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शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

उड़ान



      परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह के धैर्य के साथ प्रतीक्षा करने से संबंधित शब्द, भरोसे के साथ भविष्य के प्रति आशा की उपेक्षा रखते हैं। हमारे परीक्षाओं के स्थान में, हम उस उद्धार के छुटकारे की प्रतीक्षा में है जिसका आगमन अवश्यंभावी है। प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को आश्वस्त किया, “धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे” (मत्ती 5:4)।

      यह जानते हुए कि हमारी नियति, जो कि स्वर्ग की निश्चित आशा है, महिमामयी है; हम यहाँ पृथ्वी पर रहते हुए उसकी ओर कदम बढ़ा सकते हैं। चाहे हम थके हुए हों, फिर भी हम अपने विश्वास के पंखों को फैला कर उड़ान भर सकते हैं। हम परमेश्वर की आज्ञाकारिता के मार्ग पर चल सकते हैं, बिना थकित हुए। हम बिना ऊबे हुए अपनी दिनचर्या में चलते रह सकते हैं।  हम मसीही विश्वासियों के लिए एक बेहतर संसार आ रहा है, जहां पर हमारी आत्मा क्रियाशील होंगी और हमारे शरीर भागेंगे, कूदेंगे, और उड़ान भरेंगे! यही हमारी आशा है।

      इस बीच में, जो अन्ततः एक दिन सत्य हो जाएगा, वह आज भी सच होना आरंभ हो सकता है। हम अपनी अत्याधिक थकान के होते हुए भी दृढ़, धीरजवंत, और आनंदित हो सकते हैं। शांत और कृपालु हो सकते हैं, अपनी दुर्बलताओं और थकान पर कम ध्यान लगाने और अपने बारे में चिंता करने की बजाए दूसरों की चिंता करने वाले हो सकते हैं। जो किसी परेशानी या विपरीत परिस्थिति में हों उन्हें प्रेम और प्रोत्साहन के कुछ शब्द कहने वाले हो सकते हैं।

      हम अभी उस समय के लिए तैयार हो सकते हैं जब हमारी आत्माएं उड़ान भरेंगी! – डेविड रोपर

जब आप जीवन के संघर्षों से थकित होने लगें तो प्रभु में विश्राम लें।

यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह! – भजन 27:14

बाइबल पाठ: यशायाह 40:27-31
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13



शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

अनुभव


      जब हमें पता चला कि एक रिश्तेदार के साथ खरीददारी करने के लिए गई मेरी सास कहीं गुम हो गई हैं, तो मैं और मेरी पत्नी बहुत घबरा गए। मेरी सास को भूल जाने की बीमारी है, और इसके कारण होने वाले असमंजस में वे कुछ भी कर बैठती हैं। हम घबराहट अनुभव कर रहे थे, यह सोचते हुए कि क्या वे उसी इलाके में भटक रही होंगी, या यह सोचकर कि वह उनके घर को जा रही है, कहीं वे किसी भी बस में तो नहीं चढ़ गई होंगी। हमारे मनों में जो बुरे से बुरा हो सकता था, वह सब आने लगा, और हम घबराए हुए उनकी खोज में लग गए, साथ ही परमेश्वर को भी पुकारते जा रहे थे की उन्हें ढुँढवा दे।

      कई घंटों के पश्चात किसी ने मेरी सास को कई मील दूर एक सड़क पर चलते हुए देखा; और हमने उन्हें पा लेने में परमेश्वर की आशीष को अनुभव किया। इसके कुछ महीने के बाद, हमने परमेश्वर की एक और आशीष को अनुभव किया: अस्सी वर्ष की आयु में मेरी सास प्रभु यीशु मसीह की ओर उद्धार के लिए मुडीं और उन्हें अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने एक दृष्टांत सुनाया, उनहोंने कहा, “तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है” (लूका 15:4-6)।

      चरवाहे अपनी भेड़ों की गिनती रखते हैं, यह जानने के लिए कि उनकी सभी भेड़ें उनके पास हैं कि नहीं। इसी प्रकार से प्रभु यीशु भी, जिन्होंने अपने आप को अच्छे चरवाहे के समान बताया है, हम सभी को बहुमूल्य मानता है, हम चाहे वृद्ध हों अथवा युवा। जब हम जीवन में भटक रहे होते हैं, अपने जीवन के उद्देश्य को लेकर चिंतित और उसकी खोज में होते हैं, तो प्रभु यीशु की ओर मुड़ने और उसे अपना जीवन समर्पित करना सदा लाभप्रद रहता है। परमेश्वर चाहता है कि हम प्रभु यीशु में होकर उसके प्रेम और आशीषों का अनुभव करें। - लेस्ली कोह

अद्भुत अनुग्रह...मैं कभी खोया हुआ था, परन्तु अब खोज लिया गया हूँ। - जॉन न्यूटन

अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। - यूहन्ना 10:11

बाइबल पाठ: लूका 15:1-9
Luke 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें।
Luke 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।
Luke 15:3 तब उसने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा।
Luke 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?
Luke 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है।
Luke 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।
Luke 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।
Luke 15:8 या कौन ऐसी स्त्री होगी, जिस के पास दस सिक्के हों, और उन में से एक खो जाए; तो वह दीया बारकर और घर झाड़ बुहार कर जब तक मिल न जाए, जी लगाकर खोजती न रहे?
Luke 15:9 और जब मिल जाता है, तो वह अपने सखियों और पड़ोसिनियों को इकट्ठी कर के कहती है, कि मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरा खोया हुआ सिक्‍का मिल गया है।

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13

गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020

शान्त



      आतंक और भय की अनुभूति होने पर हमारे शरीर प्रतिक्रिया देते हैं। हमारे पेट में एक भारीपन सा होता है, हृदय के गति बहुत बढ़ जाती है, और हम लंबी साँसें लेने लगते हैं। हमारे शरीरों की प्रवृत्ति इन संकट की भावनाओं की अनदेखी नहीं होने देती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु के शिष्यों ने एक रात को अत्याधिक भय का सामना किया। प्रभु यीशु ने पांच हज़ार की भीड़ को भोजन खिलाने का आश्चर्यकर्म किया था, और फिर उसने संध्या के समय शिष्यों को नाव द्वारा बैथसेदा की और रवाना कर दिया, जब कि वह स्वयं पीछे रुक कर प्रार्थना में समय बिता रहा था। रात्री के समय शिष्य नाव में प्रतिकूल हवा में नाव खे रहे थे, तभी प्रभु यीशु पानी पर चलते हुए उनकी ओर आए। शिष्यों को लगा कि कोई भूत उनकी ओर आ रहा है, और वे बहुत भयभीत हो गए (मरकुस 6:49-50)।

      परन्तु प्रभु यीशु ने उन्हें ढाढ़स बंधाया, उनसे कहा की भयभीत न हों, और साहस रखें। जैसे ही प्रभु यीशु उनकी नाव में आए, हवा शांत हो गयी और वे सुरक्षित किनारे पर पहुँच गए।मैं उनमें आने वाली उस शान्ति के अनुभव की कल्पना करती हूँ जो प्रभु के आने से उन्हें मिली, उस भय की भावना के पश्चात।

      जब भी हम चिंतित होकर बेचैन हो रहे होते हैं, हम प्रभु यीशु की सामर्थ्य में आश्वस्त होकर शान्त हो सकते हैं। वह चाहे हमारे भय को दूर करे, या फिर हमें उन परिस्थितियों का सामना करने की सामर्थ्य दे, किन्तु उसकी शान्ति जो “समझ से परे” है (फिलिप्पियों 4:7) हमें उपलब्ध रहती है। और जब वह हमें हमारे भय से मुक्त करता है, तो हमारी आत्मा और शरीर शान्त स्थिति में वापस लौट सकते हैं। - एमी बाउचर पाई

