Timothy 6:12 विश्वास की अच्छी कुश्‍ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिस के लिये तू बुलाया, गया, और बहुत गवाहों के साम्हने अच्छा अंगीकार किया था। 
1 Timothy 6:13 मैं तुझे परमेश्वर को जो सब को जीवित रखता है, और मसीह यीशु को गवाह कर के जिसने पुन्‍तियुस पीलातुस के साम्हने अच्छा अंगीकार किया, यह आज्ञा देता हूं, 
1 Timothy 6:14 कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्‍कलंक और निर्दोष रख। 
1 Timothy 6:15 जिसे वह ठीक समयों में दिखाएगा, जो परमधन्य और अद्वैत अधिपति और राजाओं का राजा, और प्रभुओं का प्रभु है। 
1 Timothy 6:16 और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा, और न कभी देख सकता है: उस की प्रतिष्‍ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन।
1 Timothy 6:17 इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। 
1 Timothy 6:18 और भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 27-29
  • लूका 13:1-22



मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

आशा


   डेविड स्कम की मृत्योप्रांत यादगार सभा में हम ने रोग के कारण ग्रसित मस्तिष्क और नाड़ी तंत्र को प्रतिदिन के सामन्य कार्यों के लिए भी ठीक से उपयोग ना कर पाने वाले व्यक्ति की आशावादिता, विश्वास और धैर्य तथा लगन के साथ डटे रहने का उत्सव मनाया। सेरिब्रल पाल्सी से पीड़ित होने के कारण डेविड को अपने जीवन के सभी 74 वर्षों में दैनिक जीवन के साधारण और सामान्य कार्यों को करने के लिए भी बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। लेकिन इन सब कठिनाईयों के बावजूद वह सदा मुस्कुराता रहता था, तथा दूसरों की सहायता करता रहता था। उसने अपने जीवन में 23,000 से भी अधिक घंटे अस्पताल में स्वयंसेवी कार्यों में बिताए जहाँ वह उन किशोरों को प्रोत्साहित करता था जो सही देख-रेख के अभाव में किसी खतरे में आ जाते थे।

   डेविड की प्रेर्णा का स्त्रोत था परमेश्वर के वचन बाइबल में से यशायाह की पुस्तक का एक भाग - यशायाह 35:3-10 - "ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो। घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा। तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी" (यशायाह 35:3-4, 6)। परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा इस्त्राएल की प्रजा को उनके बंधुआई के समय में दी थी, और आज भी यह प्रतिज्ञा हम मसीही विश्वासियों को हमारी उस आशा का स्मरण करवाती है जब मसीह यीशु अपने अनुयायियों को लेने वापस आएगा।

   अपने जीवन के अन्तिम सप्ताहों में, मिलने आने वालों से डेविड बिस्तर के पास लगे मसीह यीशु के बड़े से चित्र को दिखा कर कहता था, "ये मुझे ले जाने के लिए जल्द ही आने वाले हैं।" यही आशा प्रभु यीशु अपने प्रत्येक विश्वासी को देता है कि वह कभी अकेला या बेसहारा नहीं है - ना इस जीवन में और ना ही इस जीवन के पश्चात; और यही आशा हमारे लिए उसका गुणानुवाद करने, उसका धन्यवादी होने और उसका गवाह होने की प्रेर्णा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


ऐसे जीवन व्यतीत करें मानो प्रभु यीशु कल ही गया था, और आज ही वापस आ रहा है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: यशायाह 35:3-10
Isaiah 35:3 ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो। 
Isaiah 35:4 घबराने वालों से कहो, हियाव बान्धो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा।
Isaiah 35:5 तब अन्धों की आंखे खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; 
Isaiah 35:6 तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी 
Isaiah 35:7 मृगतृष्णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में सोते फूटेंगे; और जिस स्थान में सियार बैठा करते हैं उस में घास और नरकट और सरकण्डे होंगे।
Isaiah 35:8 और वहां एक सड़क अर्थात राजमार्ग होगा, उसका नाम पवित्र मार्ग होगा; कोई अशुद्ध जन उस पर से न चलने पाएगा; वह तो उन्हीं के लिये रहेगा और उस मार्ग पर जो चलेंगे वह चाहे मूर्ख भी हों तौभी कभी न भटकेंगे। 
Isaiah 35:9 वहां सिंह न होगा ओर न कोई हिंसक जन्तु उस पर न चढ़ेगा न वहां पाया जाएगा, परन्तु छुड़ाए हुए उस में नित चलेंगे। 
Isaiah 35:10 और यहोवा के छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएंगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएंगे और शोक और लम्बी सांस का लेना जाता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 25-26
  • लूका 12:32-59


