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शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

निकट

   कुछ वर्ष पहले मेरी कुछ जाँच हुईं यह देखने के लिए कि मुझे कहीं कैंसर तो नहीं है। मैं उन जाँच के परिणामों को लेकर चिंतित था; मेरी चिंता इस बात से और बढ़ रही थी कि अस्पताल में मैं अपरिचितों के बीच में था। हालांकि मेरे चारों ओर मेरी जाँच में जो चिकित्सा कर्मचारी लगे हुए थे वे सब बहुत प्रशिक्षित, निपुण, दक्षता और मिलनसार रीति से कार्य करने वाले तो थे, लेकिन मैं उनमें से किसी को भी व्यक्तिगत रीति से नहीं जानता था, किसी के साथ मेरे मित्रता के संबंध कभी नहीं रहे थे। मुझे इन्हीं अनजान लोगों के मध्य एक ऑपरेशन भी करवाना था।

   ऑपरेशन के बाद जब मैं बेहोशी की दवा के प्रभाव से बाहर आया तो जो पहली आवाज़ मैं ने सुनी और जो पहला चेहरा मैंने देखा, वह था अपनी पत्नि का, जो मुझ से कह रही थी, "प्रीय सब कुछ ठीक हो गया है, डॉक्टरों को कुछ गड़बड़ नहीं मिला।" मैंने उसके मुस्कुराते हुए चेहरे को देखा और उसकी कही बात से अधिक उसके मेरे निकट होने से मुझे शांति मिली। आशंका और चिंता के उस समय में एक ऐसे जन की निकटता और आश्वासन जिसे मैं जानता था और जो मुझ से प्रेम करता था मेरे लिए एक बहुत शांतिदायक और उत्साहवर्धक अनुभव था।

   ऐसा ही आश्वासन प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए भी सदा बना रहता है जिसने प्रभु यीशु पर विश्वास करके पापों से क्षमा और उद्धार प्राप्त किया है। प्रत्येक मसीही विश्वासी के पास यह आशा है कि जब वे स्वर्ग में आंखें खोलेंगे तो उनके सामने वह होगा जो उनसे बेहिसाब प्रेम करता है - प्रभु यीशु। एक प्रार्थना की पुस्तक में मसीही विश्वासियों की इस आशा से संबंधित प्रार्थना में लिखा है: "स्वर्ग में मेरे पहुँचने पर, मेरा उद्धारकर्ता मुझे जिला उठाएगा और मैं अपने परमेश्वर को देखुँगा। मैं स्वयं उसे देखुँगा, अपनी आँखों से उसे देखुँगा, उसे जो मेरा परम मित्र है, वो जो कोई अनजान नहीं है।"

   क्या इस संसार को छोड़ने और शरीर की नश्वरता के विचार आपको परेशान करते हैं? अपना जीवन और अपना भविष्य प्रभु यीशु के हाथों में सौंप दीजिए; वह ना केवल इस जीवन में उसे संभाले रहेगा वरन आने वाले अनन्त जीवन में भी आपको अपने साथ बनाए रखेगा। प्रभु यीशु ने अपने चेलों से वायदा किया है: "और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:3)।

   हम मसीही विश्वासियों के पास यह कितनी बड़ी और अद्भुत सान्तवना है, जो कहीं और किसी के पास कतई नहीं है, कि जब हमारा संसार से कूच का समय आएगा तो इस संसार में आँखें बन्द करके हम स्वर्ग ही में आँखें खोलेंगे और वहाँ हमारा उद्धारकर्ता और प्रेमी परमेश्वर हमारे निकट, हमारे समक्ष होगा तथा उसकी संगति का आनन्द अनन्त काल तक हमारे साथ होगा। - डेनिस फिशर


स्वर्ग का सबसे बड़ा आनन्द प्रभु यीशु को देखना होगा।

यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। - यूहन्ना 12:26

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-7
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो।
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू हां जाता है तो मार्ग कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 60-62 
  • रोमियों 5