जब मैंने अपनी कार चालू करने को चाबी घुमाई तो उसे चालू होने में थोड़ा सा वक्त लगा और एक छोटी पीली बत्ती संकेत देने लगी "अपना इंजन जांचिये"; मुझे नहीं लगा कि यह कोई ऐसी गम्भीर समस्या है जिस पर मुझे तुरंत ध्यान देने की आवश्यक्ता है। मैंने कार चालू करी और अपने काम पर निकल गया। लेकिन अगली सुबह जब मैंने कार चालू करने की कोशिश करी तो वह चालू नहीं हुई। इस बात पर मेरी पहली प्रतिक्रिया थी खिसियाहट की, यह सोच कर कि अब इससे मुझे समय और पैसे का नुकसान तथा असुविधा का सामना करना पड़ेगा। कुछ समय के बाद मेरी दूसरी प्रतिक्रिया विधिसंगत थी - मैंने निर्णय लिया कि अब से मैं चेतावनी के संकेतों को नज़रांदाज़ नहीं करूंगा, वे वास्तव में किसी गंभीर समस्या के सूचक हो सकते हैं।
बाइबल में परमेश्वर ने योएल नबी के द्वारा अपने लोगों को उनके आत्मिक जीवन से संबंधित उसकी चेतावनियों पर ध्यान देने के लिये उकसाया (योएल २:१२-१७)। समृद्धी के कारण वे लोग परमेश्वर के प्रति उदासीन और लापरवाह हो गए थे। उनका विश्वास खोखला तथा ऊपरी तौर से केवल रिवाज़ों को मनाने तक सीमित रह गया था, और उनके जीवन में आत्मिक दिवालियापन तथा नैतिक पतन आ गया था। उन्हें चिताने के लिये परमेश्वर ने उनकी फसल को टिड्डियों से बरबाद होने दिया, जिससे वे अपने व्यवहार को बदलें और परमेश्वर की ओर सच्चे मन से फिरें।
प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को चिताया "...चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। उस ने उन से एक दृष्टान्त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। और उस ने कहा मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।" (लूका १२:१५-२१)
क्या आपके जीवन में परमेश्वर की ओर से कोई चेतावनी का संकेत आ रहा है? क्या आपके जीवन में ऐसा कुछ है जिसे परमेश्वर के सन्मुख अंगीकार और पश्चाताप द्वारा ठीक करना बाकी है? समय रहते चेत जाइये और सब कुछ परमेश्वर के साथ ठीक कर लीजिये; बात को नज़रंदाज़ करना या टालना नुकसानदेह या घातक भी हो सकता है। - मार्विन विलियम्स
तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ। - योएल २:१२
बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७
तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
क्या जाने वह फिर कर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
याजक[पुरोहित] जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?
एक साल में बाइबल:
बाइबल में परमेश्वर ने योएल नबी के द्वारा अपने लोगों को उनके आत्मिक जीवन से संबंधित उसकी चेतावनियों पर ध्यान देने के लिये उकसाया (योएल २:१२-१७)। समृद्धी के कारण वे लोग परमेश्वर के प्रति उदासीन और लापरवाह हो गए थे। उनका विश्वास खोखला तथा ऊपरी तौर से केवल रिवाज़ों को मनाने तक सीमित रह गया था, और उनके जीवन में आत्मिक दिवालियापन तथा नैतिक पतन आ गया था। उन्हें चिताने के लिये परमेश्वर ने उनकी फसल को टिड्डियों से बरबाद होने दिया, जिससे वे अपने व्यवहार को बदलें और परमेश्वर की ओर सच्चे मन से फिरें।
प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को चिताया "...चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। उस ने उन से एक दृष्टान्त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। और उस ने कहा मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।" (लूका १२:१५-२१)
क्या आपके जीवन में परमेश्वर की ओर से कोई चेतावनी का संकेत आ रहा है? क्या आपके जीवन में ऐसा कुछ है जिसे परमेश्वर के सन्मुख अंगीकार और पश्चाताप द्वारा ठीक करना बाकी है? समय रहते चेत जाइये और सब कुछ परमेश्वर के साथ ठीक कर लीजिये; बात को नज़रंदाज़ करना या टालना नुकसानदेह या घातक भी हो सकता है। - मार्विन विलियम्स
मन की बेचैनी परमेश्वर की ओर से चेतावनी का संकेत भी हो सकती है।
तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ। - योएल २:१२
बाइबल पाठ: योएल २:१२-१७
तौभी यहोवा की यह वाणी है, अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिर कर मेरे पास आओ।
अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़ कर अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करने वाला, करूणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।
क्या जाने वह फिर कर पछताए और ऐसी आशीष दे जिस से तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और अर्घ दिया जाए।
सिय्योन में नरसिंगा फूंको, उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो;
लोगों को इकट्ठा करो। सभा को पवित्र करो, पुरनियों को बुला लो, बच्चों और दूधपीउवों को भी इकट्ठा करो। दुल्हा अपनी कोठरी से, और दुल्हिन भी अपने कमरे से निकल आएं।
याजक[पुरोहित] जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे, न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा?
एक साल में बाइबल:
- योएल १-३
- प्रकाशितवाक्य ५