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बुधवार, 24 नवंबर 2010

सेवा करने के लिये बुलाये गये

जब जॉर्ज बुश राष्ट्रपति थे तो एक धन्यवादि पर्व के दिन अचानक वह विदेशों में स्थित अमरीकी सैनिकों के पास पहुंचे और उन्हें भोजन परोसने में भाग लिया। एक प्रेस रिपोर्टर ने टिप्पणी करी कि शायद कुछ सैनिक उस भोजन को निशानी के रूप में बचा कर रख लेंगें, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा परोसा गया भोजन रोज़ रोज़ तो नहीं मिलता।

संसार भर में, सभी निर्वाचित अफसर और नेता, जनता के ’सेवक’ होने के लिये नियुक्त हैं, इसलिये राष्ट्रपति के इस काम के लिये इतना अचंभित होने का कारण क्यों हुआ? क्योंकि चाहे कुछ वास्तव में सेवक बन कर कार्य करने वाले हों, अधिकांशतः तो सेवा लेने वाले ही होते हैं। वे ’सेवक’ केवल अपनी स्वार्थसिद्धी के लिये ही बनते हैं।

जब प्रभु यीशु मसीह अपने चेलों को प्रक्षिशित कर रहे थे तो उनके चेलों में बड़े बनने की होड़ हुई। तब प्रभु ने मसीही सेवक होने का अर्थ चेलों को स्वयं अपने जीवन और उद्देश्य के उदाहरण द्वारा समझाया: "और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं। पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।" (मरकुस १०:४२-४५)

सच्चा मसीही और अच्छा अगुवा, सेवा लेना नहीं वरन पहले स्वयं दीन होकर सेवा करने वाला होता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अच्छा सेवक ही अच्छा अगुवा भी होता है।

क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे - मरकुस १०:४५


बाइबल पाठ: मरकुस १०:३५-४५

तब जब्‍दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे।
उस ने उन से कहा, तुम क्‍या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं?
उन्‍होंने उस से कहा, कि हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे।
यीशु न उन से कहा, तुम नहीं जानते, कि क्‍या मांगते हो; जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, क्‍या ले सकते हो?
उन्‍होंने उस से कहा, हम से हो सकता है: यीशु ने उन से कहा: जो कटोरा मैं पीने पर हूं, तुम पीओंगे, और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, उसे लोगे।
पर जिन के लिये तैयार किया गया है, उन्‍हें छोड़ और किसी को अपने दाहिने और अपने बाएं बैठाना मेरा काम नहीं।
यह सुन कर दसों याकूब और यूहन्ना पर रिसयाने लगे।
और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।
पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।
और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने।
क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।

एक साल में बाइबल:
यहेजेकेल २२, २३
१ पतरस १