इसाई धर्म के कैलेनडर में प्रभु यीशु के जन्मदिन मनाने से पूर्व का समय ’ऐडवेन्ट’ के दिन माने जाते हैं जिनमें प्रभु यीशु के आगमन की तैयारियां की जातीं हैं। ऐडवेन्ट के दिनों में मोम्बत्तियां जलाई जातीं हैं, पहली मोमबत्ती आशा की सूचक है। परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता यशायाह ने प्रभु यीशु के विष्य में भविष्यवाणी की थी कि संसार की सभी जातियों में से लोग उसपर अपनी आशा और विश्वास रखेंगे (यशायाह ४२:१-४, मत्ती १२:२१)।
ऐडवेन्ट या मसीह के आगमन को लोग अकसर इस नज़रिये से देखते हैं कि जैसे वो किसी बाह्य ग्रह से आने वाला कोई आगन्तुक हो जिसे इस पृथ्वी के बारे में कुछ पता नहीं है। वे इस बात से आनन्दित होते हैं कि इस सुन्दर पृथ्वी पर यीशु, जिसने इसे विशेष रूप से हमारे लिये बनाया है, मेहमान की तरह आया है। लेकिन यह स्मरण रखना आवश्यक है कि यीशु इस पृथ्वी से कहीं बेहतर स्थान - स्वर्ग से आया, जो हमारी कल्पना से भी अधिक सुन्दर और अच्छा है।
जब कभी मैं प्रभु यीशु के पृथ्वी पर आगमन के बारे में सोचती हूँ, मैं यह भी ध्यान करती हूँ कि यहां आने के लिये उसे स्वर्ग को छोड़ना पड़ा। आने से पहले उसे पता था कि पृथ्वी उसके लिये विरोध की जगह है और यहां आना उसके लिये जोखिम भरा है (मत्ती १२:१४)। लेकिन फिर भी वह आया। हमारे न्यायी और करुणामय परमेश्वर ने अपने आप को मनुष्य के अन्याय के आधीन कर दिया, अविनाशी सृष्टिकर्ता नाशमान देह धारण करके आ गया कि पृथ्वी के जीवन को स्वयं अनुभव कर सके।
प्रभु यीशु ने स्मस्त संसार के लोगों के लिये मृत्यु भोगी (पर हम यीशु को जो स्वर्गदूतों से कुछ ही कम किया गया था, मृत्यु का दुख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहिने हुए देखते हैं, ताकि परमेश्वर के अनुग्रह से हर एक मनुष्य के लिये मृत्यु का स्वाद चखे। - इब्रानियों २:९) जिससे हम उसकी कृपा को चख सकें (तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है। - १ पतरस २:३)।
उसने स्वर्ग का वैभव इसलिये छोड़ा कि हमें स्वर्ग की महिमा में ले जा सके। उसने अपने प्राण देकर हमें अनन्त जीवन दिया है। क्या आपने प्रभु यीशु की यह अनन्त जीवन की भेंट स्वीकार करी है? - जूली ऐकैरमैन लिंक
और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी। - मत्ती १२:२१
बाइबल पाठ: मत्ती १२:११-२१
उस ने उन से कहा तुम में ऐसा कौन है, जिस की एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़ कर न निकाले?
भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़ कर है? इसलिये सब्त के दिन भलाई करना उचित है: तब उस ने उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा।
उस ने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ की नाई अच्छा हो गया।
तब फरीसियों ने बाहर जा कर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार नाश करें?
यह जान कर यीशु वहां से चला गया, और बहुत लागे उसके पीछे हो लिये और उस ने सब को चंगा किया।
और उन्हें चिताया, कि मुझे प्रगट न करना।
कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया या, वह पूरा हो।
कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है, मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।
वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।
वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।
और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी।
एक साल में बाइबल:
ऐडवेन्ट या मसीह के आगमन को लोग अकसर इस नज़रिये से देखते हैं कि जैसे वो किसी बाह्य ग्रह से आने वाला कोई आगन्तुक हो जिसे इस पृथ्वी के बारे में कुछ पता नहीं है। वे इस बात से आनन्दित होते हैं कि इस सुन्दर पृथ्वी पर यीशु, जिसने इसे विशेष रूप से हमारे लिये बनाया है, मेहमान की तरह आया है। लेकिन यह स्मरण रखना आवश्यक है कि यीशु इस पृथ्वी से कहीं बेहतर स्थान - स्वर्ग से आया, जो हमारी कल्पना से भी अधिक सुन्दर और अच्छा है।
जब कभी मैं प्रभु यीशु के पृथ्वी पर आगमन के बारे में सोचती हूँ, मैं यह भी ध्यान करती हूँ कि यहां आने के लिये उसे स्वर्ग को छोड़ना पड़ा। आने से पहले उसे पता था कि पृथ्वी उसके लिये विरोध की जगह है और यहां आना उसके लिये जोखिम भरा है (मत्ती १२:१४)। लेकिन फिर भी वह आया। हमारे न्यायी और करुणामय परमेश्वर ने अपने आप को मनुष्य के अन्याय के आधीन कर दिया, अविनाशी सृष्टिकर्ता नाशमान देह धारण करके आ गया कि पृथ्वी के जीवन को स्वयं अनुभव कर सके।
प्रभु यीशु ने स्मस्त संसार के लोगों के लिये मृत्यु भोगी (पर हम यीशु को जो स्वर्गदूतों से कुछ ही कम किया गया था, मृत्यु का दुख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहिने हुए देखते हैं, ताकि परमेश्वर के अनुग्रह से हर एक मनुष्य के लिये मृत्यु का स्वाद चखे। - इब्रानियों २:९) जिससे हम उसकी कृपा को चख सकें (तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है। - १ पतरस २:३)।
उसने स्वर्ग का वैभव इसलिये छोड़ा कि हमें स्वर्ग की महिमा में ले जा सके। उसने अपने प्राण देकर हमें अनन्त जीवन दिया है। क्या आपने प्रभु यीशु की यह अनन्त जीवन की भेंट स्वीकार करी है? - जूली ऐकैरमैन लिंक
अनन्त परमेश्वर मानव इतिहास की सीमाओं में सिमट आया ताकि मानव को इतिहास की सीमाओं से परे का अनन्त जीवन मिल सके।
और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी। - मत्ती १२:२१
बाइबल पाठ: मत्ती १२:११-२१
उस ने उन से कहा तुम में ऐसा कौन है, जिस की एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़ कर न निकाले?
भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़ कर है? इसलिये सब्त के दिन भलाई करना उचित है: तब उस ने उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा।
उस ने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ की नाई अच्छा हो गया।
तब फरीसियों ने बाहर जा कर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार नाश करें?
यह जान कर यीशु वहां से चला गया, और बहुत लागे उसके पीछे हो लिये और उस ने सब को चंगा किया।
और उन्हें चिताया, कि मुझे प्रगट न करना।
कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया या, वह पूरा हो।
कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है, मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।
वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।
वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।
और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी।
एक साल में बाइबल:
- यहेजेकेल ३३-३४
- १ पतरस ५