मेरी पत्नि मारलीन और मैं 35 वर्ष से अधिक समय से विवाहित हैं। विवाह से पहले जब हमारी बात-चीत और मित्रता चल रही थी तो उसने अपने बारे में एक बात मुझे बताई, जिसे मैं आज तक नहीं भूला हूँ। मारलीन ने बताया कि जब वह 6 माह की थी तो उसे गोद लिया गया था। जब मैंने उससे पूछा कि क्या उसे अपने वास्तविक माता-पिता के बारे में जानने की उत्सुकता कभी हुई, तो उसने उत्तर दिया, "मेरे माता-पिता ने मुझे चुना; उस दिन उनके सामने कई और बच्चे थे, परन्तु उन्होंने मुझे चुना, मुझे अपना नाम दिया, मेरी परवरिश करी। अब वही मेरे वास्तविक माता-पिता हैं।"
अपने दत्तक अभिभावकों के प्रति जो एक सशक्त लगाव और कृतज्ञता का भाव मारलीन का है, वही हम मसीही विश्वासियों का अपने परमेश्वर पिता के प्रति भी होना चाहिए। मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण हम उस पर लाए गए विश्वास द्वारा परमेश्वर से नया जन्म पाकर परमेश्वर के परिवार का भाग हो गए हैं। प्रेरित पौलुस ने लिखा, "जैसा उसने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों" (इफिसीयों 1:4-5)।
पौलुस द्वारा बताए गए इस आदान-प्रदान के बारे में विचार करें। हमें परमेश्वर ने चुना, गोद लिया और अपने पुत्र और पुत्री बनाया। इस गोद लिए जाने के कारण परमेश्वर से हमारा एक बिलकुल नया रिश्ता बन गया है; अब वह हमारा प्रेमी पिता है!
परमेश्वर से हमारा यह विशेष रिश्ता हमें अपने प्रेमी पिता की आराधना और उपासना सच्चे दिल से निकले धन्यवाद और कृतज्ञता के साथ करते रहने, और उसकी आज्ञाकारिता में बने रहने को उभारता रहे और हम यह करते रहें। - बिल क्राउडर
परमेश्वर हम में से प्रत्येक से ऐसा प्रेम करता है मानो हम एकलौते ही हैं। - ऑगस्टीन
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13
बाइबल पाठ: इफिसीयों 1:3-12
Ephesians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है।
Ephesians 1:4 जैसा उसने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
Ephesians 1:5 और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों,
Ephesians 1:6 कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया।
Ephesians 1:7 हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।
Ephesians 1:8 जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया।
Ephesians 1:9 कि उसने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उसने अपने आप में ठान लिया था।
Ephesians 1:10 कि समयों के पूरे होने का ऐसा प्रबन्ध हो कि जो कुछ स्वर्ग में है, और जो कुछ पृथ्वी पर है, सब कुछ वह मसीह में एकत्र करे।
Ephesians 1:11 उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जा कर मीरास बने।
Ephesians 1:12 कि हम जिन्हों ने पहिले से मसीह पर आशा रखी थी, उस की महिमा की स्तुति के कारण हों।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 13-15
- मत्ती 5:1-26