सोमवार, 13 अप्रैल 2015

कहानी


   ’वायर्ड’ पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में फिल्म निर्माता जौर्ज ल्यूकस से पूछा गया कि वह कैसे चाहेंगे कि उन्हें याद किया जाए? उनका उत्तर था, "एक फिल्मकार के रूप में। संभवतः मेरे द्वारा कही गई कुछ कहानियाँ आगे भी प्रासंगिक बनी रहेंगी। यदि आपने बच्चों की परवरिश करी है तो आप जानते हैं कि आपको उन्हें अनेक बातों को बताना और समझाना पड़ता है। यदि आप ऐसा नहीं करते तो फिर वे उन बातों को कठिन और शायद कुछ गलत तरीकों से सीखेंगे। इसलिए पुरानी कहानियों को भी एक ऐसी नई रीति से जो उस पीढ़ी के लिए अर्थपूर्ण हो, बताना पड़ता है। मैं नहीं सोचता कि मैं कभी उन पुरानी कहानियों से आगे निकलूँगा, क्योंकि उन कहानियों को अभी भी सुनाते रहने की आवश्यकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, भजन 78 के भजनकार को ऐसा आभास था कि परमेश्वर के महान कार्यों को भुला दिया जाएगा, उस पीढ़ी की कथा लुप्त हो जाएगी; इसलिए उसने परमेश्वर के लोगों से कहा कि वे परमेश्वर द्वारा पिछली पीढ़ीयों के साथ किए गए छुटकारे के कार्यों का वर्णन अगली पीढ़ी को सुनाने से कभी हिचकिचाए नहीं, थकें नहीं (पद 4)। इस प्रकार बीती पीढ़ी के इतिहास को दोहराते रहने का उद्देश्य केवल ऐतिहासिक बातों तथा तथ्यों को स्मरण रखना ही नहीं था, वरन ऐसा करने के द्वारा परमेश्वर में विश्वास, आज्ञाकारिता और आशा को बनाए रखना था जिससे आने वाली पीढ़ीयाँ अविश्वास और अनाज्ञाकारिता के अन्धकार तथा उनके दुषप्रभावों में पड़ने से बची रह सकें (पद 7-8)।

   हमारे जीवनों में कार्यकारी परमेश्वर की महान सामर्थ तथा अनुग्रह के कारण हम मसीही विश्वासियों में यह लालसा होनी चाहिए कि हम उसकी इन बातों को दूसरों को बताते रहें, अपने जीवनों में अनुभव करे गए उसके कार्यों की गवाही देते रहें, और लोगों तथा आती पीढ़ीयों को परमेश्वर के प्रति विश्वास एवं आज्ञाकारिता रखने के लिए उभारते रहें, उन्हें प्रेरित करते रहें। - मार्विन विलियम्स


बीते समय में परमेश्वर के अनुग्रह की चर्चा, आते समय में उस पर विश्वास रखने के लिए प्रेरित करती हैं।