प्रभु परमेश्वर हमें भय से मुक्ति देता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4: 6-7

बाइबल पाठ: मरकुस 6:45-53
Mark 6:45 तब उसने तुरन्त अपने चेलों को बरबस नाव पर चढाया, कि वे उस से पहिले उस पार बैतसैदा को चले जांए, जब तक कि वह लोगों को विदा करे।
Mark 6:46 और उन्हें विदा कर के पहाड़ पर प्रार्थना करने को गया।
Mark 6:47 और जब सांझ हुई, तो नाव झील के बीच में थी, और वह अकेला भूमि पर था।
Mark 6:48 और जब उसने देखा, कि वे खेते खेते घबरा गए हैं, क्योंकि हवा उनके विरुद्ध थी, तो रात के चौथे पहर के निकट वह झील पर चलते हुए उन के पास आया; और उन से आगे निकल जाना चाहता था।
Mark 6:49 परन्तु उन्होंने उसे झील पर चलते देखकर समझा, कि भूत है, और चिल्ला उठे, क्योंकि सब उसे देखकर घबरा गए थे।
Mark 6:50 पर उसने तुरन्त उन से बातें कीं और कहा; ढाढ़स बान्‍धो: मैं हूं; डरो मत।
Mark 6:51 तब वह उन के पास नाव पर आया, और हवा थम गई: और वे बहुत ही आश्चर्य करने लगे।
Mark 6:52 क्योंकि वे उन रोटियों के विषय में ने समझे थे परन्तु उन के मन कठोर हो गए थे।
Mark 6:53 और वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुंचे, और नाव घाट पर लगाई।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 17-19
  • मरकुस 6:30-56



बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

देना



      जब मेरा बेटा, ज़ेवियर छः वर्ष का था, तब मेरी एक सहेली अपने छोटे बच्चे को लेकर हमारे घर मुझ से मिलाने आई, और ज़ेवियर ने उस बच्चे को अपने कुछ खिलौने देने चाहे। मैं अपने बेटे की उदारता देख कर प्रसन्न हुई; फिर ज़ेवियर ने एक दुर्लभ खिलौना भी उस बच्चे को देने का प्रयास किया, जिसे खरीदने के लिए मेरे पति ने कई शहरों में अनेकों दुकानों में खोजा था। उस खिलौने की बहुमूल्यता को समझते हुए, मेरी सहेली ने विनम्रता से लेने से मना किया; परन्तु फिर भी ज़ेवियर ने उसे उनके बच्चे के हाथ में रख दिया, और कहा, “मेरे पिता मुझे बहुत से खिलौने देते हैं कि मैं उन्हें साझा करूं।”

      यद्यपि मैं यह कहना चाहूँगी कि ज़ेवियर ने इस प्रकार से उदारता से देना मुझ से सीखा है; परन्तु सत्य यह है कि कई बार मैंने मेरे पास उपलब्ध संसाधनों को परमेश्वर तथा औरों से बचा कर रखा है। परन्तु जब मैं यह स्मरण करती हूँ कि मेरा स्वर्गीय पिता मेरी हर आवश्यकता को मुझे प्रदान करता है, तो मेरे लिए उन्हें साझा करना सहज हो जाता है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे उस पर उनके भरोसे को, उन्हें परमेश्वर से मिली वस्तुओं को लेवियों के साथ साझा करने के द्वारा प्रदर्शित करें और लेवी भी उन लोगों की सहायता करें जो आवश्यकता में पड़े हों। जब लोगों ने ऐसा नहीं किया, तो मलाकी नबी में होकर परमेश्वर ने उन से कहा कि वे परमेश्वर से चोरी कर रहे हैं (मलाकी  3:8-9)। परन्तु यदि वे स्वेच्छा से देते, यह दिखाते हुए कि वे परमेश्वर पर भरोसा करते हैं कि तो वह अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार उन्हें देगा और सुरक्षित रखेगा (पद 10-11), और फिर इससे अन्य लोग उन्हें परमेश्वर द्वारा आशीषित और धन्य लोग पहचानेंगे (पद 12)।

      हम चाहे अपने पैसों का ध्यान कर रहे हों, या अपने समय का, या उन वरदानों का जो परमेश्वर ने हमें दिए हैं, दान देना परमेश्वर की आराधना का एक तरीका हो सकता है। स्वेच्छा तथा उदारता से दान देना परमेश्वर पिता, जो स्वयं एक महान दानी है, की देखभाल में हमारे भरोसे को दिखाता है। - जोशील डिक्सन

निःसंकोच और उदारता से देना परमेश्वर में हमारे भरोसे को दिखता है।

और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। - 2 कुरिन्थियों 9:8

बाइबल पाठ: मलाकी 3:8-12
Malachi 3:8 क्या मनुष्य परमेश्वर को धोखा दे सकता है? देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तौभी पूछते हो कि हम ने किस बात में तुझे लूटा है? दशमांश और उठाने की भेंटों में।
Malachi 3:9 तुम पर भारी शाप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो; वरन सारी जाति ऐसा करती है।
Malachi 3:10 सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा कर के मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोल कर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूं कि नहीं।
Malachi 3:11 मैं तुम्हारे लिये नाश करने वाले को ऐसा घुड़कूंगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नाश न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Malachi 3:12 तब सारी जातियां तुम को धन्य कहेंगी, क्योंकि तुम्हारा देश मनोहर देश होगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 15-16
  • मरकुस 6:1-29


मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

नींव



      बहुत वर्षों से हमारे शहर के लोग उस भूमि पर घर बनाते या खरीदते रहे हैं जहाँ भूस्खलन की संभावना बहुत अधिक है। कुछ को इस असुरक्षित भूमि के विषय पता था, किन्तु औरों को इसके विषय बताया ही नहीं गया। हमारे स्थानीय अखबार में इस सम्बन्ध में एक लेखा छपा जिसमें लिखा था, “चालीस वर्षों से भूवैज्ञानिकों की चेतावनियों और सुरक्षित गृह निर्माण के लिए बनाए गए शहर के नियमों की अवहेलना की जाती रही है।” लोगों को या तो बताया अथवा समझाया नहीं गया, या उन्होंने चेतावनियों को अनेदखा किया। उन घरों से दिखने वाला दृश्य बहुत सुन्दर है, परन्तु उनके नींव की भूमि किसी हादसे के घटित होने की प्रतीक्षा में है।

      प्राचीन इस्राएल में भी बहुत से लोगों ने मूर्तियों से फिरकर, परमेश्वर के पीछे चलने की परमेश्वर की चेतावनियों की अवहेलना की। परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम में उनकी इस अनाज्ञाकारिता के दुखद परिणाम दर्ज हैं। परन्तु इस अनाज्ञाकारिता के कारण उन पर आई परेशानियों और मुसीबतों में भी परमेश्वर क्षमा और आशा के सन्देश को उनको पहुँचाता रहा, यदि वे उसकी ओर मुड़ें और उसकी आज्ञाकारिता में चलें तो।

      यशायाह नबी ने कहा, “और उद्धार, बुद्धि और ज्ञान की बहुतायत तेरे दिनों का आधार होगी; यहोवा का भय उसका धन होगा” (यशायाह 33:6)।

      जैसा तब पुराने नियम के उस समय में था, वैसा ही आज भी है, और परमेश्वर हमें उस नींव के विषय विकल्प देता है, जिस पर हमें अपने जीवनों को बनाना है। हम अपनी लालसाओं का अनुसरण करते रह सकते हैं, या हम उसके वचन में दिए गए तथा प्रभु यीशु द्वारा सिखाए गए अनन्तकालीन सिद्धांतों का पालन कर सकते हैं। एडवर्ड मोटे ने कहा, “उस ठोस चट्टान, मसीह पर ही मैं खड़ा हूँ; उसके अतिरिक्त बाकी सब धंसती हुई रेत है।” – डेविड सी. मेक्कैसलैंड

