किसी बात का विस्तृत विवरण बहुत फर्क ला सकता है। इसका तातपर्य उस जर्मन व्यक्ति से पूछिये जिसने अपनी क्रिसमस की छुट्टियां अपनी मंगेतर के साथ ऑस्ट्रेलिया के सिडनी (Sydney) शहर में बिताने की योजना बनाई, क्योंकि उन दिनों वहां ग्रीष्म काल होता है, किंतु पहुंच गया अमेरिका के मौन्टना प्रदेश के सिडनी (Sidney) शहर में जो तब बर्फ से ढका रहता है। भाषा की वर्तनी (spelling) में छोटी सी चूक ने उसके लिये इतना बड़ा उलट-फेर कर दिया!
शायद व्याकरण के पूर्वसर्ग (Prepositions) हमें भाषा में महत्वपूर्ण न लगें और हम उन्हें नज़रंदाज़ कर देते हों, परन्तु वे बात के अर्थ में बहुत अन्तर ला सकते हैं। उदाहरण के लिये "में" और "के लिये" को ही लीजिये। पौलुस प्रेरित ने लिखा "हर बात में धन्यवाद करो" (१ थिसुलुनीकियों ५:१८), इसका यह अर्थ नहीं है कि हर बात के लिये धन्यवाद करो। किसी दूसरे के गलत निर्णयों या चुनावों से उत्पन्न परिस्थितियों के लिये हमें धन्यवादी होने की आवश्यक्ता नहीं है, परन्तु उन परिस्थितियों में भी हम परमेश्वर के धन्यवादी रह सकते हैं, क्योंकि वह उनसे होने वाली कठिनाइयों को भी हमारे लिये भलाई में बदल सकता है।
पौलुस द्वारा फिलेमौन को लिखे पत्र में यह दिखता है। पौलुस के साथ बन्दीगृह में एक भगोड़ा दास उनेसिमुस था। पौलुस को इस बुरी परिस्थिति के लिये धन्यवादी होने की आवश्यक्ता नहीं थी: किंतु फिर भी उसका पत्र धन्यवाद से भरा हुआ है, क्योंकि वह देख पा रहा था कि परमेश्वर उसके कष्ट को भलाई के लिये उपयोग कर रहा है। पौलुस के साथ रहकर बन्दीगृह के कष्ट झेलते हुए, उनेसिमुस अब केवल एक भगोड़ा दास नहीं रह गया था, वरन उसके और मण्डली के लिये वह प्रभु में प्रीय भाई बन गया था (पद १६)।
इस बात पर भरोसा रखना कि परमेश्वर हर बात को भले के लिये उपयोग कर सकता है, हर परिस्थिति में उसके प्रति धन्यवादी होने के लिये काफी है।
कठिन और कष्टदायक परिस्थितियों में भी परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होना एक छोटी सी बात है जिसके बड़े परिणाम होते हैं। - जूली ऐकरमैन लिंक
हर बात में धन्यवाद करो - १ थिसुलुनीकियों ५:१८
बाइबल पाठ: फिलेमौन १:४-१६
मैं तेरे उस प्रेम और विश्वास की चर्चा सुनकर, जो सब पवित्र लोगों के साथ और प्रभु यीशु पर है।
सदा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, और अपनी प्रार्थनाओं में भी तुझे स्मरण करता हूं।
कि तेरा विश्वास में सहभागी होना तुम्हारी सारी भलाई की पहिचान में मसीह के लिये प्रभावशाली हो।
क्योंकि हे भाई, मुझे तेरे प्रेम से बहुत आनन्द और शान्ति मिली, इसलिये, कि तेरे द्वारा पवित्र लोगों के मन हरे भरे हो गए हैं।
इसलिये यद्यपि मुझे मसीह में बड़ा हियाव तो है, कि जो बात ठीक है, उस की आज्ञा तुझे दूं।
तौभी मुझ बूढ़े पौलुस को जो अब मसीह यीशु के लिये कैदी हूं, यह और भी भला जान पड़ा कि प्रेम से बिनती करूं।
मैं अपने बच्चे उनेसिमुस के लिये जो मुझ से मेरी कैद में जन्मा है तुझ से बिनती करता हूं।
वह तो पहिले तेरे कुछ काम का न था, पर अब तेरे और मेरे दोनों के बड़े काम का है।
उसी को अर्थात जो मेरे ह्रृदय का टुकड़ा है, मैं ने उसे तेरे पास लौटा दिया है।
उसे मैं अपने ही पास रखना चाहता था कि तेरी ओर से इस कैद में जो सुसमाचार के कारण हैं, मेरी सेवा करे।
पर मैं ने तेरी इच्छा बिना कुछ भी करना न चाहा कि तेरी यह कृपा दबाव से नहीं पर आनन्द से हो।
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे।