और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। - व्यवस्थाविवरण 6:7

बाइबल पाठ: भजन 78:1-8
Psalms 78:1 हे मेरे लोगों, मेरी शिक्षा सुनो; मेरे वचनों की ओर कान लगाओ! 
Psalms 78:2 मैं अपना मूंह नीतिवचन कहने के लिये खोलूंगा; मैं प्राचीन काल की गुप्त बातें कहूंगा, 
Psalms 78:3 जिन बातों को हम ने सुना, ओर जान लिया, और हमारे बाप दादों ने हम से वर्णन किया है। 
Psalms 78:4 उन्हें हम उनकी सन्तान से गुप्त न रखेंगें, परन्तु होनहार पीढ़ी के लोगों से, यहोवा का गुणानुवाद और उसकी सामर्थ और आश्चर्यकर्मों का वर्णन करेंगें। 
Psalms 78:5 उसने तो याकूब में एक चितौनी ठहराई, और इस्त्राएल में एक व्यवस्था चलाई, जिसके विषय उसने हमारे पितरों को आज्ञा दी, कि तुम इन्हें अपने अपने लड़के बालों को बताना; 
Psalms 78:6 कि आने वाली पीढ़ी के लोग, अर्थात जो लड़के बाले उत्पन्न होने वाले हैं, वे इन्हें जानें; और अपने अपने लड़के बालों से इनका बखान करने में उद्यत हों, जिस से वे परमेश्वर का आसरा रखें, 
Psalms 78:7 और ईश्वर के बड़े कामों को भूल न जाएं, परन्तु उसकी आज्ञाओं का पालन करते रहें; 
Psalms 78:8 और अपने पितरों के समान न हों, क्योंकि उस पीढ़ी के लोग तो हठीले और झगड़ालू थे, और उन्होंने अपना मन स्थिर न किया था, और न उनकी आत्मा ईश्वर की ओर सच्ची रही।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 शमूएल 22-24
  • लूका 12:1-31



रविवार, 12 अप्रैल 2015

ईमानदारी


   हमारे घर के आस-पास के बहुत से परिवार अपने बाग़ीचे में उगने वाले फल, फूल और उनके पौधों को सड़क के किनारे रखकर बेचते हैं। इनमें से कुछ बेचने वाले, खरीदने वालों की ईमानदारी पर विश्वास रखते हैं; उनके उत्पाद के निकट उन्हें बेचने के लिए कोई खड़ा नहीं रहता। जो ग्राहक उनका उत्पाद खरीदना चाहते हैं वे अपनी पसन्द के अनुसार, और जितना उन्हें चाहिए होता है लेकर वहीं रखे एक गुलक या डिब्बे में उनकी कीमत डाल देते हैं, और सामान लेकर चले जाते हैं।

   लेकिन यह ईमानदारी सदा कार्य नहीं करती। मेरी एक सहेली जैकी ने अपने घर के सामने फूल और फूल के पौधे ईमानदारी पद्धति द्वारा बेचने का स्टॉल लगा रखा है। एक दिन उसने अपनी खिड़की से देखा कि एक महिला ने, जो अच्छे कपड़े पहने हुए थी और अच्छे घर की प्रतीत हो रही थी, उसके स्टॉल के सामने अपनी गाड़ी रोकी और वहाँ रखे फूल और पौधे गाड़ी के अन्दर एक एक करके भरने लगी। मेरी सहेली ने मन ही मन अन्दाज़ा लगाया कि उन फूल पौधों पर लगी उसकी मेहनत और लागत से आज उसे कम से कम 50 डॉलर की कमाई तो हो ही जाएगी; और वह अपने और कार्य में लग गई। थोड़ी देर बाद जाकर जब उसने पैसे डालने वाले डिब्बे में देखा तो वह खाली था - वह महिला बिना कोई कीमत डाले सब कुछ उठा कर ले गई थी। ईमानदारी पद्धति उस महिला के साथ कार्यकारी नहीं रही थी!

   संभवतः उस महिला के लिए इस तरह फूल, पौधे उठा लेना कोई छोटी सी बात थी, लेकिन उसका ऐसा करना उसके अन्दर की प्रवृत्ति को दिखाता है। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को सिखाया: "जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है" (लूका 16:10)। अपने जीवन के हर क्षेत्र में ईमानदारी के द्वारा हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को आदर देते हैं, उसे संसार के सामने गौरवान्वित करते हैं।

   किसी भी मसीही विश्वासी के लिए अनुसरण करने को सबसे अच्छी ईमानदारी पद्धति है परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्सियों की मसीही विश्वासी मण्डली को लिखी बात: "और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो" (कुलुस्सियों 3:17)। हम मसीही विश्वासियों को चाहिए कि हम जीवन के हर क्षेत्र में अपनी ईमानदारी द्वारा अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के सच्चे गवाह बनकर रहें। - सिंडी कैस्पर


ईमानदारी का अर्थ है किसी भी बात के लिए दूसरों द्वारा देख लिए जाने का भय ना रखना।

सच्चे मनुष्य पर बहुत आशीर्वाद होते रहते हैं, परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है, वह निर्दोष नहीं ठहरता। - नीतिवचन 28:20