जीवन के लिए प्रभु परमेश्वर ही हमारी सुदृढ़ नींव है।

उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। - भजन  40:2

बाइबल पाठ: मत्ती 7:24-27
Matthew 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।
Matthew 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नेव चट्टान पर डाली गई थी।
Matthew 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया।
Matthew 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियां चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 12-14
  • मरकुस 5:21-43



सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

फलवन्त


      मेरे पिता ने मुझे खुरपी देते हुए कहा, “जहाँ उसे नहीं होना चाहिए, वहां पर उगने वाला हर पौधा ‘जंगली’ होता है” और मटर की क्यारी में अपने आप से उग रहे उस अकेले मक्की के पौधे को उखाड़ने के लिए कहा। मैं तो उस मक्की के पौधे को छोड़ना चाहता था, किन्तु मेरे पिता, जिनकी परवरिश किसानी करने वाले परिवार में हुई थी, ने कहा की उसे उखाड़ दूँ, क्योंकि वह अकेला पौधा कुछ लाभ नहीं देगा, वरन मटर के पौधों को दबाएगा और उनके पोषक तत्वों को व्यर्थ करेगा।

      मनुष्य पौधे नहीं होते हैं – हमारे पास अपने मन और भावनाएं होती हैं और परमेश्वर ने हमें स्वेच्छा भी दी है। परन्तु कभी-कभी हम परमेश्वर द्वारा दी गई इन बातों के अंतर्गत उस स्थान पर फलवन्त होने का प्रयास करते हैं, जहां परमेश्वर नहीं चाहता है कि हम हों।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, हम इस्राएल के प्रथम राजा, राजा शाऊल, के योद्धा-राजकुमार योनातान के लिए देखते हैं कि वह भी वहाँ रहने का प्रयास कर सकता था जहाँ परमेश्वर किसी और को रखना चाहता था। योनातान के पास भावी राजा होने की आशा रखने के लिए सब कुछ था। परन्तु योनातान ने दाऊद पर परमेश्वर की आशीष को देखा, और उसने अपने पिता के घमंड और ईर्ष्या को भी पहचाना (1 शमुएल 18:12-15)। इसलिए, बजाए इसके कि उस गद्दी को थामे रखने के प्रयास करे जो कभी उसकी नहीं होती, योनातन दाऊद का परम मित्र बन गया, और उसके प्राणों की भी रक्षा की (19:1-6; 20:1-4)।

      कुछ लोग कहेंगे कि योनातन ने आवश्यकता से अधिक ही छोड़ दिया; परन्तु हम क्या चाहेंगे कि हमें कैसे स्मरण किए जाए? महत्वाकांक्षी शाऊल के समान जो अपने राज्य से चिपका रहा, किन्तु उसे बचा नहीं सका; या योनातन के समान, जिसने उस व्यक्ति का साथ दिया और उसके प्राणों की रक्षा की जो संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह का सम्मानित पूर्वज हुआ?

      परमेश्वर की योजनाएं सदा ही हमारी अपने योजनाओं से बेहतर होती हैं। हम उसकी योजनाओं का प्रतिरोध करके अनुपयुक्त स्थान पर उगने वाला ‘जंगली पौधा’ हो सकते हैं, जो अन्ततः उखाड़ कर फेंका ही जाएगा। या हम उसके दिशा निर्देशों का पालन करते हुए, उसकी इच्छा के अनुसार उसके बगीचे के फलवन्त पौधे बन सकते हैं। वह यह निर्णय हम पर छोड़ देता है। - टिम गुस्ताफ्सन

परमेश्वर हमें निमंत्रण देता है कि उसके साथ मिलकर 
सुसमाचार को संसार के सभी स्थानों में पहुंचाएं।

मैं [प्रभु यीशु] दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। - यूहन्ना 15:5

बाइबल पाठ: 1 शमुएल 20:30-34
1 Samuel 20:30 तब शाऊल का कोप योनातन पर भड़क उठा, और उसने उस से कहा, हे कुटिला राजद्रोही के पुत्र, क्या मैं नहीं जानता कि तेरा मन तो यिशै के पुत्र पर लगा है? इसी से तेरी आशा का टूटना और तेरी माता का अनादर ही होगा।
1 Samuel 20:31 क्योंकि जब तक यिशै का पुत्र भूमि पर जीवित रहेगा, तब तक न तो तू और न तेरा राज्य स्थिर रहेगा। इसलिये अभी भेज कर उसे मेरे पास ला, क्योंकि निश्चय वह मार डाला जाएगा।
1 Samuel 20:32 योनातन ने अपने पिता शाऊल को उत्तर देकर उस से कहा, वह क्यों मारा जाए? उसने क्या किया है?
1 Samuel 20:33 तब शाऊल ने उसको मारने के लिये उस पर भाला चलाया; इससे योनातन ने जान लिया, कि मेरे पिता ने दाऊद को मार डालना ठान लिया है।
1 Samuel 20:34 तब योनातन क्रोध से जलता हुआ मेज पर से उठ गया, और महीने के दूसरे दिन को भोजन न किया, क्योंकि वह बहुत खेदित था, इसलिये कि उसके पिता ने दाऊद का अनादर किया था।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 9-11
  • मरकुस 5:1-20



रविवार, 23 फ़रवरी 2020

दया



      मेरे बच्चे आपस में झगड़ा कर के, एक दूसरे की शिकायत करने मेरे पास आए। मैंने दोनों को अलग ले जाकर बारी बारी से दोनों के पक्ष को सुना। क्योंकि दोषी दोनों ही थे, इसलिए हमारी बातचीत के अंत में मैनें दोनों से ही पूछा कि उनके अनुसार दूसरे की गलती के लिए उचित और सही दंड क्या होना चाहिए। दोनों ने ही एक दूसरे के लिए तुरंत ही कठोर दंड दिए जाने के लिए कहा। दोनों ही भौंचक्के रह गए जब मैंने उनके द्वारा सुझाया गया दंड, दूसरे की बजाए उन्हीं पर लागू कर दिया। यह होते ही, तुरंत दोनों इस बात को लेकर विलाप करने लगे कि उन्हें “अनुचित” दंड सहना पड़ रहा है। जब तक वह दंड दूसरे के लिए था, वह उचित था, परन्तु अपने ऊपर आते ही वही दंड तुरंत ही अनुचित हो गया।

      मेरे बच्चों ने परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब द्वारा बताए गए उस “दया रहित निर्णय” का उदाहरण प्रस्तुत किया था, जिसके विरुद्ध परमेश्वर का वचन सचेत करता है (याकूब 2:13)। याकूब हमें स्मरण दिलाता है कि धनी व्यक्तियों या स्वयं अपने प्रति पक्षपात करने के स्थान पर, परमेश्वर यही चाहता है कि हम औरों से भी वैसा ही प्रेम करें जैसा हम अपने आप से करते हैं (पद 8)। बजाए इसके कि हम औरों को स्वार्थ तथा लाभ के लिए प्रयोग करें, या उन की उपेक्षा करें जो हमारे काम का प्रतीत नहीं होता है, याकूब कहता है कि हम उन लोगों के समान बनें जो यह जानते हैं कि उन्हें परमेश्वर की ओर से कितना दिया गया है और कितना कुछ क्षमा किया गया है – और फिर इसी दया को औरों के प्रति भी दिखाएं।

