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बुधवार, 9 जुलाई 2014

संचालक


   इंडोनेशिया में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान हम ने वाद्य वृन्द द्वारा प्रस्तुत संगीत का अद्भुत आनन्द लिया। संगीत समारोह के समापन से ठीक पहले हम सभी उपस्थित दर्शकों को एक एक अंगक्लुंग - जो बाँस से बना एक संगीत वाद्य यान्त्र है दिया गया और हमें सिखाया गया कि कैसे हम उसे संगीत संचालक द्वारा दी जाने वाली ताल के साथ हिलाएं जिससे हम भी संगीत उत्पन्न कर सकें। शीघ्र ही हम सभी एक साथ उस वाद्य वृन्द का भाग बनकर संगीत बजा-सुना रहे थे, और हमें गर्व होने लगा कि हम कितना अच्छा बजा लेते हैं। लेकिन तभी मुझे समझ आया कि अच्छा बजाने वाले हम नहीं हैं वरन इस अच्छे प्रदर्शन का श्रेय तो उस संगीत संचालक को जाता है जो हम सब को एक साथ लेकर एक ही ताल में संगीत उत्पन्न करवा रहा था।

   इसी प्रकार जब जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, तो हमारे लिए अपने ऊपर घमण्ड करना बड़ा सरल हो जाता है। हमें लगता है कि हम स्वयं भले हैं, और हमने अपनी योग्यताओं के द्वारा ही यह सब सफलता अर्जित करी है। ऐसे पलों में हम यह भूल जाते हैं कि इस सब भलाई और सफलता के पीछे हमारा परमेश्वर पिता है जो हमें प्रोत्साहित करता है, हमारा बचाव करता है, हमारे लिए संसाधन उपलब्ध करवाता है और हमारी सुरक्षा करता है।

   राजा दाऊद ने परमेश्वर के इन कार्यों को अपने जीवन में पहचाना और उसे श्रेय दिया; दाऊद ने लिखा: "तब दाऊद राजा भीतर जा कर यहोवा के सम्मुख बैठा, और कहने लगा, हे यहोवा परमेश्वर! मैं क्या हूँ? और मेरा घराना क्या है? कि तू ने मुझे यहां तक पहुंचाया है?" (1 इतिहास 17:16) - दाऊद का हृदय परमेश्वर की भलाई और देखभाल के कारण, परमेश्वर के प्रति आभार और कृतज्ञता से भरा हुआ था।

   अगली बार जब कोई ऐसा अवसर आए जिसमें हमें मिलने वाली किसी आशीष के लिए हम अपनी योग्यताओं और क्षमताओं पर घमण्ड करके सारा श्रेय स्वयं को ही देने लगें, तब ज़रा थम कर, थोड़ा सोच कर देखें और स्मरण करें कि परमेश्वर ही हमारे जीवनों का संचालक है, वही है जो हमें सब भलाईयों और आशीषों से तृप्त करता है। - एल्बर्ट ली


परमेश्वर पिता का अदृश्य हाथ हमारे जीवन के प्रत्येक कार्य के पीछे होता है।

क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है। - याकूब 1:17 

बाइबल पाठ: भजन 103:1-22
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। 
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। 
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। 
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। 
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। 
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। 
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।
Psalms 103:15 मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है, 
Psalms 103:16 जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है। 
Psalms 103:17 परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है, 
Psalms 103:18 अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण कर के उन पर चलते हैं।
Psalms 103:19 यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है। 
Psalms 103:20 हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो! 
Psalms 103:21 हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओं, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो! 
Psalms 103:22 हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 140-144