अमेरिका के टी.वी. कलाकार एड मैकमोहन की सन 2009 में हुई मृत्योप्रांत एक समाचार पत्र में उनके प्रति व्यक्त श्रद्धांजलि में लिखा गया, एक सहायक के रूप में कार्य करने में वह नायक से भी उत्तम थे। एड मैकमोहन की ख्याति उनके 30 वर्ष के कार्यकाल में देर रात्रि प्रसारित होने वाले जॉनी कार्सन के कार्यक्रम में जॉनी के सहायक के रूप में सबसे अधिक थी। एड जॉनी के सहायक के रूप में जॉनी को सफलता की सीढ़ीयां चढ़ाने में सदा उनके उत्तम सहयोगी रहे थे। जबकि अधिकांश कलाकार अपने लिए महत्वपूर्ण भूमिकाएं पाने की चेष्टा में लगे रहते हैं, एड सहायक भूमिका में ही संतुष्ट थे।
जब प्रेरित पौलुस ने निर्देश दिए कि प्रभु यीशु की मण्डली में मण्डली के सदस्यों को परमेश्वर से मिले आत्मिक वरदानों को किस प्रकार उपयोग करना है, तो उसने सब को एक दूसरे का सहायक और पूरक होने को कहा (रोमियों 12:3-8)। उसने अपने इस निर्देश के आरंभ में समझाया कि हम सबको अपनी वस्तविक स्थिति की पहचान रखनी चाहिए (पद 3), और निर्देश का अन्त यह कहते हुए किया: "भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो" (रोमियों 12:10); या, जैसे बाइबल शिक्षक और अनुवादक जे.बी. फिलिप ने अन्तिम वाक्यांश का अनुवाद किया, "...दूसरों को श्रेय देने को तत्पर रहो"।
हमारे आत्मिक वरदान हमें परमेश्वर से मिले उपहार हैं जो उसने हमारी किसी योग्यता या सामर्थ के अनुसार नहीं वरन अपने बड़े अनुग्रह में होकर अपनी इच्छा के अनुसार हमें दिए हैं, और हमें इन्हें अपनी इच्छा के अनुसार या अपने स्वार्थ के लिए नहीं वरन प्रेम और विश्वास के साथ मसीह यीशु की सेवा के लिए प्रयोग करना है।
परमेश्वर हम पर अनुग्रह करे कि हम उससे मिलने वाली सभी सहायक भूमिकाओं को भी उत्साह और समर्पण के साथ उसकी महिमा और उसके गौरव के लिए निभाने वाले बन सकें और तब परमेश्वर हमें अपने समय और रीति से स्वतः ही आदर का पात्र बना देगा (1 पतरस 5:6)। - डेविड मैक्कैसलैंड
मसीह की मण्डली सर्वोत्तम रीति से तब ही कार्य सकती है जब सब उसके सदस्य दर्श्क नहीं वरन परस्पर सहयोगी हो कर कार्य करने वाले बनें।
इसलिये परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। - 1 पतरस 5:6
बाइबल पाठ: रोमियों 12:9-21
Romans 12:9 प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई मे लगे रहो।
Romans 12:10 भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
Romans 12:11 प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।
Romans 12:12 आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना में नित्य लगे रहो।
Romans 12:13 पवित्र लोगों को जो कुछ अवश्य हो, उस में उन की सहायता करो; पहुनाई करने में लगे रहो।
Romans 12:14 अपने सताने वालों को आशीष दो; आशीष दो श्राप न दो।
Romans 12:15 आनन्द करने वालों के साथ आनन्द करो; और रोने वालों के साथ रोओ।
Romans 12:16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।
Romans 12:17 बुराई के बदले किसी से बुराई न करो; जो बातें सब लोगों के निकट भली हैं, उन की चिन्ता किया करो।
Romans 12:18 जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।
Romans 12:19 हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा।
Romans 12:20 परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा।
Romans 12:21 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो।
एक साल में बाइबल:
- अमोस 1-3
- प्रकाशितवाक्य 6