      परमेश्वर ने हम पर उदारता से अपनी दया की है। औरों के प्रति अपने समस्त व्यवहार में, हम उस दया को स्मरण रखें जो हमें प्राप्त हुई है, और उसे दूसरों के प्रति भी दिखाएं। - कर्स्टन होल्मबर्ग

परमेश्वर की दया हमें दयालु होने के लिए प्रेरित करती है।

इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा। - मत्ती 6:14-15

बाइबल पाठ: याकूब 2:1-13
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो।
James 2:2 क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्‍दर वस्‍त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए।
James 2:3 और तुम उस सुन्‍दर वस्‍त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ।
James 2:4 तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे?
James 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उसने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं
James 2:6 पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते?
James 2:7 क्या वे उस उत्तम नाम की निन्‍दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो?
James 2:8 तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो।
James 2:9 पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है।
James 2:10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।
James 2:11 इसलिये कि जिसने यह कहा, कि तू व्यभिचार न करना उसी ने यह भी कहा, कि तू हत्या न करना इसलिये यदि तू ने व्यभिचार तो नहीं किया, पर हत्या की तौभी तू व्यवस्था का उलंघन करने वाला ठहरा।
James 2:12 तुम उन लोगों के समान वचन बोलो, और काम भी करो, जिन का न्याय स्‍वतंत्रता की व्यवस्था के अनुसार होगा।
James 2:13 क्योंकि जिसने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्‍त होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41



शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

सुरक्षित



      उड़ान के समय यदि वायु यान खराब मौसम के क्षेत्र से होकर निकलता है और उसके डावांडोल होने की संभावना होती है, तो उड़ान-परिचारिका घोषणा करती हैं, “यान के कैपटन ने सीट की पेटी बांधने का संकेत चालू कर दिया है। कृपया तुरंत अपनी सीट पर पहुँच कर सीट की पेटी बाँध कर सुरक्षित होकर बैठ जाएं।” यह घोषणा इसलिए करनी पड़ती है क्योंकि यदि यात्रियों ने पेटी बांधी हुई नहीं है, या चल फिर रहे हैं तो वायु यान के हिलने से वे चोटिल हो सकते हैं। परन्तु सीट में सुरक्षित बैठे रहकर वे इस खराब समय से सुरक्षित निकल सकते हैं।

      अधिकांशतः जीवन हमें हमारी और बढ़ने वाली परेशानियों के विषय चेतावनी नहीं देता है। परन्तु हमारा प्रेमी पिता परमेश्वर हमारी परिस्थितियों और संघर्षों को भली-भांति जानता है और हमारी देखभाल करता है। प्रभु परमेश्वर हमें कहता है कि हम अपनी सारी चिंताएं, दुःख, और भय उसके पास लाएं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें आश्वस्त करती है कि, “क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे” (इब्रानियों 4:15-16)।

      परेशानियों और अनिश्चितता के समयों में, प्रार्थना में प्रभु परमेश्वर के निकट चले जाना ही हमारे लिए सर्वोत्तम होता है। वाक्यांश, “वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे” का अर्थ है कि उसकी उपस्थिति में रहकर हम परेशानियों की स्थिति में भी शान्त रह सकते हैं, क्योंकि हमारी चिंता और देखभाल उसके हाथों में है जो सभी से बड़ा और सामर्थी है। जब भी जीवन बोझिल लगने लगे, तब हम प्रार्थना में परमेश्वर के निकट हो सकते हैं, और उसमें सुरक्षित होकर बैठ सकते हैं। - बिल क्राउडर

यद्यपि हम जीवन की परीक्षाओं का पूर्वाभास तो नहीं पा सकते हैं, 
परन्तु हम पिता परमेश्वर से प्रार्थना अवश्य कर सकते हैं, 
क्योंकि जो कुछ भी होता है उसे वह जानता है।

किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। - फिलिप्पियों 4:6-7

बाइबल पाठ: इब्रानियों 4:11-16
Hebrews 4:11 सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन के समान आज्ञा न मान कर गिर पड़े।
Hebrews 4:12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग कर के, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।
Hebrews 4:13 और सृष्‍टि की कोई वस्तु उस से छिपी नहीं है वरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरदा हैं।
Hebrews 4:14 सो जब हमारा ऐसा बड़ा महायाजक है, जो स्‍वर्गों से हो कर गया है, अर्थात परमेश्वर का पुत्र यीशु; तो आओ, हम अपने अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहे।
Hebrews 4:15 क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला।
Hebrews 4:16 इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 4-6
  • मरकुस 4:1-20



शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

निकट



      मकड़ियाँ! मैं किसी भी ऐसे बच्चे को नहीं जानता हूँ जिन्हें वे पसन्द हैं; कम से कम रात को, और वो भी सोने के समय पर। मेरी बेटी सोने जाने की तैयारी कर रही थी, कि उसे एक मकड़ी, उसके बिस्तर के पास कहीं दिखाई दे गई। उसने चिल्ला कर मुझे आवाज़ लगाई – “डैडीईईई! मकड़ीईईईई!” मैं दौड़ कर उसके पास पहुँचा, परन्तु बहुत खोजने पर भी मुझे मकड़ी कहीं दिखाई नहीं दी। मैंने अपनी बेटी को आश्वस्त किया, “डरो मत। वह तुम्हें कुछ नहीं करेगी,” परन्तु उसे शान्ति नहीं हुई। जब तक की मैनें उससे यह नहीं कहा कि मैं उसके पास बना रहूँगा और देखता रहूँगा, वह बिस्तर में जाने के लिए तैयार नहीं हुई।

      जब मेरी बेटी बिस्तर में लेटकर सोने की तैयारी करने लगी, तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर उससे कहा, “मैं तुम से बहुत प्यार करता हूँ; मैं यहीं तुम्हारे पास हूँ। परन्तु क्या तुम जानती हो कि प्रभु यीशु तुम्हें मम्मी और डैडी से भी अधिक प्यार करते हैं? वह सदा तुम्हारे निकट रहते हैं; इसलिए जब भी कभी भयभीत हो, तो प्रार्थना में उन्हें बुला सकती हो।” मेरी बात सुनकर वह आश्वस्त और शान्त हो गई, और थोड़ी ही देर में आराम से सो गई।

      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बार-बार आश्वस्त करती है कि परमेश्वर सदा हमारे साथ बना रहता है (भजन 145:18; रोमियों 8:38-39; जेम्स 4:7-8), परन्तु कभी-कभी व्यावाहरिक जीवन में इसे स्वीकार करने में हम हिचकिचाते हैं। संभवतः इसीलिए पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों के लिए प्रार्थना की, कि उन्हें इस सत्य को समझने और मानने का उचित सामर्थ्य तथा बल मिले (इफिसियों 3:16)। पौलुस जानता था की हम जब भी भयभीत होते हैं, हम परमेश्वर के हमारे निकट होने के बोध को खो सकते हैं। परन्तु जिस प्रकार से उस रात को मैंने प्रेमपूर्वक अपनी बेटी के हाथ को थामे रखा, जब वह सोने लगी थी, उसी प्रकार से हमारा प्रभु परमेश्वर भी, बस एक प्रार्थना भर की दूरी पर, सदा हमारे निकट बना रहता है। - एडम होल्ज़

हमारे सभी भय के बावजूद, परमेश्वर सदा हमारे निकट बना रहता है।

जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है। - भजन 145:18

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:14-19
Ephesians 3:14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं,
Ephesians 3:15 जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।
Ephesians 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ्य पाकर बलवन्‍त होते जाओ।
Ephesians 3:17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।
Ephesians 3:18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है।
Ephesians 3:19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 1-3
  • मरकुस 3



गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

धन्य



      जब डॉक्टर ऋषि मनचंदा किसी मरीज़ से उसके रहने के स्थान के बारे में पूछते हैं, तो वे उनके निवास स्थान के पते से भी कुछ अधिक को जानना चाहते हैं। उन्होंने अपने मरीजों में एक नमूना देखा है। जो उनके पास सहायता के लिए आते हैं वे अकसर तनावपूर्ण पर्यावरण में रहने वाले होते हैं। उस वातावरण के फफूँदी, कीड़े-मकौड़े, और विषैले तत्व उन्हें बीमार बना रहे होते हैं। इसलिए डॉक्टर ऋषि मनचंदा उन लोगों के प्रोत्साहन और कार्यवाही को सम्मिलित करते हैं जिन्हें वे अपस्ट्रीम डॉक्टर कहते हैं। यह वे लोग होते हैं जो त्वरित चिकित्सीय सहायता के साथ-साथ मरीजों और समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के तरीकों और स्त्रोतों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब प्रभु यीशु ने उन्हें चंगाई दी जो उनके पास आ रहे थे (मत्ती 4:23-24), तो साथ ही उसने उनकी दृष्टि उस शारीरिक और भौतिक देखभाल के आवश्यकता से ऊपर भी उठाई। अपने पहाड़ी उपदेश के द्वारा, उसने लोगों को चिकत्सीय चमत्कार से भी बढ़कर पाने का मार्ग दिया (मत्ती 5:1-12)। इस खंड में प्रभु यीशु ने सात बार मन और हृदय के उस रवैये के बारे में बात की जो आत्मिक स्वास्थ्य के द्वारा एक नया दृष्टिकोण और सुखद कल्याण भावना लाता है (पद 3-9)। साथ ही प्रभु ने उन्हें धन्य कहा जो निरंतर सताव सहते हुए भी प्रभु में अपना घर और सांत्वना पाते हैं (पद 10-12)।

      प्रभु यीशु के शब्द मुझे सोचने पर मजबूर करते हैं की मैं कहाँ रह रहा हूँ? क्या मैं अपनी शारीरिक चंगाई और भलाई से भी बढ़कर अपनी आत्मिक भलाई के बारे में सोचता हूँ और उस पाने का प्रयास करता हूँ? मैं अपने लिए कोई आश्चर्यकर्म तो चाहता हूँ किन्तु क्या मैं उस दीन, टूटे, भूखे, कृपालु, और मेल करवाने वाले शांतीप्रीय हृदय की लालसा रखता हूँ जिसे प्रभु यीशु ने धन्य कहा है? – मार्ट डीहॉन

जब प्रभु परमेश्वर हमारा गढ़ हो, तो वही हमारी आशा भी होता है।

तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। - यूहन्ना 15:4

बाइबल पाठ: मत्ती 4:23-5:12
Matthew 4:23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।
Matthew 4:24 और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उसने उन्हें चंगा किया।
Matthew 4:25 और गलील और दिकापुलिस और यरूशलेम और यहूदिया से और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।
Matthew 5:1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
Matthew 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
Matthew 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है।
Matthew 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
Matthew 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Matthew 5:6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।
Matthew 5:7 धन्य हैं वे, जो दयावन्‍त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
Matthew 5:8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Matthew 5:10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है।
Matthew 5:11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
Matthew 5:12 आनन्‍दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 26-27
  • मरकुस 2



बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

उदार



      हम चर्च से लौट रहे थे, और हमारी छोटी बेटी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठी बिस्कुट खा रही थी, जबकि हमारे अन्य बच्चे उससे आग्रह कर रहे थे कि वह अपने बिस्कुट उनके साथ भी बाँटे, जिसके लिए वह कतई राज़ी नहीं हो रही थी। मैंने उस से पूछा, “तुमने आज सन्डे स्कूल क्लास में क्या सीखा?” उसने बताया कि उन्होंने प्रभु यीशु द्वारा पांच रोटी और दो मछली द्वारा पांच हज़ार को खिलाए जाने की कहानी सीखी (यूहन्ना 6:1-13), और फिर रोटी और मछली रखने के लिए एक छोटी टोकरी भी बनाई।

      मैंने इस बात को उपयोग करके उसे उदार होना सिखाने के लिए अपनी बेटी से कहा, “उस छोटे लड़के ने जो यह कार्य किया क्या वह बहुत अच्छा नहीं था? वैसे ही क्यों न वह भी अपने बिस्कुट अपने भाई-बहिनों से बांटे?” तुरंत ही उसने उत्तर दिया, “नहीं मामा” और मेरे बहुत प्रोत्साहित करने के बाद भी वह अपने बिस्कुट बांटने को तैयार नहीं हुई। उसका तर्क था कि उसके पास इतने बिस्कुट हैं ही नहीं जो सबके लिए प्रयाप्त हो सकेंगे।

      औरों के साथ बाँटना कठिन होता है; जो हमारे पास है और हमें दिखाई दे रहा है उसे ही अपने लिए थामे रहना सहज होता है। हम भी मेरी बेटी और संसार के अधिकाँश लोगों के समान यही हिसाब लगाते हैं कि जो हमारे पास है वह सब के लायक पर्याप्त नहीं है, और इसलिए यदि हम उसे बाँट देंगे तो न हमारे पास प्रयाप्त रहेगा और न ही औरों को पर्याप्त मिलेगा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस हमें स्मरण करवाता है कि हमारे पास जो कुछ भी है वह हमें परमेश्वर से ही मिला है, जो हमें और भी फलवन्त करना चाहता है, और चाहता है की हम उदार बनें (2 कुरिन्थियों 9:10-11)। स्वर्ग का गणित पृथ्वी के गणित से बहुत भिन्न है; स्वर्ग के गणित के अनुसार, बाँटने से बढ़ोतरी होती है, और देने से बहुतायत आती है। हम निःसंकोच होकर और आनन्द के साथ उदार होकर बाँट सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर ने हमारी देखभाल का वायदा किया है, और जैसे हम औरों के प्रति उदार होंगे, वह भी हमारे प्रति उदार बनेगा। - लीसा सामरा

जब हम यह विश्वास करते हैं की परमेश्वर भला है, 
तो हमें उसकी भलाइयों को उदारता के साथ औरों के साथ बाँटना चाहिए।

परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना, क्योंकि वही है जो तुझे सम्पति प्राप्त करने का सामर्थ्य इसलिये देता है, कि जो वाचा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बान्धी थी उसको पूरा करे, जैसा आज प्रगट है। - व्यवस्थाविवरण 8:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 9:10-15
2 Corinthians 9:10 सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्‍त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।
2 Corinthians 9:11 कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ।
2 Corinthians 9:12 क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है।
2 Corinthians 9:13 क्योंकि इस सेवा से प्रमाण ले कर वे परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके आधीन रहते हो, और उन की, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो।
2 Corinthians 9:14 ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं; और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं।
2 Corinthians 9:15 परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 25
  • मरकुस 1:23-45



मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

विश्वासयोग्य



      प्रथम शताब्दी के समय की पृष्ठभूमी में लिखी गई फ्रंसिन रिवर्स की पुस्तक A Voice in the Wind की नायिका, हद्दस्साह, एक गुलाम यहूदी युवती है, जो एक रोमी परिवार में सेविका है, तथा प्रभु यीशु मसीह में विश्वास भी करती है। अपने मसीही विश्वास के कारण उसे भय बना रहता है की उसे सताव का सामना करना पड़ सकता है। उस समय में मसीही विश्वासियों को बहुत तुच्छ समझा जाता था और उन्हें बहुत सताव तथा उत्पीड़न का सामना करना पड़ता था। बहुतेरों को या तो सूली पर चढ़ाकर मार दिया जाता था, या उन्हें अखाड़ों में भूखे शेरों के साम्हने फेंक दिया जाता था। हद्दस्साह को चिंता रहती थी कि यदि वह परखी गई, तो क्या वह सत्य और अपने मसीही विश्वास के लिए दृढ़ खड़ी रहने पाएगी?

