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रविवार, 5 सितंबर 2010

जीवन अच्छा है

अपने निकट के एक सैलानियों के स्थान पर मैं वस्त्रों की एक छोटी दुकान में गई। उस दुकान में बिकने वाले हर वस्त्र पर छपा था "जीवन अच्छा है।" कभी कभी हमें अपने आप को यह साधारण सत्य स्मरण दिलाने की आवश्यक्ता होती है।

जब जीविका कमाने, परिवार का पालन करने, स्वास्थ की देखभाल करने और संबंधों को बनाए रखने आदि के द्वारा हम दबाव में आकर परेशान हों, तो भला हो कि हम इस बात पर विचार करें कि इस सृष्टि में हमारी भुमिका कितनी छोटी है। चाहे हम अपने कामों से चिंतित रहते हों, परमेश्वर शांति से अपना काम करता रहता है। वह पृथ्वी को सही गति से घुमाता है, नक्षत्रों की परिक्रमा को बनाये रखता है, मौसम बदलता रहता है। हमारी किसी सहायता के बिना वह प्रति प्रातः सूर्योदय और प्रति संध्या सूर्यास्त करता है, वह आकाश में ज्योतियों की स्थिति को हर रात बदलता है। वह नियमित रूप से हमें सोने और आराम करने के लिये रात्रि और कार्य करने के लिये दिन देता है। बिना उंगली उठाए हम सूर्यास्त और सूर्योदय का आनन्द ले सकते हैं। वह नियत समय पर मौसम बदलता है, हमें परमेश्वर से प्रार्थना करके उसे बताने की आवश्यक्ता नहीं होती कि अब किस मौसम की बारी है और कब कौन सा मौसम लागू करना है। वह जो भी करता है, हमें याद दिलाता है कि वह भला है (प्रेरितों १४:१७)।

कभी कभी जीवन कठिन होगा, कभी दुखदायी भी होगा, कभी अपूर्ण भी होगा, परन्तु फिर भी अच्छा ही रहेगा; क्योंकि इन सब परिस्थितियों में भी परमेश्वर का प्रेम हमारे साथ बना रहता है, कोई भी बात हमें उसके प्रेम से अलग नहीं कर सकती (रोमियों ८:३९)। - जूली ऐकरमैन लिंक


परमेश्वर का अनुग्रह असीम, उसकी कृपा अमिट और उसकी शान्ति अवर्णनीय है।

क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। - रोमियों ८:३८, ३९


बाइबल पाठ: रोमियों ८:३१-३९

सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
जिस ने अपके निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा?
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उनको धर्मी ठहराने वाला है।
फिर कौन है जो दण्‍ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्‍या क्‍लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं, हम वध होने वाली भेंडों की नाईं गिने गए हैं।
परन्‍तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं।
क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्य, न ऊंचाई,
न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल:
  • भजन १४६, १४७
  • १ कुरिन्थियों १५:१-२८