अपनी पुस्तक Claim What is Yours में डेविड ग्रब्ब ने एक छोटी सत्यकथा बताई: ४० वर्षों से भी अधिक से मेरे शहर के लोगों में शहर की मुख्य सड़क पर ’ऐस गिरवी की दुकान’ का एक सम्मानित स्थान रहा था। उस दुकान के मालिक फ्रेड और लिडिया ने एक दम्पत्ति के रूप में उसे बड़े प्रेम से चलाया था। जब फ्रेड की मत्यु हुई तो लिडिया ने पाया कि वह अकेली इस दुकान चलाने के भार को उठा सकने में असमर्थ है। अपने व्यवसाय को किसी और को बेचने की बजाए उसने यह बेहतर समझा कि दुकान बन्द करके वह अवकाश ले ले और दक्षिण चली जाए।
अपने ग्राहकों के प्रति अंतिम आभार प्रकट करने के लिए, जिन्होंने इतने वर्षों तक उनके व्यवसाय को बनाया और उन्हें खुशी दी थी, उसने हर उस ग्राहक को एक कार्ड भेजा जिसकी कोई भी वस्तु उनके पास गिरवी रखी हुई थी और वस्तु को सेंत-मेंत वापस ले जाने का अवसर दिया। उसने अपनी दुकान की खिड़की पर एक सूचना भी लगा दी कि यह दुकान बन्द हो रही है; जो आपका है उसे ले लीजिए।
यह संसार भी अब अपनी समाप्ति के कगार पर खड़ा है। शैतान और पाप ने मनुष्यों को उनके अधिकार से वंचित कर रखा है। परमेश्वर ने भी संसार के सभी लोगों को न्यौता दिया है कि प्रभु यीशु मसीह के विश्वासी बन कर वे पाप से मुक्ति तथा शैतान की आधीनता से सवतंत्रता पाएं, और फिर जो उनका अधिकार है उसे ले लें। प्रभु यीशु मसीह का पहाड़ी उपदेश मसीही विश्वासी के इन अधिकार की कई अद्भुत भेंटों के विषय में बताता है: परमेश्वर का राज्य (उद्धार), शोक में शांति, भविष्य में प्रभु के साथ पृथ्वी पर राज्य, आत्मिक तृप्ति, दया, परमेश्वर के साथ संगति, परमेश्वर के परिवार में स्थान, स्वर्ग में अनन्त जीवन इत्यादि।
जब भी हम आत्मिक दरिद्रता अनुभव करें, तो यह समय होता है परमेश्वर के पास जाकर माँगने, खोजने और खटखटकाने का (मत्ती ७:७)।
बिना एक भी और दिन व्यर्थ गंवाए यही समय है कि जो आपका है उसे ले लीजिए। - डेव एग्नर
जो सब कुछ के सृष्टिकर्ता को जानता है वह सब कुछ पाता भी है।
मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। - मत्ती ७:६, ७
बाइबल पाठ: मत्ती ५:१-१६
Mat 5:1 वह इस भीड़ को देख कर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
Mat 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
Mat 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Mat 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
Mat 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Mat 5:6 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
Mat 5:7 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
Mat 5:8 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Mat 5:9 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Mat 5:10 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोल कर तुम्हरे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
Mat 5:11 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
Mat 5:12 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा?
Mat 5:13 फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए।
Mat 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता।
Mat 5:15 और लोग दिया जला कर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है।
Mat 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।
Mat 5:1 वह इस भीड़ को देख कर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
Mat 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
Mat 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Mat 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
Mat 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Mat 5:6 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
Mat 5:7 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
Mat 5:8 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Mat 5:9 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Mat 5:10 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोल कर तुम्हरे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
Mat 5:11 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
Mat 5:12 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा?
Mat 5:13 फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए।
Mat 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता।
Mat 5:15 और लोग दिया जला कर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है।
Mat 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देख कर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल ४०-४१
- २ पतरस ३