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गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

सदगुण

   न्यूयॉर्क के ब्रौंक्स इलाके के एक कॉलेज फुटबॉल प्रशिक्षक, क्लेटन हैन्ड्रिक-होम्स, ने मैरिटाईम कॉलेज की टीम को चरित्र के सदगुणों के साथ प्रशिक्षित किया। उन्होंने खिलाड़ियों की कमीज़ पर खिलाड़ियों के नाम के स्थान पर कुछ शब्द लिखवाए, जैसे परिवार, आदर, जवाबदेही, चरित्र आदि। प्रत्येक खेल से पहले क्लेटन अपनी टीम से कहते कि उन शब्दों से संबंधित सदगुण के सिद्धांतों के अनुसार खेल खेलें।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी प्रेरित पतरस ने कुछ मसीही सदगुणों की सूची दी (2 पतरस 1:5-7), जिसे मसीही विश्वासियों को अपने विश्वास के साथ जोड़ लेना चाहिए। सुची के सदगुण इस प्रकार हैं:
  • सदगुण - नेक आचरण से परिपूर्ण जीवन के साथ परमेश्वर के उद्देश्य पूरे करने के लिए।
  • समझ - परमेश्वर के वचन के अध्ययन द्वारा झूठी शिक्षाओं से बचे रहने की सूझ-बूझ।
  • संयम - परमेश्वर को अपने जीवन में इतना आदर देना कि हर प्रत्युत्तर परमेश्वर कि महिमा के लिए हो।
  • धीरज - परमेश्वर पर ऐसा भरोसा बनाए रखना कि प्रत्येक परिस्थिति में अन्ततः भलाई ही होने के आशावान बने रहें।
  • भक्ति - जीवन के प्रत्येक संबंध में परमेश्वर को आदर देना।
  • भाईचारा - मसीही सहविश्वासियों के प्रति स्नेहपूर्ण व्यवहार बनाए रखना।
  • प्रेम - दूसरों की भलाई के लिए त्याग का भाव रखना।


हम मसीही विश्वासियों को चाहिए कि इन सदगुणों को अपने जीवन में ना केवल बनाए रखें वरन उन्हें बढ़ाते रहें और अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाए रखें। - ऐनी सेटास


सदगुणपूर्ण आचरण की कुँजी ईश्वरीय सदगुणों का सतत अभ्यास है।

क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। - 2 पतरस 1:3

बाइबल पाठ: 2 पतरस 1:1-11
2 Peter 1:1 शमौन पतरस की और से जो यीशु मसीह का दास और प्रेरित है, उन लोगों के नाम जिन्होंने हमारे परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की धामिर्कता से हमारा सा बहुमूल्य विश्वास प्राप्त किया है। 
2 Peter 1:2 परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्‍ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए। 
2 Peter 1:3 क्योंकि उसके ईश्वरीय सामर्थ ने सब कुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्‍ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है। 
2 Peter 1:4 जिन के द्वारा उसने हमें बहुमूल्य और बहुत ही बड़ी प्रतिज्ञाएं दी हैं: ताकि इन के द्वारा तुम उस सड़ाहट से छूट कर जो संसार में बुरी अभिलाषाओं से होती है, ईश्वरीय स्‍वभाव के समभागी हो जाओ। 
2 Peter 1:5 और इसी कारण तुम सब प्रकार का यत्‍न कर के, अपने विश्वास पर सद्गुण, और सद्गुण पर समझ। 
2 Peter 1:6 और समझ पर संयम, और संयम पर धीरज, और धीरज पर भक्ति। 
2 Peter 1:7 और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ। 
2 Peter 1:8 क्योंकि यदि ये बातें तुम में वर्तमान रहें, और बढ़ती जाएं, तो तुम्हें हमारे प्रभु यीशु मसीह के पहचानने में निकम्मे और निष्‍फल न होने देंगी। 
2 Peter 1:9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्‍धा है, और धुन्‍धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है। 
2 Peter 1:10 इस कारण हे भाइयों, अपने बुलाए जाने, और चुन लिये जाने को सिद्ध करने का भली भांति यत्‍न करते जाओ, क्योंकि यदि ऐसा करोगे, तो कभी भी ठोकर न खाओगे। 
2 Peter 1:11 वरन इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 50-52 
  • 1 थिस्सुलुनीकियों 5