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गुरुवार, 8 दिसंबर 2016

पुकार


   प्रत्येक बीतते वर्ष के साथ, प्रतीत होता है कि क्रिसमस और अधिक व्यवसायिक होता चला जा रहा है। उन देशों में भी जिनमें अधिकांश लोग अपने आप को इसाई कहते हैं, यह समय प्रभु यीशु की आराधना का कम और व्यक्तिगत खरीददारी का अधिक होता चला जा रहा है। उपहार खरीदने और बड़ी तथा सुनियोजित पार्टियों का आयोजन करने का दबाव इस अवकाश-समय के असल उद्देश्य - परमेश्वर के एकलौते पुत्र, और सारे संसार का उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु के जन्म के महत्व पर नज़रें जमाए रखने और उसे निभाने को कठिन कर देता है।

   परन्तु प्रत्येक वर्ष इस अवकाश-समय में मैं सुसमाचार को अचंभित कर देने वाले स्थानों से प्रचार होता देखती हूँ - उन ही शॉपिंग मॉल्स से जो क्रिसमस को ऐसा व्यवसायिक बना रही हैं। जब मैं उन स्थानों के लाउडस्पीकरों से क्रिसमस और प्रभु यीशु के जन्म के गीतों को, जैसे कि "खुश हो खुदावन्द आया है! उसको कुबूल कर लो", बजते सुनती हूँ तो मुझे उन फरीसियों का ध्यान आता है जिन्होंने प्रभु यीशु से कहा था कि वे उन लोगों की भीड़ को जो उसकी स्तुति और प्रशंसा कर रहे थे, खामोश रहने को कहें। प्रभु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया था, "यदि वे चुप रहे तो पत्थर चिल्ला उठेंगे" (लूका 19:40)।

   क्रिसमस पर हम "पत्थरों" को पुकारते हुए ही तो सुनते हैं। आत्मिक रीति से मरे हुए लोग, प्रभु यीशु और परमेश्वर में विश्वास ना रखने वाले लोग, प्रभु यीशु और उनके अनुयायियों से बैर रखने वाले लोग भी इस उत्सव का आनन्द मनाते हैं, इस उत्सव के उपलक्ष में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, उसके लिए एक दूसरे का अभिनदन करते हैं, क्रिसमिस की सभाओं में सम्मिलित होते हैं और प्रभु यीशु के जन्म की स्तुति के गीत गाते हैं जिन्हें प्रभु के लोगों ने अनेकों वर्ष पहले लिखा था, और लिखने वाले अब इस संसार में भी नहीं रहे लेकिन उनकी रचनाएं आज भी लोगों को आनन्दित करती हैं, प्रभु की आराधना करवाती हैं। यह सब हमें बताता है कि लोग प्रभु यीशु के जन्म के उद्देश्य को दबाने और छिपाने का चाहे जितना प्रयास कर लें, वो सफल कभी नहीं होने पाएंगे।

  उस व्यवसायिकता के बावजूद जो मसीह यीशु के जन्म के सन्देश को बिगाड़ देना चाहती है, परमेश्वर अपने पुत्र और जगत के उद्धारकर्ता के जन्म के सुसमाचार को संसार के प्रत्येक स्थान पर पहुँचा रहा है; कई बार तो उन ही को सुसमाचार वाहक बना रहा है जो इस सुसमाचार पर विश्वास भी नहीं करते। वास्तव में, परमेश्वर जब चाहता है तो पत्थर भी उसकी स्तुति में पुकार उठते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह को क्रिसमस से पृथक करना वैसा ही व्यर्थ है 
जैसा समुद्र की लहरों को थाम देने का प्रयास करना।

परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे। - प्रेरितों 1:8

बाइबल पाठ: लूका 19:28-40
Luke 19:28 ये बातें कहकर वह यरूशलेम की ओर उन के आगे आगे चला।
Luke 19:29 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उसने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा। 
Luke 19:30 कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्‍चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्‍धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ। 
Luke 19:31 और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है। 
Luke 19:32 जो भेजे गए थे; उन्होंने जा कर जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया। 
Luke 19:33 जब वे गदहे के बच्‍चे को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उन से पूछा; इस बच्‍चे को क्यों खोलते हो? 
Luke 19:34 उन्होंने कहा, प्रभु को इस का प्रयोजन है। 
Luke 19:35 वे उसको यीशु के पास ले आए और अपने कपड़े उस बच्‍चे पर डालकर यीशु को उस पर सवार किया। 
Luke 19:36 जब वह जा रहा था, तो वे अपने कपड़े मार्ग में बिछाते जाते थे। 
Luke 19:37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुंचा, तो चेलों की सारी मण्‍डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्‍दित हो कर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्‍तुति करने लगी। 
Luke 19:38 कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्‍ति और आकाश मण्‍डल में महिमा हो। 
Luke 19:39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उस से कहने लगे, हे गुरू अपने चेलों को डांट। 
Luke 19:40 उसने उत्तर दिया, कि तुम से कहता हूं, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • दान्नियेल 8-10
  • 3 यूहन्ना 1