परमेश्वर के वचन बाइबल के अपने अध्ययन में दानिय्येल की पुस्तक का अध्ययन करते समय मेरा ध्यान इस बात पर गया कि दानिय्येल के लिए शेरों की माँद में फेंके जाने से बचना कितना सरल हो सकता था। दानिय्येल बेबिलौन के राजा के नीचे कार्य करने वाले मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों में से एक था, और उसके साथ के अन्य अधिकारी उससे ईर्ष्या करते थे। परमेश्वर के प्रति समर्पित और परमेश्वर से प्रार्थना करने की दैनिक दिनचर्या के आधार पर उन ईर्ष्या करने वाले अधिकारियों ने दानिय्येल के विरुद्ध षड़यंत्र रचा, कि एक महीने तक राजा को छोड़ किसी और की आराधना ना की जाए (दानिय्येल 6:1-9)। दानिय्येल उनके इस षड़यंत्र से भलि-भांति परिचित था, और वह एक महीने तक, जब तक कि हालात फिर से सामान्य ना हो जाएं, छुप कर परमेश्वर से प्रार्थना, उसकी आराधना कर सकता था। परन्तु दानिय्येल ऐसे समझौते के समर्पण वाला व्यक्ति नहीं था।
बाइबल बताती है कि, "जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा" (दानिय्येल 6:10)। विपरीत परिस्थिति को आया देख कर दानिय्येल घबराया नहीं, सताव की लगभग निश्चित संभावना से वह अभिभूत नहीं हुआ, उसने परमेश्वर के साथ सौदा करने या परिस्थितियों के साथ समझौता करने का विचार भी नहीं किया, वरन जैसे वह पहले परमेश्वर के साथ समय बिताता था, इस षड़यंत्र के समय में भी वह परमेश्वर के साथ वैसे ही समय बिताता रहा।
मेरे लिए सीखने के बात थी दानिय्येल के जीवन में परमेश्वर के प्रति दृढ़ समर्पण और प्रतिदिन उस समर्पण को निभाने का जीवन। दानिय्येल जानता था कि उसकी सामर्थ और सुरक्षा परमेश्वर ही से है, और वह प्रतिदिन परमेश्वर को ही प्रसन्न करने का जीवन व्यतीत करने में लगा रहा। जब परिस्थितियाँ विपरीत हो गईं, दानिय्येल ने अपनी दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं किया; वह परमेश्वर के प्रति अपने समर्पित जीवन को पहले ही के समान व्यतीत करता रहा और परमेश्वर ने उसे बचाया भी तथा शिरोमणि भी कर दिया। - डेविड मैक्कैसलैंड
जब हम प्रार्थना और आराधना में परमेश्वर के सामने झुक जाते हैं,
तो परमेश्वर हमें अपनी महिमा के लिए खड़े होने वाला बना देता है।
तब दारा राजा ने सारी पृथ्वी के रहने वाले देश-देश और जाति-जाति के सब लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वालों के पास यह लिखा, तुम्हारा बहुत कुशल हो। मैं यह आज्ञा देता हूं कि जहां जहां मेरे राज्य का अधिकार है, वहां के लोग दानिय्येल के परमेश्वर के सम्मुख कांपते और थरथराते रहें, क्योंकि जीवता और युगानयुग तक रहने वाला परमेश्वर वही है; उसका राज्य अविनाशी और उसकी प्रभुता सदा स्थिर रहेगी। जिसने दानिय्येल को सिंहों से बचाया है, वही बचाने और छुड़ाने वाला है; और स्वर्ग में और पृथ्वी पर चिन्हों और चमत्कारों का प्रगट करने वाला है। और दानिय्येल, दारा और कुस्रू फारसी, दोनों के राज्य के दिनों में भाग्यवान् रहा। - दानिय्येल 6:25-28
बाइबल पाठ: दानिय्येल 6:1-16
Daniel 6:1 दारा को यह अच्छा लगा कि अपने राज्य के ऊपर एक सौ बीस ऐसे अधिपति ठहराए, जो पूरे राज्य में अधिकार रखें।