बाइबल पाठ: लूका 16:1-10
Luke 16:1 फिर उसने चेलों से भी कहा; किसी धनवान का एक भण्‍डारी था, और लोगों ने उसके साम्हने उस पर यह दोष लगाया कि यह तेरी सब संपत्ति उड़ाए देता है। 
Luke 16:2 सो उसने उसे बुलाकर कहा, यह क्या है जो मैं तेरे विषय में सुन रहा हूं? अपने भण्‍डारीपन का लेखा दे; क्योंकि तू आगे को भण्‍डारी नहीं रह सकता। 
Luke 16:3 तब भण्‍डारी सोचने लगा, कि अब मैं क्या करूं क्योंकि मेरा स्‍वामी अब भण्‍डारी का काम मुझ से छीन ले रहा है: मिट्टी तो मुझ से खोदी नहीं जाती: और भीख मांगने से मुझे लज्ज़ा आती है। 
Luke 16:4 मैं समझ गया, कि क्या करूंगा: ताकि जब मैं भण्‍डारी के काम से छुड़ाया जाऊं तो लोग मुझे अपने घरों में ले लें। 
Luke 16:5 और उसने अपने स्‍वामी के देनदारों में से एक एक को बुलाकर पहिले से पूछा, कि तुझ पर मेरे स्‍वामी का क्या आता है? 
Luke 16:6 उसने कहा, सौ मन तेल; तब उसने उस से कहा, कि अपनी खाता-बही ले और बैठकर तुरन्त पचास लिख दे। 
Luke 16:7 फिर दूसरे से पूछा; तुझ पर क्या आता है? उसने कहा, सौ मन गेहूं; तब उसने उस से कहा; अपनी खाता-बही ले कर अस्‍सी लिख दे। 
Luke 16:8 स्‍वामी ने उस अधर्मी भण्‍डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति व्यवहारों में ज्योति के लोगों से अधिक चतुर हैं। 
Luke 16:9 और मैं तुम से कहता हूं, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। 
Luke 16:10 जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है।

एक साल में बाइबल:
  • 1 शमूएल 19-21
  • लूका 11:29-54



शनिवार, 11 अप्रैल 2015

भरपाई


   हम में से कोई यह नहीं कह सकता कि उसे अपने जीवन में किसी बात का पछतावा नहीं है। अनेक बार हम अपने द्वारा किए गए बुरे चुनावों के कारण गलत राह पर चल निकलते हैं, उन निर्णयों के लघु एवं दीर्घकालीन दुषपरिणामों को भुगतते हैं। हमारे द्वारा चुनी गई कुछ गलत राहें छोटी होती हैं और हम उनसे शीघ्र ही बाहर निकल आते हैं, तो कुछ लंबी होती हैं, उनसे बाहर निकलने में हमें समय लगता है और उनके कारण मन, मस्तिष्क और देह पर आए दुषप्रभावों को आगे लंबे समय तक देखा जा सकता है।

   मेरे एक मित्र ने अपने जीवन के अनेक वर्ष शराब और नशीले पदार्थों के सेवन में बिता दिए। लेकिन परमेश्वर ने उसके जीवन में अद्भुत काम किया और उसे इन बुरी आदतों से बाहर निकाला; हाल ही में उसने इन आदतों से मिले छुटकारे के 25 वर्ष पूरे किए हैं। वह आज एक सफल व्यवसायी है, उसके पास उससे बहुत प्रेम करने वाली पत्नी है और उसके बच्चे भी प्रभु यीशु से प्रेम करते हैं। अब उसे जीवन के अन्धेरों में पड़े लोगों को प्रभु यीशु की ज्योति में लाने का बहुत लगाव है और वह ऐसा करता भी रहता है; अपने स्वयं के अनुभवों के कारण वह उन लोगों को समझाने के लिए एक अच्छा और समझदार परामर्शदाता होता है। परमेश्वर ने उसके बीते जीवन की बुराई को आज अन्य लोगों की भलाई के लिए प्रयोग करने का मार्ग और सदबुद्धि उसे प्रदान करी है।