परन्तु अब से दास की नाई नहीं, बरन दास से भी उत्तम, अर्थात भाई के समान रहे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो।
एक साल में बाइबल:
शायद व्याकरण के पूर्वसर्ग (Prepositions) हमें भाषा में महत्वपूर्ण न लगें और हम उन्हें नज़रंदाज़ कर देते हों, परन्तु वे बात के अर्थ में बहुत अन्तर ला सकते हैं। उदाहरण के लिये "में" और "के लिये" को ही लीजिये। पौलुस प्रेरित ने लिखा "हर बात में धन्यवाद करो" (१ थिसुलुनीकियों ५:१८), इसका यह अर्थ नहीं है कि हर बात के लिये धन्यवाद करो। किसी दूसरे के गलत निर्णयों या चुनावों से उत्पन्न परिस्थितियों के लिये हमें धन्यवादी होने की आवश्यक्ता नहीं है, परन्तु उन परिस्थितियों में भी हम परमेश्वर के धन्यवादी रह सकते हैं, क्योंकि वह उनसे होने वाली कठिनाइयों को भी हमारे लिये भलाई में बदल सकता है।
पौलुस द्वारा फिलेमौन को लिखे पत्र में यह दिखता है। पौलुस के साथ बन्दीगृह में एक भगोड़ा दास उनेसिमुस था। पौलुस को इस बुरी परिस्थिति के लिये धन्यवादी होने की आवश्यक्ता नहीं थी: किंतु फिर भी उसका पत्र धन्यवाद से भरा हुआ है, क्योंकि वह देख पा रहा था कि परमेश्वर उसके कष्ट को भलाई के लिये उपयोग कर रहा है। पौलुस के साथ रहकर बन्दीगृह के कष्ट झेलते हुए, उनेसिमुस अब केवल एक भगोड़ा दास नहीं रह गया था, वरन उसके और मण्डली के लिये वह प्रभु में प्रीय भाई बन गया था (पद १६)।
इस बात पर भरोसा रखना कि परमेश्वर हर बात को भले के लिये उपयोग कर सकता है, हर परिस्थिति में उसके प्रति धन्यवादी होने के लिये काफी है।
कठिन और कष्टदायक परिस्थितियों में भी परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होना एक छोटी सी बात है जिसके बड़े परिणाम होते हैं। - जूली ऐकरमैन लिंक
परमेश्वर ने हमें जीवन की आंधियों से परे रखने का वायदा नहीं किया, वरन उन आंधियों में स्वयं हमारे साथ बने रहकर हमारी रक्षा करने का वायदा अवश्य किया है।
हर बात में धन्यवाद करो - १ थिसुलुनीकियों ५:१८
बाइबल पाठ: फिलेमौन १:४-१६
मैं तेरे उस प्रेम और विश्वास की चर्चा सुनकर, जो सब पवित्र लोगों के साथ और प्रभु यीशु पर है।
सदा परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, और अपनी प्रार्थनाओं में भी तुझे स्मरण करता हूं।
कि तेरा विश्वास में सहभागी होना तुम्हारी सारी भलाई की पहिचान में मसीह के लिये प्रभावशाली हो।
क्योंकि हे भाई, मुझे तेरे प्रेम से बहुत आनन्द और शान्ति मिली, इसलिये, कि तेरे द्वारा पवित्र लोगों के मन हरे भरे हो गए हैं।
इसलिये यद्यपि मुझे मसीह में बड़ा हियाव तो है, कि जो बात ठीक है, उस की आज्ञा तुझे दूं।
तौभी मुझ बूढ़े पौलुस को जो अब मसीह यीशु के लिये कैदी हूं, यह और भी भला जान पड़ा कि प्रेम से बिनती करूं।
मैं अपने बच्चे उनेसिमुस के लिये जो मुझ से मेरी कैद में जन्मा है तुझ से बिनती करता हूं।
वह तो पहिले तेरे कुछ काम का न था, पर अब तेरे और मेरे दोनों के बड़े काम का है।
उसी को अर्थात जो मेरे ह्रृदय का टुकड़ा है, मैं ने उसे तेरे पास लौटा दिया है।
उसे मैं अपने ही पास रखना चाहता था कि तेरी ओर से इस कैद में जो सुसमाचार के कारण हैं, मेरी सेवा करे।
पर मैं ने तेरी इच्छा बिना कुछ भी करना न चाहा कि तेरी यह कृपा दबाव से नहीं पर आनन्द से हो।
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे।
परन्तु अब से दास की नाई नहीं, बरन दास से भी उत्तम, अर्थात भाई के समान रहे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह ३९, ४०
- कुलुस्सियों ४