      एक दिन उसका यह भय यथार्त में उसके सामने खड़ा हो जाता है, उसकी स्वामिनी और अन्य रोमी अधिकारी, जो मसीहियों से घृणा करते थे, उससे उसके मसीही विश्वास के विषय पूछते हैं। उसके पास दो विकल्प थे, या तो वह प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास से इनकार करे और प्रभु के विरुद्ध बोले, अथवा अखाड़े में फेंके जाने के लिए तैयार हो जाए। उस स्थिति में वह प्रभु यीशु मसीह पर अपना विश्वास व्यक्त करती है, और ऐसा करते हुए उसका भय जाता रहता है, और वह मृत्यु के मुंह में भी प्रभु के लिए दृढ़ खड़ी रहती है।

      परमेश्वर का वचन बाइबल हमें स्मरण दिलाती है कि कभी-कभी हमें सत्य का साथ देने के लिए सताव भी झेलना पड़ेगा। यह प्रभु यीशु में विश्वास द्वारा उद्धार और पापों की क्षमा के सुसमाचार का प्रचार करने के लिए हो सकता है, या फिर वर्तमान प्रचालन के विपरीत, परमेश्वर के भय में सच्चाई और खराई का जीवन जीने का प्रयास करने के लिए हो सकता है। साथ ही बाइबल हमें यह भी कहती है कि ऐसे में हम भयभीत न हों (1 पतरस 3:14), वरन अपने मनों में “मसीह को प्रभु जान कर पवित्र समझें” (पद 15)। हद्दस्साह का मुख्य युद्ध उसके मन में हुआ था; और जब एक बार उसने मन में यीशु मसीह को अपना प्रभु मानना ठान लिया, तो उसे प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य बने रहने का साहस भी मिल गया।

      हम जब मसीह यीशु को अपने जीवनों से आदर देने की ठान लेते हैं, तो प्रभु यीशु हमें हमारे विरुद्ध उठने वाले प्रतिरोध का सामना करने और प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य होने की सामर्थ्य भी प्रदान करता है। - कीला ओकोआ

विश्वास में दृढ़ तथा प्रभु के विश्वासयोग्य गवाह बनें।

सो जब कि मसीह ने शरीर में हो कर दुख उठाया तो तुम भी उस ही मनसा को धारण कर के हथियार बान्‍ध लो क्योंकि जिसने शरीर में दुख उठाया, वह पाप से छूट गया। - 1 पतरस 4:1

बाइबल पाठ: 1 पतरस 3:13-18
1 Peter 3:13 और यदि तुम भलाई करने में उत्तेजित रहो तो तुम्हारी बुराई करने वाला फिर कौन है?
1 Peter 3:14 और यदि तुम धर्म के कारण दुख भी उठाओ, तो धन्य हो; पर उन के डराने से मत डरो, और न घबराओ।
1 Peter 3:15 पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ।
1 Peter 3:16 और विवेक भी शुद्ध रखो, इसलिये कि जिन बातों के विषय में तुम्हारी बदनामी होती है उनके विषय में वे, जो तुम्हारे मसीही अच्‍छे चालचलन का अपमान करते हैं लज्ज़ित हों।
1 Peter 3:17 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है।
1 Peter 3:18 इसलिये कि मसीह ने भी, अर्थात अधर्मियों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुंचाए: वह शरीर के भाव से तो घात किया गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 23-24
  • मरकुस 1:1-22



सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

भागो



      मैंने जब हाई-स्कूल में तलवारबाज़ी सीखनी आरंभ की, तो मेरे प्रशिक्षक जैसे ही मेरी और आक्रामक कदम उठाते थे, साथ ही ऊँची आवाज़ में मुझे उनके उस कदम से बचाव के लिए मुझे क्या करना है उसे भी बता देते थे। तो जैसे ही वे अपनी तलवार से आक्रमण करने मेरी और आते, मुझे तुरंत ही बचाव वाली स्थिति अपना कर उनके वार से बचने के लिए तैयार रहना होता था; इसलिए मेरे लिए अत्यावश्यक था कि मैं उनकी आवाज़ को सुनता रहूं और उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही पर अपने दृष्टि भी बनाए रखूँ।

      इस प्रकार से सचेत होकर सुनते रहने और प्रतिद्वन्दी की कार्यवाही पर ध्यान बनाए रखने की बात से परमेश्वर के वचन बाइबल में यौन प्रलोभनों से बचने के बारे में दी गयी शिक्षा स्मरण हो आती है। प्रेरित पौलुस ने 1 कुरिन्थियों 6:18 में मसीही विश्वासियों को कहा कि, “व्यभिचार से बचे रहो।” पवित्र शास्त्र कहीं-कहीं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दृढ़ होकर डटे रहने के लिए कहता है (गलातियों 5:1; इफिसियों 6:11), परन्तु यहाँ, यौन प्रलोभन की स्थिति के लिए बाइबल चिल्लाकर हमारे बचाव का सर्वोत्तम मार्ग बताती है: वहाँ से भागो!

      तुरंत की गयी त्वरित कार्यवाही कोई भी समझौता कर बैठने से बचाए रखती है। यह करना आवश्यक भी है क्योंकि छोटे-छोटे समझौते बड़ी और विनाशकारी हार ला सकते हैं। कोई भी अनियंत्रित अनैतिक विचार, इंटरनेट पर किसी गलत चित्र की झलक, विवाहित होते हुए किसी के साथ छेड़खानी भरी मित्रता, आदि – सभी वे स्थितियां हैं जो हमें वहाँ ले जा सकती हैं जहाँ हमें नहीं होना चाहिए; और हम में तथा परमेश्वर में दूरी ला सकती हैं।

      जब हम प्रलोभनों से बचकर भागते हैं, तो परमेश्वर बच कर भाग जाने के लिए स्थान भी उपलब्ध करवाता है। हमारे पापों के लिए प्रभु यीशु की क्रूस पर मृत्यु, और उनके मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा हमारे लिए प्रभु यीशु में पापों की क्षमा, नया आरंभ, और अनंत जीवन की आशा उपलब्ध करवाई गई है – हमने चाहे जो भी किया हो, कैसा भी जीवन व्यतीत किया हो, प्रभु यीशु हमारे लिए सुरक्षित एवं आशीश्पूर्ण शरणस्थान हैं। हम जब भी कमज़ोर होते हैं, प्रलोभनों में आते हैं, शैतान हमें परीक्षाओं में गिराने के प्रयास करता है, तो हमारे लिए सर्वोत्तम प्रतिक्रिया होती है – भागो; और भागकर प्रभु यीशु की शरण में आ जाओ। - जेम्स बैंक्स

केवल परमेश्वर ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता पूरी कर सकता है
 और हमें गहरी संतुष्टि प्रदान कर सकता है।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 6:12-20
1 Corinthians 6:12 सब वस्तुएं मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएं लाभ की नहीं, सब वस्तुएं मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के आधीन न हूंगा।
1 Corinthians 6:13 भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्वर इस को और उसको दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है।
1 Corinthians 6:14 और परमेश्वर ने अपनी सामर्थ्य से प्रभु को जिलाया, और हमें भी जिलाएगा।
1 Corinthians 6:15 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग ले कर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं।
1 Corinthians 6:16 क्या तुम नहीं जानते, कि जो कोई वेश्या से संगति करता है, वह उसके साथ एक तन हो जाता है? क्योंकि वह कहता है, कि वे दोनों एक तन होंगे।
1 Corinthians 6:17 और जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।
1 Corinthians 6:18 व्यभिचार से बचे रहो: जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करने वाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है।
1 Corinthians 6:19 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो?
1 Corinthians 6:20 क्योंकि दाम देकर मोल लिये गए हो, इसलिये अपनी देह के द्वारा परमेश्वर की महिमा करो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 21-22
  • मत्ती 28



