मैं अपने दामाद के साथ एक खेल प्रतियोगिता देखने गया हुआ था; हम वहाँ उस खेल को भी और वहाँ बैठे लोगों को भी देखने के मज़े ले रहे थे। एक घटना के दौरान उपस्थित लोगों में से एक ने, मानव व्यवहार के अच्छे और बुरे दोनों पक्षों को दिखाया। वह बाहर से आया और अपने बैठने के स्थान का अता-पता भूल गया। अपने स्थान को ढूँढ़ने के लिए वह खड़ा होकर इधर-उधर देखने लगा, किंतु उसके हमारे सामने खड़े होने से हमारा तथा हमारे पीछे बैठे एक अन्य व्यक्ति का दृश्य बाधित हो गया। हमारे पीछे वाले व्यक्ति ने उससे कहा, "कृप्या आगे बढ़िए; आप हमें खेल देखने नहीं दे रहे हैं।" अपना स्थान ढूँढ़ रहे उस व्यक्ति ने व्यंगात्मक रीति से उत्तर दिया, "बुरा है" और वहीं खड़ा देखता रहा; जब पुनः उससे यही आग्रह किया गया तो उसने खिसिया कर और भी तीखेपन से उत्तर दिया। कुछ देर पश्चात वह व्यक्ति आगे बढ़ गया। लेकिन थोड़ी देर बाद और भी आश्चरय की बात हुई; वह व्यक्ति लौट कर वापस आया और जिस व्यक्ति से वह खिसिया कर बोला था, उसे संबोधित करते हुए कहा, "श्रीमान, मुझे माफ करें; मैं अपना स्थान पहचान नहीं पाने के कारण परेशान था।" उन दोनों ने हाथ मिलाए और सारी घटना एक अच्छे वातावरण में समाप्त हो गई।
उनके इस वार्तालाप ने मुझे सोचने पर बाध्य किया; जीवन के सफर में अनेक परिस्थितियाँ हमें खिसिया सकती हैं और हमसे हमारे मसीही विश्वास के विरुद्ध व्यवहार करवा सकती हैं। यदि ऐसा हो तो परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह हमें हिम्मत दे कि हम जाकर उन से क्षमा याचना कर सकें जिन्हें हमने अपने व्यवहार से दुखी किया है। हमारे प्रभु यीशु ने हमें सिखाया है कि हमारी आराधना परमेश्वर को तब ही स्वीकार होगी (मत्ती 5:23-24)।
जब हम दूसरों के साथ मेल-मिलाप बनाए रखने को अपनी प्राथमिकता बनाए रखते हैं, हम परमेश्वर का भी आदर करते हैं। जब हम मनुष्यों के साथ मेल-मिलाप के संग रहेंगे तो परमेश्वर पिता के संग भी सहभागिता का आनन्द ले सकेंगे। - डेव ब्रैनन
पाप का अंगीकार ही वह भूमि है जिसमें क्षमा फलती-फूलती है।
यदि कोई कहे, कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखता हूं; और अपने भाई से बैर रखे; तो वह झूठा है: क्योंकि जो अपने भाई से, जिसे उसने देखा है, प्रेम नहीं रखता, तो वह परमेश्वर से भी जिसे उसने नहीं देखा, प्रेम नहीं रख सकता। और उस से हमें यह आज्ञा मिली है, कि जो कोई अपने परमेश्वर से प्रेम रखता है, वह अपने भाई से भी प्रेम रखे। - 1 यूहन्ना 4:20-21
बाइबल पाठ: मत्ती 5:21-26
Matthew 5:21 तुम सुन चुके हो, कि पूर्वकाल के लोगों से कहा गया था कि हत्या न करना, और जो कोई हत्या करेगा वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा।
Matthew 5:22 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे “अरे मूर्ख” वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा।
Matthew 5:23 इसलिये यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहां तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, तो अपनी भेंट वहीं वेदी के साम्हने छोड़ दे।
Matthew 5:24 और जा कर पहिले अपने भाई से मेल मिलाप कर; तब आकर अपनी भेंट चढ़ा।
Matthew 5:25 जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग ही में हैं, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्दीगृह में डाल दिया जाए।
Matthew 5:26 मैं तुम से सच कहता हूं कि जब तक तू कौड़ी कौड़ी भर न दे तब तक वहां से छूटने न पाएगा।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजा 24-25
- यूहन्ना 5:1-24