   परमेश्वर किसी को कभी नहीं छोड़ता, किसी से हार नहीं मानता, हमारे पार्थिव जीवन की अन्तिम श्वास तक वह हमारे उस के पास लौट आने की प्रतीक्षा करता है, अवसर और मार्ग देता है। इसलिए चाहे आप ने अपने बीते जीवन में कैसे भी बुरे और गलत चुनाव किए हों, परमेश्वर आपको आज और अभी यह अवसर दे रहा है कि अब आप सही चुनाव कर लें, उसके पक्ष में निर्णय ले लें। यह हमारे ऊपर है कि चाहे तो हम दुषपरिणामों को भोगने और पछतावे में दुखी जीवन बिताते रहें, या फिर साधारण विश्वास में प्रभु यीशु के पास आकर उससे पापों की क्षमा माँग लें, अपना जीवन उसे समर्पित कर दें और उसे अवसर दें कि वह हमारे बिगड़े हुए जीवन को संवार कर उसे अपने तथा दूसरों के लिए लाभकारी बना दे। जब भी हम स्वेच्छा तथा पश्चाताप में आकर विश्वास से उस से अपनी इन बुराईयों से चंगाई तथा स्वतंत्रता माँगते हैं, वह अपने अनुग्रह और दया में होकर हमें प्रदान करता है।

   मसीही विश्वास में आने के बाद हमारे बीते बुरे जीवन के कुछ परिणाम यदि हमारे साथ बने भी रहें, तो भी प्रभु यीशु की हमारे साथ बनी हुई उपस्थिति हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती और प्रभु में होकर हमारे लिए एक उज्जवल और महिमामय भविष्य सुरक्षित रहता है। - जो स्टोवैल


हमारे बिगड़े जीवन से कुछ सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए परमेश्वर सदा प्रयासरत रहता है।

जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया। - भजन 32:5

बाइबल पाठ: योएल 2:21-27
Joel 2:21 हे देश, तू मत डर; तू मगन हो और आनन्द कर, क्योंकि यहोवा ने बड़े बड़े काम किए हैं! 
Joel 2:22 हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी। 
Joel 2:23 हे सिय्योनियों, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के कारण मगन हो, और आनन्द करो; क्योंकि तुम्हारे लिये वह वर्षा, अर्थात बरसात की पहिली वर्षा बहुतायत से देगा; और पहिले के समान अगली और पिछली वर्षा को भी बरसाएगा। 
Joel 2:24 तब खलिहान अन्न से भर जाएंगे, और रसकुण्ड नये दाखमधु और ताजे तेल से उमड़ेंगे। 
Joel 2:25 और जिन वर्षों की उपज अर्बे नाम टिड्डियों, और येलेक, और हासील ने, और गाजाम नाम टिड्डियों ने, अर्थात मेरे बड़े दल ने जिस को मैं ने तुम्हारे बीच भेजा, खा ली थी, मैं उसकी हानि तुम को भर दूंगा।। 
Joel 2:26 तुम पेट भरकर खाओगे, और तृप्त होगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे, जिसने तुम्हारे लिये आश्चर्य के काम किए हैं। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी। 
Joel 2:27 तब तुम जानोगे कि मैं इस्राएल के बीच में हूं, और मैं, यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर हूं और कोई दूसरा नहीं है। और मेरी प्रजा की आशा फिर कभी न टूटेगी।

एक साल में बाइबल:
  • 1 शमूएल 17-18
  • लूका 11:1-28



शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

सरल


   संयुक्त राज्य अमेरिका के चौथे राष्ट्रपति, जेमस मैडिसन ने अमेरिका के संविधान के बनाए जाने में सहयोग दिया था। उन्होंने अपने सह-कार्यकर्ताओं को सचेत किया था कि वे ऐसे नियम नहीं बनाएं जो इतने भारी-भरकम हों कि पढ़े ना जा सकें, या इतने जटिल हों कि समझे ना जा सकें। आज जब मैं कुछ कार्यों के लिए भरे जाने वाले सरकारी दस्तावेज़ों को देखता हूँ तो मुझे लगता है कि राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन की नियम बनाने वालों के द्वारा उनकी यह सलाह अभी तक ठीक से समझी तथा स्वीकार नहीं की गई है।