रविवार, 16 फ़रवरी 2020

प्रेम



      मैं एक ऐसे चर्च में आराधना करता हूँ जो एक बड़े, खुले मैदान में लगता है – जो कि मेरे निवास-स्थान सिंगापुर में एक बहुत ही कम पाई जाने वाली स्थिति है – हमारा निवास-स्थान मात्र पच्चीस मील लंबा और पंद्रह मील चौड़ा टापू है। कुछ समय पहले, बाहर से आकर यहाँ काम करने वाले कुछ प्रवासी उस चर्च स्थल पर प्रति इतवार पिकनिक मनाने के लिए आने लगे।

      इससे चर्च के लोगों में भिन्न प्रतिक्रियाएं हुईं। कुछ उन लोगों द्वारा अपने पीछे छोड़े गए कूड़े को लेकर बेचैनी हुई; परन्तु कुछ अन्य ने इसे चर्च छोड़कर बाहर जाए बिना ही परदेसी लोगों को आतिथ्य प्रदान करने का एक स्वर्गीय अवसर समझा।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, इस्राएलियों को भी अपने समय में, अपने नए निवास-स्थान में आकर बस जाने के पश्चात, कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा होगा, जब उनका नए लोगों से सामना हुआ होगा। परन्तु परमेश्वर ने उन्हें स्पष्ट आज्ञा दी थी कि वे परदेसियों से भी अपने समान ही प्रेम और व्यवहार करें (लैव्यवस्था 19:34)। परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए नियमों में से अनेकोण नियम परदेसियों से सम्बंधित थे: उन्हें सताया नहीं जाना था, उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना था, उनकी सहायता की जानी थे, और उनसे प्रेम किया जाना था (निर्गमन 23:9; व्यवस्थाविवरण 10:19)। इसके सदियों बाद, प्रभु यीशु ने भी यही आज्ञा अपने अनुयायियों को दी, कि वे अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम रखें (मरकुस 12:31)।

      हम में भी हमारे प्रभु परमेश्वर के समान ही औरों से प्रेम करने और प्रदर्शित करने का मन हो, और हम यह कभी न भूलें की हम भी पृथ्वी पर परदेसी हैं। फिर भी परमेश्वर ने हमें अपनाकर हम से प्रेम किया है। - लेस्ली कोह

औरों से प्रेम करने की कुंजी परमेश्वर के प्रेम को अपनाना है।

परदेशी पर अन्धेर न करना; तुम तो परदेशी के मन की बातें जानते हो, क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे। - निर्गमन 23:9

बाइबल पाठ: लैव्यवस्था 19:33-34
Leviticus 19:33 और यदि कोई परदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे संग रहे, तो उसको दु:ख न देना।
Leviticus 19:34 जो परदेशी तुम्हारे संग रहे वह तुम्हारे लिये देशी के समान हो, और उस से अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 19-20
  • मत्ती 27:51-66



शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

सेवकाई



      बचपन में मैं हमारे चर्च में इतवार की संध्याकालीन सभाओं के लिए बहुत उत्सुक्त रहती थी, क्योंकि वे रोमांचकारी होती थीं। बहुधा इतवार की संध्या सभाओं का अर्थ होता था की हमें मसीही सेवकाई में जाने वाले लोगों और अन्य मेहमान प्रचारकों से सन्देश सुनने को मिलते थे। उनके सन्देश मुझे प्रेरणादायक लगते थे क्योंकि वे लोग परिवार और मित्रजनों को छोड़कर, और कभी-कभी तो घर, संपत्ति, और नौकरियों को भी छोड़कर किसी विचित्र, अनजाने, और कभी-कभी खतरनाक स्थान पर परमेश्वर की सेवकाई के लिए जाया करते थे।

      उन सेवकों के सामान ही, हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि एलीशा ने भी परमेश्वर की सेवकाई के लिए निकलने के लिए बहुत कुछ छोड़ा था (1 राजाओं 19:19-21)। एलिय्याह में होकर परमेश्वर द्वारा एलीशा को बुलाए जाने से पहले हम एलीशा के बारे में कुछ विशेष जानकारी नहीं पाते हैं – सिवाए इसके कि वह किसान था। एलिय्याह की उससे पहली मुलाक़ात एलीशा के खेत में जुताई करते हुए हुई, और एलिय्याह ने अपना चोगा, जो उसके परमेश्वर का नबी होने का चिन्ह था, एलीशा के कन्धों पर डाल दिया, और उसे अपने पीछे चले आने के लिए कहा। एलीशा ने केवल एक अनुरोध किया, कि वह अपने माता-पिता से विदा ले आए, और तुरंत ही उसने अपने बैलों को बलि किया तथा जुताई करने के अपने सामान को जलाया, अपने माता-पिता से विदा ली, और एलिय्याह के पीछे चल निकला।

      यद्यपि हम में से बहुतेरों को परमेश्वर की पूर्णकालिक सेवकाई के लिए परिवार और मित्र जनों को छोड़ने के लिए बुलाहट नहीं आती है, किन्तु परमेश्वर चाहता है की हम उसका अनुसरण करें तथा, “जैसा प्रभु ने हर एक को बांटा है, और परमेश्वर ने हर एक को बुलाया है; वैसा ही वह चले: और मैं सब कलीसियाओं में ऐसा ही ठहराता हूं” (1 कुरिन्थियों 7:17)। मेरा अक्सर यह अनुभव रहा है, हम चाहे जहाँ भी हों, परमेश्वर की सेवा करना रोमांचक और चुनौतीपूर्ण हो सकता है – चाहे हमें कभी सेवकाई के लिए घर भी न छोड़ना पड़े! – एलिसन कीडा

हम जहाँ भी होंगे, परमेश्वर हमें वहीं उसकी सेवकाई के विषय बताएगा।

जब वे उपवास सहित प्रभु की उपासना कर रहे था, तो पवित्र आत्मा ने कहा; मेरे निमित्त बरनबास और शाऊल को उस काम के लिये अलग करो जिस के लिये मैं ने उन्हें बुलाया है। - प्रेरितों 13:2

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 19:19-21
1 Kings 19:19 तब वह वहां से चल दिया, और शापात का पुत्र एलीशा उसे मिला जो बारह जोड़ी बैल अपने आगे किए हुए आप बारहवीं के साथ हो कर हल जोत रहा था। उसके पास जा कर एलिय्याह ने अपनी चद्दर उस पर डाल दी।
1 Kings 19:20 तब वह बैलों को छोड़ कर एलिय्याह के पीछे दौड़ा, और कहने लगा, मुझे अपने माता-पिता को चूमने दे, तब मैं तेरे पीछे चलूंगा। उसने कहा, लौट जा, मैं ने तुझ से क्या किया है?
1 Kings 19:21 तब वह उसके पीछे से लौट गया, और एक जोड़ी बैल ले कर बलि किए, और बैलों का सामान जलाकर उनका मांस पका के अपने लोगों को दे दिया, और उन्होंने खाया; तब वह कमर बान्धकर एलिय्याह के पीछे चला, और उसकी सेवा टहल करने लगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 17-18
  • मत्ती 27:27-50



शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

भरोसा



      मेरी एक सहेली को हाल ही में अपने वर्तमान स्थान से लगभग 1000 मील दूर स्थान पर स्थानांतरित होना पड़ा। क्योंकि समय कम था इसलिए उसने और उसके पति ने सम्बंधित कार्यों को आपस में बाँट लिया, और वे दोनों अपने-अपने कार्य करने लगे। मेरी सहेली सामान को बाँधने और पैक करने में लग गई, और उसका पति रहने के लिए अच्छा स्थान ढूँढने और निश्चित करने में लग गया। मैं चकित थी कि कैसे रहने के नए स्थान को बिना देखे और उसके बारे में स्वयं जाने बिना, तथा नए घर को देखे बिना वह वहाँ जाने के लिए तैयार थी। मैंने उससे इसके बारे में जब पूछा तो उसने उत्तर दिया की यह चुनौतीपूर्ण तो है, परन्तु उसे पता है कि इतने वर्षों से साथ रहने के कारण उसके पति को उसकी पसंद और नापसंद का ज्ञान है, तथा मेरी सहेली को अपने पति पर भरोसा था की वे स्थान और घर का चुनाव उसकी पसंद को ध्यान में रखते हुए ही करेंगे।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से शीघ्र ही उनके पकड़वाए जाने और मारे जाने के बारे में बताया। प्रभु यीशु के पृथ्वी जीवन का, तथा शिष्यों के जीवन का भी सबसे अंधकारपूर्ण समय निकट था। ऐसे में प्रभु ने शिष्यों को आश्वस्त किया कि वह उनके लिए स्वर्ग में एक नया घर बनाएगा, जैसे की मेरी सहेली के पति ने उनके रहने के लिए नए स्थान पर घर तैयार किया। जब शिष्यों ने प्रभु यीशु से प्रश्न किए तो प्रभु ने उन्हें  स्मरण दिलाया की कैसे उन्होंने साथ समय बिताया था, कार्य किए थे, और उन्होंने प्रभु को आश्चर्यकर्म करते देखा था। प्रभु ने उन्हें आश्वस्त किया कि चाहे प्रभु के चले जाने से उन्हें दुःख होगा, किन्तु फिर भी वे प्रभु पर भरोसा बनाए रख सकते हैं कि जो वह कहता है वह उसे करता भी है।

      आज हम मसीही विश्वासी भी अपने जीवन की कठिन और विपरीत परिस्थितियों में प्रभु के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं कि वह हर बात में होकर हमें भलाई ही की ओर लेकर जाएगा। जब हम उसके साथ चलते रहते हैं तो हम उसकी विश्वासयोग्यता पर भरोसा बनाए रखना भी सीखते रहते हैं। - कर्स्टन होल्म्बर्ग

कठिन और विपरीत परिस्थितियों में से भी हमें 
पार लगाने के लिए हम परमेश्वर पर भरोसा बनाए रख सकते हैं।

और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। - रोमियों 12:2

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-14
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो।
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं।
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो।
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो।
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जाता है तो मार्ग कैसे जानें?
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है।
John 14:8 फिलेप्पुस ने उस से कहा, हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये बहुत है।
John 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा।
John 14:10 क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है।
John 14:11 मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो।
John 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।
John 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
John 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 15-16
  • मत्ती 27:1-26



गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

धन्यवाद



      मैं कंप्यूटर पर बैठी कार्य कर रही थी, और मुझे एक ईमेल मिलने का संकेत सुनाई दिया। सामान्यतः मैं प्रत्येक ईमेल को तुरंत ही देखने का प्रयास नहीं करती हूँ, परन्तु उस ईमेल का विषय, “तुम आशीष हो” बहुत लुभावना था, इसलिए मैंने उसे खोल कर पढ़ा। वह ईमेल मेरी एक सहेली का था जो बहुत दूर रहती थी, और वह मुझे बता रही थी कि वह मेरे परिवार के लिए प्रार्थना कर रही थी। मेरी उस सहेली ने अपने रसोई की मेज़ पर एक ‘आशीष का कटोरा’ रखा हुआ है, जिसमें हर सप्ताह वह अपने किसी एक प्रीय जन की फोटो रखती है और उसके परिवार के लिए प्रार्थना करती रहती है। उसने मुझे लिखा, “मैं जब जब तुम्हें स्मरण करता हूं, तब तब अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं” (फिलिप्पियों 1:3), और फिर हमारे द्वारा साथ मिलकर किए गए परमेश्वर के प्रेम को औरों के साथ बाँटने के प्रयासों को स्मरण किया और उनकी सराहना की – सुसमाचार प्रचार में हमारी सहभागिता की।

      मेरी सहेली के इस सुविचारित कार्य के द्वारा मेरे ईमेल के इनबॉक्स में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा कहे गए शब्द आ गए, और मुझे उनसे वैसा ही आनन्द प्राप्त हुआ, जैसा मुझे लगता है उस प्रथम-शताब्दी की मसीही मण्डली को हुआ होगा जिन्हें पौलुस ने यह धन्यवाद के शब्द लिखे थे। ऐसा लगता है कि पौलुस के साथ जो लोग कार्य करते थे, उन्हें पौलुस धन्यवाद अवश्य कहता था, यह करना उसकी आदत थी। उसकी कई पत्रियों की आरंभिक पंक्ति धन्यवाद के शब्द होते हैं, जैसे कि, “पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूंकि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है” (रोमियों 1:8)।

      प्रथम शताब्दी में, पौलुस ने अपने सहकर्मियों को प्रार्थना सहित कहे गए धन्यवाद के शब्दों के द्वारा आशीष दी। इक्कीसवीं शताब्दी में मेरी सहेली ने अपने ‘आशीष के कटोरे’ का प्रयोग मेरे दिन को आनन्दमय बनाने के लिए किया। आज हम हमारे साथ परमेश्वर के लिए कार्यरत लोगों के प्रति धन्यवाद व्यक्त कैसे कर सकते हैं, उन्हें प्रोत्साहित और आनन्दित कर सकते हैं? – एलिसा मौर्गन

आज आप किसे धन्यवाद कह सकते हैं?

हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है। - 2 थिस्सलुनीकियों 1:3

बाइबल पाठ: रोमियों 1:1-10
Romans 1:1 पौलुस की ओर से जो यीशु मसीह का दास है, और प्रेरित होने के लिये बुलाया गया, और परमेश्वर के उस सुसमाचार के लिये अलग किया गया है।
Romans 1:2 जिस की उसने पहिले ही से अपने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा पवित्र शास्त्र में।
Romans 1:3 अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह के विषय में प्रतिज्ञा की थी, जो शरीर के भाव से तो दाउद के वंश से उत्पन्न हुआ।
Romans 1:4 और पवित्रता की आत्मा के भाव से मरे हुओं में से जी उठने के कारण सामर्थ के साथ परमेश्वर का पुत्र ठहरा है।
Romans 1:5 जिस के द्वारा हमें अनुग्रह और प्रेरिताई मिली; कि उसके नाम के कारण सब जातियों के लोग विश्वास कर के उस की मानें।
Romans 1:6 जिन में से तुम भी यीशु मसीह के होने के लिये बुलाए गए हो।
Romans 1:7 उन सब के नाम जो रोम में परमेश्वर के प्यारे हैं और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं। हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।
Romans 1:8 पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है।
Romans 1:9 परमेश्वर जिस की सेवा मैं अपनी आत्मा से उसके पुत्र के सुसमाचार के विषय में करता हूं, वही मेरा गवाह है; कि मैं तुम्हें किस प्रकार लगातार स्मरण करता रहता हूं।
Romans 1:10 और नित्य अपनी प्रार्थनाओं में बिनती करता हूं, कि किसी रीति से अब भी तुम्हारे पास आने को मेरी यात्रा परमेश्वर की इच्छा से सफल हो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75