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बुधवार, 11 अक्तूबर 2017

जाँच


   स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को गंभीर होने से पहले ही पकड़ लेने के लिए चिकित्सक नियमित शारीरिक जाँच की सलाह देते हैं। हम यही कार्य अपने आत्मिक स्वास्थ्य के लिए भी कर सकते हैं, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा बताई गई महान आज्ञाओं (मरकुस 12:29-31) पर आधारित कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के द्वारा; जैसे कि:

*क्योंकि पहले उस ने मुझसे प्रेम किया है, इसलिए क्या मैं भी परमेश्वर से अपने सारे मन से प्रेम करता हूँ? मेरे अन्दर क्या अधिक प्रबल रहता है, सांसारिक लाभ, या मसीह यीशु में मेरे लिए रखे गए खज़ाने? (कुलुस्सियों 3:1) प्रभु चाहता है कि उसकी शान्ति हमारे हृदयों में राज्य करे।

*क्या मैं परमेश्वर से अपनी सारे प्राण से प्रेम करता हूँ? क्या मैं परमेश्वर की वाणी को सुनता हूँ जो मुझे बताती है कि मैं कौन हूँ? क्या मैं स्वार्थी अभिलाषाओं से दूर हटता जा रहा हूँ? (कुलुस्सियों 3:5) क्या मैं और अधिक दयालु, कृपालु, नम्र, सुशील, और धीरजवन्त बनता जा रहा हूँ? (कुलुस्सियों 3:12)

*क्या मैं परमेश्वर से अपनी सारी बुध्दि से प्रेम करता हूँ? क्या मैं उसके पुत्र प्रभु यीशु मसीह के साथ अपने संबंध के प्रति सचेत रहता हूँ, या मैं अपनी बुध्दि को इधर-उधर भटकने देता हूँ? (कुलुस्सियों 3:2) मेरे विचार क्या उत्पन्न करते हैं, समस्याएं या समाधान? एकता या फूट? क्षमा या प्रतिशोध? (कुलुस्सियों 3:13)

*क्या मैं परमेश्वर से अपनी सारी शक्ति से प्रेम करता हूँ? क्या मैं कमज़ोर दिखने के लिए राज़ी रहता हूँ जिससे परमेश्वर को अपनी सामर्थ्य मुझमें होकर दिखाने का अवसर मिले? (कुलुस्सियों 3:2) क्या मैं उसके आत्मा के द्वारा सामर्थी होने के लिए उसके अनुग्रह पर निर्भर रहता हूँ?

   जब हम "मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने देंगे" (कुलुस्सियों 3:16), तो जैसे जैसे हम आत्मिक रीति से योग्य और उसके लिए उपयोगी बनते जाएंगे, वह हमें एक दूसरे को उभारने, सुधारने और उन्नत करने के लिए संसाधन और समझ-बूझ प्रदान करता चला जाएगा। - जूली ऐकैरमैन लिंक


आत्मिक रीति से स्वस्थ होने के लिए, 
परमेश्वर के वचन का भोजन तथा अपने विश्वास का अभ्यास करें।

यीशु ने उसे उत्तर दिया, सब आज्ञाओं में से यह मुख्य है; हे इस्राएल सुन; प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है। और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुध्दि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं। - मरकुस 12:29-31

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 3:1-14
Colossians 3:1 सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। 
Colossians 3:2 पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ। 
Colossians 3:3 क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है। 
Colossians 3:4 जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे। 
Colossians 3:5 इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्‍कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है। 
Colossians 3:6 इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है। 
Colossians 3:7 और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्‍हीं के अनुसार चलते थे। 
Colossians 3:8 पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्‍दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो। 
Colossians 3:9 एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है। 
Colossians 3:10 और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है। 
Colossians 3:11 उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
Colossians 3:12 इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। 
Colossians 3:13 और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। 
Colossians 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 37-38
  • कुलुस्सियों 3