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मंगलवार, 26 अगस्त 2014

उपलब्ध


   मेरे पिता को पेपर मिल से उनकी सेवा-निवृति के समय उपहार में एक बाइबल दी गई थी। वह बाइबल देवदार की लकड़ी से बने एक विशेष डिब्बे में रखी गई थी जिस पर छापा हुआ था "पवित्र बाइबल"। उस समय मेरी उम्र 12 वर्ष की थी, और उस बाइबल को लेकर मेरे अन्दर कौतहूल रहता था। मुझे लगता था कि उस पर लिखे "पवित्र" से तात्पर्य है कि मैं उसके योग्य नहीं हूँ। लेकिन फिर भी अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए मैंने उस डिब्बे में झांक कर, उस बाइबल को खोल कर उसे देखा। बाइबल के मध्य में क्रूस पर लटकाए हुए यीशु की तस्वीर थी जिसके साथ यूहन्ना 3:16 के शब्द लिखे हुए थे। तस्वीर के ऊपर लाल रंग की पारदर्शी पन्नी लगी हुई थी, जो मेरी समझ के अनुसार बहे हुए रक्त के कारण उसकी मृत्यु को दर्शाती थी।

   कभी कभी, जब और कोई ध्यान नहीं दे रहा होता था, तब मैं धीरे से उस बाइबल के डिब्बे को पुस्तकों की ताक से निकाल कर, बाइबल को खोलकर देखती, क्रूस पर लटके हुए यीशु पर विचार करती कि यह व्यक्ति कौन है और ऐसे क्यों मरा और सोचती कि क्या उसका प्रेम मेरे लिए भी था या मेरे जैसे लोग, जिनके जीवन में पाप है, उसके प्रेम की सीमा से परे थे?

   अनेकों वर्ष पश्चात मैंने सन्देश सुना कि कैसे परमेश्वर ने प्रभु यीशु में होकर अपने से मेल मिलाप करने और अपने प्रेम को उपलब्ध कराने के लिए प्रभु यीशु को बलिदान होने के लिए भेजा। परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों 5:1-2 में लिखा है: "सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।" तब मैंने भी प्रभु यीशु पर विश्वास किया, उससे अपने पापों की क्षमा माँगी, अपना जीवन उसे समर्पित किया और अनन्त काल के लिए उद्धार प्राप्त किया।

   हम सब के लिए यह बड़े धन्यवाद कि बात है कि कोई भी मनुष्य परमेश्वर, उसके प्रेम और उसके वचन बाइबल की सीमा से बाहर नहीं है; ये अद्भुत खज़ाने संसार के प्रत्येक व्यक्ति के लिए, वो चाहे कोई भी और कैसा भी क्यों ना हो, सेंत-मेंत उपलब्ध हैं। आज, समय रहते, परमेश्वर से पापों की क्षमा और उद्धार प्राप्त कर लीजिए - ये मेरे और आपके जैसे पापी लोगों के लिए ही हैं। ऐनी सेटास


बाइबल हम मनुष्यों के लिए परमेश्वर का प्रेम-पत्र है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-8
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। 
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 27-29