उस छोटे से किंतु बड़ी परेशानी में डाल देने वाले कण के अनुभव से मुझे प्रभु यीशु द्वारा, मत्ती ७ अध्याय में, दुसरों की आलोचना के संबंध में दी गई शिक्षा की व्यवहारिकता स्मरण हो आई; कितने प्रभावशाली रीति से प्रभु यीशु ने एक छोटे से कण या तिनके पर आधारित कर के एक बहुत महत्वपूर्ण शिक्षा अपने चेलों को सिखाई। उन्होंने अतिश्योक्ति अलंकार का उपयोग करते हुए, सुनने वालों को समझाया कि किसी दुसरे की गलतियों के लिए उसकी आलोचना करने से पहले अपनी गलतियों और कमज़ोरियों का आंकलन ना करना कैसी बड़ी मूर्खता है। प्रभु की शिक्षा का अर्थ था कि यदि आप अपनी आंख में पड़े बड़े से लट्ठे को पहचाने बिना दूसरे की आंख में पड़े छोटे से तिनके को जांच पाते हैं, तो आप में कुछ गड़बड़ अवश्य है। यदि किसी की आंख में पड़ा एक छोटा सा एक तिनका उसे इतना बेचैन कर सकता है कि फिर वह और कुछ देखे-जाने बिना, सब कुछ छोड़कर, उस तिनके को निकालने के प्रयास में लग जाए, तो अपनी आंख में लट्ठा लेकर घूमने वाले - अर्थात अपने अन्दर देखे बिना दूसरों की आलोचना करने वाले, वे ही हो सकते हैं जो अपने और अपनी गलतियों तथा कमज़ोरियों के प्रति संवेदनशील नहीं रहे हैं। जो अपने प्रति संवेदनशील नहीं है, अपनी गलती और कमज़ोरी का एहसास नहीं रखता और अपने आप को सुधार नहीं सकता, वह किसी दूसरे को कैसे सुधारने पाएगा?
मसीही विश्वास के जीवन में स्वधार्मिकता का कोई स्थान नहीं है, यह प्रत्येक विश्वासी को स्पष्ट दिखाई देना चाहिए। यदि हम आज प्रभु के साथ बने हुए हैं तो केवल इसलिए किए उसने हमारे पाप क्षमा किए और हमें अपनी धार्मिकता दे दी; और प्रतिदिन उसका यही अनुग्रह हमारे पाप और कमज़ोरियों को क्षमा कर के हमें उसके साथ बने रहने के लिए नई सामर्थ देता है। हम जो उसके इस अनुग्रह के सहारे जीवित हैं, कैसे किसी दूसरे के आलोचक हो सकते हैं?
प्रभु ने हमें दूसरों के प्रति प्रेम दिखाने के लिए रखा है, ना कि उन की आलोचना करने के लिए; वही प्रेम दिखाने के लिए जो उसने हम से किया है और प्रतिपल हम से करता है। - डेव ब्रैनन
दूसरों की आलोचना करने से पहले अपने जीवन का आंकलन कर लें।
तू अपने भाई की आंख के तिनके को क्यों देखता है, और अपनी ही आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता? - लूका ६:४१
बाइबल पाठ: मत्ती ७:१-७
Mat 7:1 दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए।
Mat 7:2 क्योंकि जिस प्रकार तुम दोष लगाते हो, उसी प्रकार तुम पर भी दोष लगाया जाएगा; और जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।
Mat 7:3 तू क्यों अपने भाई की आंख के तिनके को देखता है, और अपनी आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता और जब तेरी ही आंख मे लट्ठा है, तो तू अपने भाई से क्योंकर कह सकता है, कि ला मैं तेरी आंख से तिनका निकाल दूं।
Mat 7:4 हे कपटी, पहले अपनी आंख में से लट्ठा निकाल ले, तब तू अपने भाई की आंख का तिनका भली भांति देख कर निकाल सकेगा।
Mat 7:5 पवित्र वस्तु कुत्तों को न दो, और अपने मोती सूअरों के आगे मत डालो; ऐसा न हो कि वे उन्हें पांवों तले रौंदें और पलट कर तुम को फाड़ डालें।
Mat 7:6 मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा, ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे, खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
Mat 7:7 क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा।
एक साल में बाइबल:
- नेहेमियाह ४-६
- प्रेरितों २:२२-४७