बपतिस्मा - पवित्र आत्मा का बपतिस्मा - 1
पिछले लेखों में बपतिस्मे शब्द के अर्थ
और उससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बाइबल में दी गई शिक्षाओं को
उनकी वास्तविकता में देखने के बाद, प्रभु यीशु द्वारा कही गई बात को लेकर दी रही “पवित्र आत्मा का बपतिस्मा” से संबंधित गलत शिक्षा और
उससे संबंधित बातों को देखते हैं। पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाने को लेकर बहुत सी
ऐसी शिक्षाएं और विचार मसीही समाज और विश्वासियों में फैली हुई हैं और फैलाई भी जा
रही हैं, जो बाइबल की शिक्षाओं के अनुसार नहीं हैं। ये शिक्षाएं
किस प्रकार से शक्कर में लपेटे हुए कड़वे और घातक ज़हर के समान हैं, जो विश्वासियों के विश्वास और सेवकाई की बहुत हानि करते हैं, उन्हें सत्य के मार्ग से भटका कर, गलत धारणाओं और
निष्फल कार्यों की ओर ले जाते हैं, इसे हम आगे चलकर देखेंगे। प्रभु यीशु ने प्रेरितों 1:4 में जो बात कही, कि पवित्र आत्मा प्राप्त होने तक
(पद 8) शिष्य यरूशलेम में यह होने की प्रतीक्षा करते रहें,
उसी विचार को आगे बढ़ाते हुए, प्रभु ने अपने
शिष्यों कहा “क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु
थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे” (प्रेरितों 1:5)। प्रभु की कही बात को, वचन में लिखे हुए उनके ही शब्दों के प्रयोग के साथ ध्यान से देखें और
विचारें; प्रभु ने शिष्यों से कहा कि थोड़े ही दिनों में वे पवित्र
आत्मा से बपतिस्मा पाएंगे (‘का’ नहीं; not ‘of’, but ‘with’)। प्रभु यीशु ने
“पवित्र आत्मा का बपतिस्मा” पाने
की बात नहीं कही, वरन “पवित्र आत्मा से
बपतिस्मा” पाने की बात कही।
पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाना, प्रभु की बात का पूरा
होना है; जबकि पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाना,
पानी से बपतिस्मे के अतिरिक्त एक अन्य, एक
भिन्न बपतिस्मे की बात करना है। अर्थात पानी से एक बपतिस्मे के लिए प्रभु ने कहा
है; और इन लोगों की शिक्षा के अनुसार एक दूसरा और भिन्न
बपतिस्मा पवित्र आत्मा का होता है, जो हम पहले देख चुके हैं
कि वचन के अनुसार सही नहीं है। पूरे नए नियम में कहीं पर भी “पवित्र आत्मा का बपतिस्मा” कहीं प्रयोग नहीं
किया गया है। जहाँ भी प्रयोग हुआ है, “पवित्र आत्मा से
बपतिस्मा” प्रयोग हुआ है। एक छोटे से शब्द का अनुचित प्रयोग,
बात के सारे अर्थ को बदल देता है; “से”
का अर्थ होता है वह माध्यम जो बपतिस्मा देने के लिए प्रयोग होगा -
जैसा हम पिछले लेख में मत्ती 3:11 के संदर्भ में देखा था
जहाँ “पानी से”, “पवित्र आत्मा
और आग से” बपतिस्मे दिए जाने की बात की गई है। इसकी
तुलना में, ‘का’ कहने का अर्थ किसी के
अधिकार या आज्ञा को दिखना होता है, अथवा किसी अन्य से अलग
होकर उस दूसरे जन का हो जाना संकेत करता है। इसलिए बपतिस्मे के संदर्भ में
“का” से अर्थ बनता है बपतिस्मा किसके अधिकार
या आज्ञा के अनुसार होगा। “प्रभु यीशु का बपतिस्मा” कहने का अर्थ है वह बपतिस्मा जो प्रभु यीशु के कहे के अनुसार या उसकी आज्ञाकारिता
के अनुसार दिया गया; जबकि “पवित्र
आत्मा का बपतिस्मा” का अर्थ है वह बपतिस्मा जो पवित्र आत्मा
के कहे के अनुसार या उसके अधिकार से दिया गया।
कुछ संबंधित बाइबल के पदों के द्वारा “से” और “का” के अर्थ की भिन्नता को समझते हैं:
- मत्ती 3:11 मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आने वाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। (‘पानी, पवित्र आत्मा और आग “से” अर्थात इन माध्यमों से; और मन फिराव “का”; अर्थात मन फिराव की आज्ञा या अधिकार के पालन के अन्तर्गत)
- मरकुस 1:8 मैं ने तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।
- लूका 3:16 तो यूहन्ना ने उन सब से उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्तु वह आने वाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
- यूहन्ना 1:33 और मैं तो उसे पहचानता नहीं था, परन्तु जिसने मुझे जल से बपतिस्मा देने को भेजा, उसी ने मुझ से कहा, कि जिस पर तू आत्मा को उतरते और ठहरते देखे; वही पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देनेवाला है।
- प्रेरितों के काम 11:16 तब मुझे प्रभु का वह वचन स्मरण आया; जो उसने कहा; कि यूहन्ना ने तो पानी से बपतिस्मा दिया, परन्तु तुम पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाओगे।