   ऐसे ही अनेक बार परमेश्वर द्वारा संसार के लिए पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के साथ भी होता है; उस सरल से सुसमाचार को आवश्यकता से अधिक जटिल बना कर प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन हम आनन्दित हो सकते हैं कि परमेश्वर द्वारा सारे संसार के उद्धार के लिए दिए गए इस सुसमाचार को परमेश्वर का वचन बाइबल बड़े स्पष्ट और सरलता से समझी जा सकने वाली भाषा में प्रस्तुत करता है। प्रभु यीशु ने निकुदिमुस से, जो शास्त्रों का ज्ञाता तथा धर्माधिकारियों का एक प्रमुख था कहा, "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। अपने पकड़वाए जाने से पहले चेलों से अपनी बातचीत के दौरान "यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6)। अनन्त जीवन पाने के लिए फिल्प्पी के जेलर द्वारा किए गए प्रश्न के उत्तर में प्रेरित पौलुस ने उससे कहा, "...प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों 16:31); तथा कुरिन्थुस की मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में पौलुस ने उन्हें स्मरण दिलाया "इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा" (1 कुरिन्थियों 15:3-4)।

   जगत से किए गए परमेश्वर के प्रेम की गाथा बहुत सरल है; परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार के सभी लोगों को उनके पापों के दण्ड और अनन्त काल की मृत्यु से बचाने के लिए भेजा, और यह प्रभु यीशु पर स्वेच्छा से लाए गए साधारण विश्वास द्वारा संभव है। यह अद्भुत सुसमाचार इतना सरल है कि एक बच्चा भी इसे समझ सकता है, इतना कारगर है कि संसार का कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा पापी क्यों ना समझा जाता हो, इसे स्वीकार करने के द्वारा निश्चित ही क्षमा और उद्धार पा सकता है। इस अवसर को नज़रंदाज़ ना करें, सुसमाचार को स्वीकार कर लें। - डेव ऐगनर


प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा हम परमेश्वर से पापों के दण्ड की क्षमा और उद्धार प्राप्त करते हैं।

हम तुम्हें और कुछ नहीं लिखते, केवल वह जो तुम पढ़ते या मानते भी हो, और मुझे आशा है, कि अन्‍त तक भी मानते रहोगे। - 2 कुरिन्थियों 1:13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:1-4, 35, 42-50
1 Corinthians 15:1 हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 
1 Corinthians 15:2 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। 
1 Corinthians 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। 
1 Corinthians 15:4 ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। 

1 Corinthians 15:35 अब कोई यह कहेगा, कि मुर्दे किस रीति से जी उठते हैं, और कैसी देह के साथ आते हैं? 

1 Corinthians 15:42 मुर्दों का जी उठना भी ऐसा ही है। शरीर नाशमान दशा में बोया जाता है, और अविनाशी रूप में जी उठता है। 
1 Corinthians 15:43 वह अनादर के साथ बोया जाता है, और तेज के साथ जी उठता है; निर्बलता के साथ बोया जाता है; और सामर्थ के साथ जी उठता है। 
1 Corinthians 15:44 स्‍वाभाविक देह बोई जाती है, और आत्मिक देह जी उठती है: जब कि स्‍वाभाविक देह है, तो आत्मिक देह भी है। 
1 Corinthians 15:45 ऐसा ही लिखा भी है, कि प्रथम मनुष्य, अर्थात आदम, जीवित प्राणी बना और अन्‍तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना। 
1 Corinthians 15:46 परन्तु पहिले आत्मिक न था, पर स्‍वाभाविक था, इस के बाद आत्मिक हुआ। 
1 Corinthians 15:47 प्रथम मनुष्य धरती से अर्थात मिट्टी का था; दूसरा मनुष्य स्‍वर्गीय है। 
1 Corinthians 15:48 जैसा वह मिट्टी का था वैसे ही और मिट्टी के हैं; और जैसा वह स्‍वर्गीय है, वैसे ही और भी स्‍वर्गीय हैं। 
1 Corinthians 15:49 और जैसे हम ने उसका रूप जो मिट्टी का था धारण किया वैसे ही उस स्‍वर्गीय का रूप भी धारण करेंगे। 
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है।

एक साल में बाइबल:
  • 1 शमूएल 15-16
  • लूका 10:25-42