कैन्सस में एक 60 वर्ष पुराने होटल को रिहायशी मकानों में परिवर्तित किया जा रहा है। फिलेडैल्फिया में एक पुराने ज़ंग लगे पानी के जहाज़ का नवीनिकरण चल रहा है और उसे एक होटल या संग्रहालय के रूप में प्रयोग करने की योजना है। कॉलेरैडो में स्थित पुराने स्टेपलटन एयरपोर्ट के हैंगर 61 को, जो अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता था, एक चर्च में परिवर्तित किया जा रहा है। इन सब ढाँचों का कभी एक विशेष उद्देश्य और प्रयोग था जो अब समय के साथ समाप्त हो गया है, लेकिन फिर भी किसी ना किसी की नज़र में ये उपयोगी हैं, एक नए उद्देश्य और उपयोग के योग्य हैं, और वे इन ढाँचों को एक नया रूप देकर उस नए उद्देश्य और उपयोग के लिए तैयार कर रहे हैं।
यदि पुराने ढाँचे एक नया उद्देश्य और उपयोग पा सकते हैं तो मनुष्य क्यों नहीं? परमेश्वर के वचन बाइबल के कुछ नायकों के बारे में विचार कीजिए, जिनके जीवन अनायास ही एक अनेपक्षित दिशा में मुड़ गए और वे साधारण सांसारिक मनुष्यों से परिवर्तित हो कर अनन्त काल के लिए परमेश्वर के वचन में आदर पाने वाले नायक बन गए। याकूब - स्वभाव से स्वार्थी, अड़ंगीमार और धोखेबाज़ था; परमेश्वर के दूत के साथ एक रात जूझने के बाद उसका जीवन और नाम बदल गया (उत्पत्ति 32), वह याकूब से इस्त्राएल हो गया, उसके वंशज आज भी उसके नाम से जाने जाते हैं तथा परमेश्वर ने उसके बारह पुत्रों को इस्त्राएल के बारह गोत्रों का स्त्रोत बना दिया। मूसा - एक अहंकारी राजकुमार था जो अपनी जान बचा कर भागा और जंगल में रहकर भेड़ें चराने लगा, एक जलती हुई झाड़ी में दर्शन देकर (निर्गमन 3) परमेश्वर ने उसे इस्त्राएल को मिस्त्र के दासत्व से निकालकर लाने वाला, परमेश्वर के नियमों और व्यवस्था को इस्त्राएलियों तक पहुँचाने वाला और परमेश्वर के वचन की पहली पाँच पुस्तकों का लिखने वाला बना दिया। शाउल - एक धार्मिक उन्माद से भरा मसीही विश्वासियों का घोर विरोधी होता था, जिसे प्रभु यीशु ने एक चकाचौंध कर देने वाली रौशनी में दर्शन देकर कुछ दिनों के लिए अन्धा तो कर दिया (प्रेरितों 9), लेकिन फिर जब उसकी आँखें खोली गईं तो वह पौलुस नाम से प्रभु यीशु मसीह का एक ऐसा अनुयायी बना जो आज तक सभी मसीही विश्वासियों के लिए एक नमूना है और बाइबल के नए नियम खंड का लगभग दो-तिहाई भाग परमेश्वर ने उसी शाउल से पौलुस बन गए व्यक्ति के द्वारा लिखवाया। ऐसे ही अनेक अन्य उदाहरण ना केवल बाइबल में वरन संसार भर में मसीही समाज में मिल जाएंगे - साधारण और सांसारिक लोग जिन्होंने परमेश्वर को अनुभव किया और उनके जीवन सदा के लिए एक नए उद्देश्य और उपयोग के लिए एक नयी दिशा में चल निकले।
यही अनुभव हमारे साथ भी हो सकता है; कोई अनेपक्षित घटना हमारे जीवन की दिशा बदल सकती है। यह घटना हमारे लिए तो अनायास और अनेपक्षित हो सकता है, लेकिन परमेश्वर के लिए नहीं। हम जैसे भी हैं, परमेश्वर के लिए उपयोगी हैं; वह हम में कुछ ऐसा देखता है जो संसार तो क्या हम स्वयं भी अपने अन्दर नहीं देख पाते। परमेश्वर ने अपने वचन में कहा है कि इससे पहले हम उससे प्रेम करते उसने हम से प्रेम किया। वह हमें एक उद्देश्य, आशा और भविष्य देना चाहता है जो ऐसा आशीशित, अनुपम और विलक्षण है जैसा संसार की कोई सामर्थ, हमारी अपनी कोई योजना हमें दे नहीं सकती। परमेश्वर चाहता है कि हम अपनी सारी चिन्ताएं, अपना सारा जीवन उसे सौंप दें क्योंकि उसे हमारा खयाल सदा ही रहता है (1 यहून्ना 4:19; यर्मियाह 29:11; 1 पतरस 5:7; यूहन्ना 10:10)।
