प्रसिद्ध प्रचारक एवं धर्मशास्त्री हेल्मट थिएलिके (1908-1986) को जर्मनी में नाट्ज़ी शासन के दौरान 1930 तथा 1940 के दशकों में बहुत विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी इन कठिन और कष्टदायक समयों में वे मसीह यीशु में परमेश्वर की उपस्थिति और सामर्थ्य का प्रचार करने से थमे नहीं। उनके विषय में विद्वान रॉबर्ट स्मिथ ने कहा कि अपने प्रचार में थिएलिके ने वर्तमान के मुद्दों और समस्याओं को संबोधित करते हुए अपने समक्ष सदा एक प्रश्न रखा, "इस विषय पर परमेश्वर की ओर से क्या कोई वचन है?"
क्या यही प्रश्न आज हम सबके समक्ष नहीं होना चाहिए? क्योंकि जो परमेश्वर ने कहा है वह ही हमें सामर्थ देगा और हमारा मार्गदर्शन करेगा तथा कठिनाईयों और परिस्थितियों से होकर निकलने में हमारी सहायता करेगा।
परमेश्वर के वचन बाइबल के 1 शमूएल 3 अध्याय में हम एक ऐसे काल का उल्लेख पाते हैं जब "परमेश्वर का वचन दुर्लभ था" (पद 1)। जब परमेश्वर ने बालक शमूएल से बात करी, तब पहले तो शमूएल ने समझा कि वृद्ध पुरोहित एली, जिसके साथ वह रहता था, वह उससे बात करना चाह रहा है। एली ने ही सारी परिस्थिति समझ कर शमूएल को समझाया कि जब पुनः उसे परमेश्वर का स्वर सुनाई दे तो वह कहे, "हे यहोवा कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है" (पद 9)। शमूएल ने परमेश्वर की आवाज़ को सुना और उसकी बात पर विश्वास करना तथा उसे मानना सीखा, और वह परमेश्वर का निडर और विश्वासयोग्य सेवक बन सका, तथा, "...यहोवा ने अपने आप को शीलो में शमूएल पर अपने वचन के द्वारा प्रगट किया" (पद 21)।
जब कभी हम परमेश्वर के अध्ययन के लिए बैठें, या परमेश्वर के वचन पर आधारित कोई प्रचार सुनें, या प्रार्थना में परमेश्वर के सामने आएं, तो हमारे लिए बहुत अच्छा होगा कि हम परमेश्वर से कहें, "हे प्रभु यीशु मुझसे बोलिए। मैं सुनने के लिए आतुर और आज्ञा मानने के लिए तैयार हूँ।" - डेविड मैक्कैसलैण्ड
परमेश्वर अपने वचन में हो कर उन से बोलता है जो सच्चे मन से उसकी सुनने और मानने को तैयार रहते हैं।
मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। - भजन 119:11
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 3:1-10
1 Samuel 3:1 और वह बालक शमूएल एली के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करता था। और उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था; और दर्शन कम मिलता था।
1 Samuel 3:2 और उस समय ऐसा हुआ कि (एली की आंखे तो धुंघली होने लगी थीं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था,
1 Samuel 3:3 और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और शमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था लेटा था;
1 Samuel 3:4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा!
1 Samuel 3:5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया।
1 Samuel 3:6 तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह।
1 Samuel 3:7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था।
1 Samuel 3:8 फिर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठके एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। तब एली ने समझ लिया कि इस बालक को यहोवा ने पुकारा है।
1 Samuel 3:9 इसलिये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, कि हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है तब शमूएल अपने स्थान पर जा कर लेट गया।
1 Samuel 3:10 तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 10-12