- प्रेरितों के काम 18:25 उसने प्रभु के मार्ग की शिक्षा पाई थी, और मन लगाकर यीशु के विषय में ठीक ठीक सुनाता, और सिखाता था, परन्तु वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मा की बात जानता था। (यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की आज्ञा या अधिकार के अन्तर्गत दिया गया बपतिस्मा)
- 1 कुरिन्थियों 1:12 मेरा कहना यह है, कि तुम में से कोई तो अपने आप को पौलुस का, कोई अपुल्लोस का, कोई कैफा का, कोई मसीह का कहता है। (इन विभिन्न उल्लेखित लोगों में से एक के अधिकार या आज्ञाकारिता में रहने वाला)
- 1 कुरिन्थियों 10:2 और सब ने बादल में, और समुद्र में, मूसा का बपतिस्मा लिया। (मूसा की आज्ञाकारिता या अधिकार के अन्तर्गत लिया गया बपतिस्मा)
- रोमियों 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया (प्रभु यीशु की आज्ञाकारिता या अधिकार के अन्तर्गत लिया गया बपतिस्मा)
ध्यान कीजिए कि हर स्थान पर वाक्यांश “पवित्र आत्मा से बपतिस्मा” का प्रयोग किया गया है, अर्थात, पानी के समान ही पवित्र आत्मा वह माध्यम होगा जिसके द्वारा बपतिस्मा मिलेगा, यानि कि जिसमें डुबोया जाएगा। जबकि वचन में कहीं पर भी “पवित्र आत्मा का बपतिस्मा” वाक्यांश प्रयोग नहीं हुआ है। हम देख चुके हैं कि परमेश्वर पवित्र आत्मा केवल वही बताता, स्मरण करवाता, और सिखाता है जो प्रभु यीशु बता और सिखा चुका है; वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहता या करता है (यूहन्ना 16:13, 14)। इसलिए “पवित्र आत्मा का बपतिस्मा” कहना, प्रभु यीशु द्वारा बताई गई पवित्र आत्मा की सेवकाई में विरोधाभास (contradiction) उत्पन्न करना होगा। और परमेश्वर पवित्र आत्मा अपनी ओर से या अपने अधिकार से कुछ भी नया कभी नहीं करेगा, नहीं सिखाएगा, नहीं बताएगा।
यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो यह आपके
लिए अनिवार्य है कि आप परमेश्वर पवित्र आत्मा के विषय वचन में दी गई शिक्षाओं को
गंभीरता से सीखें, समझें
और उनका पालन करें; और सत्य को जान तथा समझ कर ही उचित और
उपयुक्त व्यवहार करें, सही शिक्षाओं का प्रचार करें। किसी के
भी द्वारा प्रभु, परमेश्वर, पवित्र आत्मा
के नाम से प्रचार की गई हर बात को 1 थिस्सलुनीकियों 5:21
तथा प्रेरितों 17:11 के अनुसार जाँच-परख कर,
यह स्थापित कर लेने के बाद कि उस शिक्षा का प्रभु यीशु द्वारा
सुसमाचारों में प्रचार किया गया है; प्रेरितों के काम में
प्रभु के उस प्रचार का निर्वाह किया गया है; और पत्रियों में
उस प्रचार तथा कार्य के विषय शिक्षा दी गई है, तब ही उसे
स्वीकार करें तथा उसका पालन करें, उसे औरों को सिखाएं या
बताएं। आपको अपनी हर बात का हिसाब प्रभु को देना होगा (मत्ती 12:36-37)। जब वचन आपके हाथ में है, वचन को सिखाने के लिए पवित्र
आत्मा आपके साथ है, तो फिर बिना जाँचे और परखे गलत शिक्षाओं
में फँस जाने, तथा मनुष्यों और उनके समुदायों और उनकी गलत
शिक्षाओं को आदर देते रहने के लिए, उन गलत शिक्षाओं में बने
रहने के लिए क्या आप प्रभु परमेश्वर को कोई उत्तर दे सकेंगे?
यदि आपने प्रभु की शिष्यता को अभी तक
स्वीकार नहीं किया है, तो
अपने अनन्त जीवन और स्वर्गीय आशीषों को सुनिश्चित करने के लिए अभी प्रभु यीशु के
पक्ष में अपना निर्णय कर लीजिए। जहाँ प्रभु की आज्ञाकारिता है, उसके वचन की बातों का आदर और पालन है, वहाँ प्रभु की
आशीष और सुरक्षा भी है। प्रभु यीशु से अपने पापों के लिए क्षमा माँगकर, स्वेच्छा से तथा सच्चे मन से अपने आप को उसकी अधीनता में समर्पित कर दीजिए
- उद्धार और स्वर्गीय जीवन का यही एकमात्र मार्ग है। आपको स्वेच्छा और सच्चे मन से
प्रभु यीशु मसीह से केवल एक छोटी प्रार्थना करनी है, और साथ ही
अपना जीवन उसे पूर्णतः समर्पित करना है। आप यह प्रार्थना और समर्पण कुछ इस प्रकार
से भी कर सकते हैं, “प्रभु यीशु मैं आपका धन्यवाद करता हूँ
कि आपने मेरे पापों की क्षमा और समाधान के लिए उन पापों को अपने ऊपर लिया, उनके कारण मेरे स्थान पर क्रूस की मृत्यु सही, गाड़े
गए, और मेरे उद्धार के लिए आप तीसरे दिन जी भी उठे, और आज जीवित प्रभु परमेश्वर हैं। कृपया मेरे पापों को क्षमा करें, मुझे अपनी शरण में लें, और मुझे अपना शिष्य बना लें।
मैं अपना जीवन आप के हाथों में समर्पित करता हूँ।” सच्चे और
समर्पित मन से की गई आपकी एक प्रार्थना आपके वर्तमान तथा भविष्य को, इस लोक के और परलोक के जीवन को, अनन्तकाल के लिए
स्वर्गीय एवं आशीषित बना देगी।
एक साल में बाइबल पढ़ें:
- यहेजकेल
30-32
- 1 पतरस 3