परमेश्वर के वायदों पर भरोसा कीजिए, उन्हें थामें रखिए, उसे जीवन समर्पित करके उससे प्रार्थना कीजिए कि वह आपको भी आपके जीवन के लिए एक नया उद्देश्य दे और और अपने लिए उपयोगी बनाए; वह यह करना चाहता भी है, उसे केवल आपकी सहमति की प्रतीक्षा है। - सिंडी हैस कैसपर
अपनी आँखें परमेश्वर पर लगाए रखिए और आप अपने जीवन के उद्देश्य से कभी नहीं भटकेंगे।
क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यर्मियाह 29:11
बाइबल पाठ: प्रेरितों 9:1-16
Acts 9:1 और शाऊल जो अब तक प्रभु के चेलों को धमकाने और घात करने की धुन में था, महायाजक के पास गया।
Acts 9:2 और उस से दमिश्क की अराधनालयों के नाम पर इस अभिप्राय की चिट्ठियां मांगी, कि क्या पुरूष, क्या स्त्री, जिन्हें वह इस पंथ पर पाए उन्हें बान्ध कर यरूशलेम में ले आए।
Acts 9:3 परन्तु चलते चलते जब वह दमिश्क के निकट पहुंचा, तो एकाएक आकाश से उसके चारों ओर ज्योति चमकी।
Acts 9:4 और वह भूमि पर गिर पड़ा, और यह शब्द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?
Acts 9:5 उसने पूछा; हे प्रभु, तू कौन है? उसने कहा; मैं यीशु हूं; जिसे तू सताता है।
Acts 9:6 परन्तु अब उठ कर नगर में जा, और जो कुछ करना है, वह तुझ से कहा जाएगा।
Acts 9:7 जो मनुष्य उसके साथ थे, वे चुपचाप रह गए; क्योंकि शब्द तो सुनते थे, परन्तु किसी को दखते न थे।
Acts 9:8 तब शाऊल भूमि पर से उठा, परन्तु जब आंखे खोलीं तो उसे कुछ दिखाई न दिया और वे उसका हाथ पकड़ के दमिश्क में ले गए।
Acts 9:9 और वह तीन दिन तक न देख सका, और न खाया और न पीया।
Acts 9:10 दमिश्क में हनन्याह नाम एक चेला था, उस से प्रभु ने दर्शन में कहा, हे हनन्याह! उसने कहा; हां प्रभु।
Acts 9:11 तब प्रभु ने उस से कहा, उठ कर उस गली में जा जो सीधी कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नाम एक तारसी को पूछ ले; क्योंकि देख, वह प्रार्थना कर रहा है।
Acts 9:12 और उसने हनन्याह नाम एक पुरूष को भीतर आते, और अपने ऊपर आते देखा है; ताकि फिर से दृष्टि पाए।
Acts 9:13 हनन्याह ने उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मैं ने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है, कि इस ने यरूशलेम में तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी बड़ी बुराईयां की हैं।
Acts 9:14 और यहां भी इस को महायाजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बान्ध ले।
Acts 9:15 परन्तु प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्त्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।
Acts 9:16 और मैं उसे बताऊंगा, कि मेरे नाम के लिये उसे कैसा कैसा दुख उठाना पड़ेगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 84-86
- रोमियों 12