1940
के दशक में डॉक्टर विलियम वॉलेस चीन के व्हूज़्हाओ इलाके में मिशनरी सर्जन का काम
कर रहे थे, जब जापान ने चीन पर हमला किया। वॉलेस ने, जो उस समय स्टाउट मेमोरियल अस्पताल के प्रभारी थे, अस्पताल के लोगों से कहा कि अस्पताल का सारा
सामान नदी में चलने वाली बड़ी-बड़ी नावों में स्थानांतरित कर दें, और वे नदी में ऊपर-नीचे आवागमन करते हुए एक
तैरते हुए अस्पताल के समान कार्य करते रहे, जिससे पैदल सेना के हमलों से सुरक्षित रहें।
खतरे
के समयों में डॉक्टर वॉलेस के लिए परमेश्वर के वचन बाइबल में से प्रिय पद था
फिलिप्पियों 1:21, जो उन्हें स्मरण दिलाता रहता था कि यदि वे जीवित हैं तो उन्हें
अपने उद्धारकर्ता के लिए कार्य करते रहना है; यदि उनकी मृत्यु हो जाती है तो उनके पास अपने उद्धारकर्ता के साथ
अनन्तकाल बिताने की दृढ़ आशा है। यह पद उनके लिए विशेषतः सार्थक उनकी मृत्यु के समय
हुआ, जो उन्हें झूठे अभियोगों के आधार पर कैद करने के कारण 1951 में हुई।
पौलुस
के लेख उस गहरी भक्ति को प्रतिबिंबित करते हैं जिसके आशा हम मसीही विश्वासी होने
के नाते रख सकते हैं; जिससे हमें प्रभु के नाम के कारण हम पर आने वाले खतरों और
परीक्षाओं का सामना करने की सामर्थ्य मिलती है। यह भक्ति हमें पवित्र आत्मा से तथा
हमारे घनिष्ठ लोगों की प्रार्थनाओं के द्वारा आती है (पद 19) और हमारे लिए एक
प्रतिज्ञा भी है। हम जब कठिन परिस्थितियों में भी सेवकाई करते रहने के लिए अपने आप
को समर्पित रखते हैं, तो यह भी इसी
आशा के साथ होता है कि जब यहाँ, इस
पृथ्वी पर हमारा कार्य और जीवन समाप्त होगा, तब भी हमारे सामने प्रभु यीशु के साथ अनंतकाल का आनन्द रखा हुआ है।
हमारे
सबसे कठिन समयों में, वर्तमान में मसीह के साथ चलने के लिए प्रतिबद्ध हृदयों के
साथ, हम अपने प्रभु परमेश्वर के साथ
अनन्त की आशा पर दृष्टि गड़ाए हुए, हमें
औरों को भी परमेश्वर के प्रेम और इस धन्य आशा का सुसमाचार बाँटना है। - रैंडी
किल्गोर
परमेश्वर को अर्पित किए जाने वाले बलिदान, उसके प्रेम को प्रदर्शित करने के अवसर हैं।
क्योंकि हम में से न तो कोई अपने लिये जीता
है, और न कोई अपने लिये मरता है। क्योंकि
यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये
जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; सो हम जीएं या मरें, हम प्रभु ही के हैं। - रोमियों
14:7-8
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:19-26
फिलिप्पियों 1:19 क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल
मेरा उद्धार होगा।
फिलिप्पियों 1:20 मैं तो यही हादिर्क लालसा
और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में
लज्जित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस
के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो; चाहे मैं जीवित रहूं या मर जाऊं।
फिलिप्पियों 1:21 क्योंकि मेरे लिये जीवित रहना
मसीह है, और मर जाना लाभ है।
फिलिप्पियों 1:22 पर यदि शरीर में जीवित रहना
ही मेरे काम के लिये लाभदायक है तो मैं नहीं जानता, कि किस को चुनूं।
फिलिप्पियों 1:23 क्योंकि मैं दोनों के बीच
अधर में लटका हूं; जी तो चाहता है कि
कूच कर के मसीह के पास जा रहूं, क्योंकि
यह बहुत ही अच्छा है।
फिलिप्पियों 1:24 परन्तु शरीर में रहना तुम्हारे
कारण और भी आवश्यक है।
फिलिप्पियों 1:25 और इसलिये कि मुझे इस का भरोसा
है सो मैं जानता हूं कि मैं जीवित रहूंगा, वरन तुम सब के साथ रहूंगा जिस से तुम विश्वास में दृढ़ होते जाओ और उस में
आनन्दित रहो।
फिलिप्पियों 1:26 और जो घमण्ड तुम मेरे विषय
में करते हो, वह मेरे फिर तुम्हारे पास
आने से मसीह यीशु में अधिक बढ़ जाए।
एक साल में बाइबल:
- यिर्मयाह 50
- इब्रानियों 8