ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 16 मार्च 2018

पहचान



   वर्षों पहले मेरा दफ्तर बॉस्टन शहर में ग्रैनरी कब्रिस्तान के निकट था, जिसमें अमेरिका के अनेकों प्रसिद्ध हस्तियों को दफनाया गया है, और दफ्तर से वह कब्रिस्तान दिखाई देता था। उस कब्रिस्तान में जौन हैनकॉक और सैम्युएल एडम्स की कब्रें हैं जो स्वतंत्रता की घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में से थे, और उनसे थोड़ा सा हट कर पौल रिविअर की कब्र का चिन्ह है।

   लेकिन इस कब्रिस्तान में वास्तव में कौन कहाँ दफनाया गया है, यह कोई नहीं जानता है! ऐसा इसलिए क्योंकि कब्र की निशानी के पत्थरों को अनेकों बार इधर-उधर किया गया है – कभी उस कब्रिस्तान को और अधिक सुन्दर बनाने के लिए तो कभी पत्थरों के बीच से घास काटने वाली मशीन के निकलने के लिए पर्याप्त स्थान बनाने के लिए। जबकि ग्रैनरी कब्रिस्तान में 2,300 कब्रों के पत्थर हैं, लेकिन वास्तव में वहाँ लगभग 5,000 लोग दफनाए गए हैं। प्रतीत होता है कि मृत्यु में भी लोगों की पहचान नहीं रहने पाती है।

   हो सकता है कि हमारे जीवनों में भी ऐसे समय आएं जब हम अपने आप को ग्रैनरी कब्रिस्तान के उन अदृश्य लोगों के समान अनुभव करें, सँसार में अनजान और अज्ञात। अकेलापन हमें अदृश्य सा अनुभव करवा सकता है – सँसार में भी और परमेश्वर के समक्ष भी। लेकिन हमें सदा अपने आप को स्मरण दिलाते रहना चाहिए कि चाहे हमें लगे कि हमारा सृष्टिकर्ता परमेश्वर हमें भूल गया है, परन्तु ऐसा कभी होता नहीं है। न केवल परमेश्वर ने हमें अपने स्वरूप में बनाया है (उत्पत्ति 1:26-27), परन्तु वह हम में से प्रत्येक को बहुमूल्य समझता है और हमारे उद्धार के लिए अपने पुत्र को बलिदान होने के लिए भेजा है (यूहन्ना 3:16)।

   हमारे जीवनों के सबसे अंधकारपूर्ण समय में भी, हम इस बात में आश्वस्त रह सकते हैं कि हमारे पिता परमेश्वर के समक्ष हमारी व्यक्तिगत पहचान और कीमत है, वह सदा हमारे साथ बना रहता है, हमारा ध्यान रखता है। - रैंडी किल्गोर


हम विशेष हैं क्योंकि परमेश्वर हम से प्रेम करता है।

क्योंकि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, उस तेज के प्रगट होने के बाद उसने मुझे उन जातियों के पास भेजा है जो तुम्हें लूटती थीं, क्योंकि जो तुम को छूता है, वह मेरी आंख की पुतली ही को छूता है। - ज़कर्याह 2:8

बाइबल पाठ: मत्ती 6:25-34
Matthew 6:25 इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?
Matthew 6:26 आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते।
Matthew 6:27 तुम में कौन है, जो चिन्‍ता कर के अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
Matthew 6:28 और वस्‍त्र के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं।
Matthew 6:29 तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Matthew 6:30 इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा?
Matthew 6:31 इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Matthew 6:32 क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए।
Matthew 6:33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Matthew 6:34 सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।


एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 28-29
  • मरकुस 14:54-72