Daniel 6:2 और उनके ऊपर उसने तीन अध्यक्ष, जिन में से दानिय्येल एक था, इसलिये ठहराए, कि वे उन अधिपतियों से लेखा लिया करें, और इस रीति राजा की कुछ हानि न होने पाए।
Daniel 6:3 जब यह देखा गया कि दानिय्येल में उत्तम आत्मा रहती है, तब उसको उन अध्यक्षों और अधिपतियों से अधिक प्रतिष्ठा मिली; वरन राजा यह भी सोचता था कि उसको सारे राज्य के ऊपर ठहराए।
Daniel 6:4 तब अध्यक्ष और अधिपति राजकार्य के विषय में दानिय्येल के विरुद्ध दोष ढूंढ़ने लगे; परन्तु वह विश्वासयोग्य था, और उसके काम में कोई भूल वा दोष न निकला, और वे ऐसा कोई अपराध वा दोष न पा सके।
Daniel 6:5 तब वे लोग कहने लगे, हम उस दानिय्येल के परमेश्वर की व्यवस्था को छोड़ और किसी विषय में उसके विरुद्ध कोई दोष न पा सकेंगे।
Daniel 6:6 तब वे अध्यक्ष और अधिपति राजा के पास उतावली से आए, और उस से कहा, हे राजा दारा, तू युगयुग जीवित रहे।
Daniel 6:7 राज्य के सारे अध्यक्षों ने, और हाकिमों, अधिपतियों, न्यायियों, और गवर्नरों ने भी आपास में सम्मति की है, कि राजा ऐसी आज्ञा दे और ऐसी कड़ी आज्ञा निकाले, कि तीस दिन तक जो कोई, हे राजा, तुझे छोड़ किसी और मनुष्य वा देवता से बिनती करे, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाए।
Daniel 6:8 इसलिये अब हे राजा, ऐसी आज्ञा दे, और इस पत्र पर हस्ताक्षर कर, जिस से यह बात मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार अदल-बदल न हो सके।
Daniel 6:9 तब दारा राजा ने उस आज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया।
Daniel 6:10 जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियां यरूशलेम के सामने खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के साम्हने घुटने टेक कर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा।
Daniel 6:11 तब उन पुरूषों ने उतावली से आकर दानिय्येल को अपने परमेश्वर के सामने बिनती करते और गिड़गिड़ाते हुए पाया।
Daniel 6:12 सो वे राजा के पास जा कर, उसकी राजआज्ञा के विषय में उस से कहने लगे, हे राजा, क्या तू ने ऐसे आज्ञापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया कि तीस दिन तक जो कोई तुझे छोड़ किसी मनुष्य वा देवता से बिनती करेगा, वह सिंहों की मान्द में डाल दिया जाएगा? राजा ने उत्तर दिया, हां, मादियों और फारसियों की अटल व्यवस्था के अनुसार यह बात स्थिर है।
Daniel 6:13 तब उन्होंने राजा से कहा, यहूदी बंधुओं में से जो दानिय्येल है, उसने, हे राजा, न तो तेरी ओर कुछ ध्यान दिया, और न तेरे हस्ताक्षर किए हुए आज्ञापत्र की ओर; वह दिन में तीन बार बिनती किया करता है।
Daniel 6:14 यह वचन सुनकर, राजा बहुत उदास हुआ, और दानिय्येल के बचाने के उपाय सोचने लगा; और सूर्य के अस्त होने तक उसके बचाने का यत्न करता रहा।
Daniel 6:15 तब वे पुरूष राजा के पास उतावली से आकर कहने लगे, हे राजा, यह जान रख, कि मादियों और फारसियों में यह व्यवस्था है कि जो जो मनाही वा आज्ञा राजा ठहराए, वह नहीं बदल सकती।
Daniel 6:16 तब राजा ने आज्ञा दी, और दानिय्येल लाकर सिंहों की मान्द में डाल दिया गया। उस समय राजा ने दानिय्येल से कहा, तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, वही तुझे बचाए!
एक साल में बाइबल:
- गिनती 17-19
- मरकुस 6:30-56