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बुधवार, 2 दिसंबर 2020

सुरक्षित स्थान

 

         मेरी और मेरे भाइयों की परवरिश पश्चिम वर्जिनिया के पहाड़ी ढालों पर उगे जंगलों के निकट के क्षेत्र में हुई थी, जो हमारी कल्पनाओं की उड़ानों के लिए एक अच्छी पृष्ठभूमि प्रदान करता था। चाहे टारजन के समान पेड़ों की लताओं पर झूलना हो या स्विस फैमिली रोबिनसन के सदस्यों के समान पेड़ों पर घर बनाकर रहना हो, हम उन कहानियों और फिल्मों की बातों के अनुरूप दृश्यों को बना और निभा सकते थे। हमारा एक मनपसंद खेल था किले बनाकर उनमें रहना और सोचना कि हम काल्पनिक शत्रुओं के आक्रमणों से सुरक्षित हैं। वर्षों बाद मेरे बच्चे भी चादरों, तकियों और कम्बलों से ऐसे ही किले बनाकर उनमें छुपते थे और अपने आप को अपने काल्पनिक शत्रुओं से सुरक्षित अनुभव करते थे। हमारे लिए एक छुपने का शरण स्थान होने की इच्छा रखना, जहाँ हम सुरक्षित अनुभव करें स्वाभाविक लालसा है।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में इस्राएल के भजनकार दाऊद ने भी एक सुरक्षित स्थान को चाहा, और इसके लिए उसने परमेश्वर को ही अपनी सुरक्षा के लिए शरणस्थान बनाया। वो भजन 17:8 में कहता है,अपने आंखों की पुतली के समान सुरक्षित रख; अपने पंखों के तले मुझे छिपा रख।” जब हम पुराने नियम में दिए गए दाऊद के जीवन, और उसपर लगभग निरंतर बने रहने वालों खतरों के वर्णन को पढ़ते हैं, तो हमें बोध होता है कि उसे परमेश्वर पर कितना अद्भुत भरोसा था (पद 6)। उन खतरों के बावजूद, वह निश्चित था कि उसकी सच्ची सुरक्षा परमेश्वर ही में है।

         हम भी इसी भरोसे का अनुभव कर सकते हैं। वह परमेश्वर जिसने हम से प्रतिज्ञा की है कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा, और न कभी त्यागेगा (इब्रानियों 13:5), हम अपने जीवनों के लिए प्रति दिन उसी पर भरोसा रख सकते हैं। यद्यपि हम एक खतरनाक संसार में रहते हैं, परन्तु हमारा परमेश्वर हमें शान्ति और आश्वासन देता है – अभी भी और अनन्तकाल के लिए भी। वही हमारा सुरक्षित स्थान है। - बिल क्राउडर

 

परमेश्वर का धन्यवाद करें कि वह आपका सुरक्षित शरण स्थान है।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 17:1-9

भजन संहिता 17:1 हे यहोवा परमेश्वर सच्चाई के वचन सुन, मेरी पुकार की ओर ध्यान दे। मेरी प्रार्थना की ओर जो निष्कपट मुंह से निकलती है कान लगा।

भजन संहिता 17:2 मेरे मुकद्दमे का निर्णय तेरे सम्मुख हो! तेरी आंखें न्याय पर लगी रहें!

भजन संहिता 17:3 तू ने मेरे हृदय को जांचा है; तू ने रात को मेरी देखभाल की, तू ने मुझे परखा परन्तु कुछ भी खोटापन नहीं पाया; मैं ने ठान लिया है कि मेरे मुंह से अपराध की बात नहीं निकलेगी।

भजन संहिता 17:4 मानवी कामों में मैं तेरे मुंह के वचन के द्वारा क्रूरों की सी चाल से अपने को बचाए रहा।

भजन संहिता 17:5 मेरे पांव तेरे पथों में स्थिर रहे, फिसले नहीं।

भजन संहिता 17:6 हे ईश्वर, मैं ने तुझ से प्रार्थना की है, क्योंकि तू मुझे उत्तर देगा। अपना कान मेरी ओर लगाकर मेरी बिनती सुन ले।

भजन संहिता 17:7 तू जो अपने दाहिने हाथ के द्वारा अपने शरणागतों को उनके विरोधियों से बचाता है, अपनी अद्भुत करुणा दिखा।

भजन संहिता 17:8 अपने आंखों की पुतली के समान सुरक्षित रख; अपने पंखों के तले मुझे छिपा रख,

भजन संहिता 17:9 उन दुष्टों से जो मुझ पर अत्याचार करते हैं, मेरे प्राण के शत्रुओं से जो मुझे घेरे हुए हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 42-44
  • 1 यूहन्ना 1