सुप्रसिद्ध मसीही लेखक सी. एस. ल्यूईस और उनके बड़े भाई वैरन कई वर्षों तक विनयार्ड नामक एक बोर्डिंग स्कूल में रहे और वहाँ उन्होंने बहुत कष्ट झेले क्योंकि उनका हैडमास्टर एक ऐसा क्रूर व्यक्ति था जिसने सबके लिए जीना दूभर कर रखा था। इस अनुभव से निकलने के दशकों बाद भी, वैरन ने अपनी व्यंगात्मक शैली में लिखा, "अब मैं 64 वर्ष से कुछ अधिक आयु का हूँ, और मैं कभी ऐसी परिस्थिति में नहीं पड़ा हूँ जहाँ मुझे इस बात का संतोष नहीं हुआ हो कि उस परिस्थिति में भी मैं विनयार्ड में होने की स्थिति से तो बेहतर ही हूँ।" हम में से अधिकांश अपने जीवनों में कोई न कोई ऐसा कठिन और अंधकारमय अवसर स्मरण कर सकते हैं जिसके कारण हम धन्यवादी हो सकते हैं कि हम उस परिस्थिति से तो फिर भी बेहतर स्थिति में ही हैं।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 40:1-5 में दाऊदे के जीवन का एक ऐसा ही निम्न बिंदु दर्ज किया गया है, जब उसने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने उसे छुड़ाया। परमेश्वर ने उसे "सत्यानाश के गढ़हे" और "दलदल की कीच" से निकाला और उसे चट्टान पर स्थिर किया (पद 2)। दाऊद कहता है कि परमेश्वर ने "...मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है..." (पद 3)।
परन्तु विषाद और निराशा से छुड़ाया जाना यदा-कदा ही एक बार में ही सदा के लिए किया गया कार्य होता हैं। भजन 40 में आगे दाऊद के परमेश्वर से पुनः किए गए आग्रह हैं कि परमेश्वर उसे उसके पाप से और शत्रुओं की धमकियों से छुड़ा ले, उस पर फिर से अपनी करुणा, भलाई, और सत्य को कार्यान्वित करे (पद 11-14)।
दाऊद के साथ हम भी, अपने जीवन की प्रत्येक स्थिति और कठिनाई में कह सकते हैं: "मैं तो दीन और दरिद्र हूं, तौभी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है" (पद 17)। - डेविड मैक्कैसलैंड
वह जो सारी सृष्टि को संभाले रहता है, आपको कभी नहीं छोड़ेगा।
मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10
बाइबल पाठ: भजन 40
Psalms 40:1 मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दोहाई सुनी।
Psalms 40:2 उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है।
Psalms 40:3 और उसने मुझे एक नया गीत सिखाया जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का है। बहुतेरे यह देखकर डरेंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
Psalms 40:4 क्या ही धन्य है वह पुरूष, जो यहोवा पर भरोसा करता है, और अभिमानियों और मिथ्या की ओर मुड़ने वालों की ओर मुंह न फेरता हो।
Psalms 40:5 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती।
Psalms 40:6 मेलबलि और अन्नबलि से तू प्रसन्न नहीं होता तू ने मेरे कान खोदकर खोले हैं। होमबलि और पापबलि तू ने नहीं चाहा।
Psalms 40:7 तब मैं ने कहा, देख, मैं आया हूं; क्योंकि पुस्तक में मेरे विषय ऐसा ही लिखा हुआ है।
Psalms 40:8 हे मेरे परमेश्वर मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूं; और तेरी व्यवस्था मेरे अन्त:करण में बनी है।
Psalms 40:9 मैं ने बड़ी सभा में धर्म के शुभ समाचार का प्रचार किया है; देख, मैं ने अपना मुंह बन्द नहीं किया हे यहोवा, तू इसे जानता है।
Psalms 40:10 मैं ने तेरा धर्म मन ही में नहीं रखा; मैं ने तेरी सच्चाई और तेरे किए हुए उद्धार की चर्चा की है; मैं ने तेरी करूणा और सत्यता बड़ी सभा से गुप्त नहीं रखी।
Psalms 40:11 हे यहोवा, तू भी अपनी बड़ी दया मुझ पर से न हटा ले, तेरी करूणा और सत्यता से निरन्तर मेरी रक्षा होती रहे!
Psalms 40:12 क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूं; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिये मेरा हृदय टूट गया।
Psalms 40:13 हे यहोवा, कृपा कर के मुझे छुड़ा ले! हे यहोवा, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
Psalms 40:14 जो मेरे प्राण की खोज में हैं, वे सब लज्जित हों; और उनके मुंह काले हों और वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं।
Psalms 40:15 जो मुझ से आहा, आहा, कहते हैं, वे अपनी लज्जा के मारे विस्मित हों।
Psalms 40:16 परन्तु जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वह सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों; जो तेरा किया हुआ उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, यहोवा की बड़ाई हो!
Psalms 40:17 मैं तो दीन और दरिद्र हूं, तौभी प्रभु मेरी चिन्ता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे मेरे परमेश्वर विलम्ब न कर।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 35-36
- 2 पतरस 1