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शनिवार, 13 अक्टूबर 2012

पोशाक


   एक मसीही मठ के निवासी माइकल सेंट जैक्स ने Hemispheres पत्रिका को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि उनकी विशिष्ट पोशाक देखकर लोग उनकी ओर आकर्षित होते हैं। मठ की ओर से यह बाध्य नहीं है कि वे इस पोशाक को पहनें; पहनना या ना पहनना उनका अपना निर्णय है, किंतु वे और मठ के अनेक अनुयायी इसे पहनते हैं क्योंकि इससे लोग उनके साथ बातें करने के लिए आते हैं, मन खोलकर अपने अन्दर की बातें बताते हैं, ऐसी बातें जो वे किसी अन्य के साथ कभी नहीं बांटते। बिलकुल अनजान लोग अपने बीते जीवन की गलतियां स्वीकार कर के पूछते हैं कि क्या परमेश्वर उन्हें क्षमा करेगा? माइकल और उसके साथ के अन्य मठ अनुयायियों की पोशाक ने उन्हें लोगों के लिए सुगम्य बना दिया है। आज के समय में जब किसी जानकार या संबंधी के पास जाकर मन की बात करना भी लोगों को कठिन लगता है, और हम संसार में एक दूसरे से अपने आप को अलग रखने का एक ’कवच’ सा पहने चलते रहते हैं, एक पोशाक से मिली यह सुगमता एक अद्भुत बात है।

   प्रभु यीशु के विषय में हम परमेश्वर के वचन बाइबल में पाते हैं कि वह जहां कहीं भी जाते थे, हर तरह के लोग उनके पास बड़ी सहजता से आते थे। लोग प्रभु के पास आते थे कि उनसे सीखें, सहायता प्राप्त करें, बीमारियों से चंगाई पाएं, आत्मियता पाएं और क्षमा प्राप्त करें। जब समाज के कुछ अगुवों ने प्रभु यीशु की इस बात के लिए आलोचना करी कि वे महसूल लेने वालों और पापियों के साथ संगति रखता है तो "यीशु ने यह सुनकर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्‍तु बीमारों को है: मैं धमिर्यों को नहीं, परन्‍तु पापियों को बुलाने आया हूं" (मरकुस २:१७)।

   हम जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं, हमसे परमेश्वर का वचन कहता है कि "प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाषाओं को पूरा करने का उपाय ना करो" (रोमियों १३:१४)। आज हमारे आस-पास के लोग हमें किस रूप में जानते हैं - अलग रहने वाले या मिलनसार और सुगम्य? यदि आज हमारे कार्यों और व्यवहार ने हमें ऐसा व्यस्त कर दिया है कि हमारे पास लोगों के लिए समय नहीं है, हम उनके साथ बैठकर बात नहीं कर सकते, उन्हें शांति और सांत्वना नहीं दे सकते तो हमें अपने बारे में गंभीरता से सोचने और जांचने की आवश्यक्ता कि क्या वास्तव में हमने मसीह यीशु को पहन लिया है? क्या वह वाकई हमारी पोशाक है?

   यदि जगत का उद्धारकर्ता प्रभु यीशु वास्तव में हमारी पोशाक होगा तो लोग हमारी ओर आकर्षित होंगे, सहजता के साथ हमसे बातें करने पाएंगे, अपने मन के बोझ हमारे साथ बांट कर हलके करने पाएंगे और अपने प्रभु के समान हम भी उन्हें वह शांति देने पाएंगे जिसकी उन्हें आवश्यक्ता है। - डेविड माइक्कैसलैंड


दूसरों की सहायता के लिए उपलब्ध रहना मसीह यीशु को आदर देता है।

यीशु ने यह सुनकर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्‍तु बीमारों को है: मैं धमिर्यों को नहीं, परन्‍तु पापियों को बुलाने आया हूं। - मरकुस २:१७

बाइबल पाठ: मरकुस २:१३-१७
Mar 2:13  वह फिर निकल कर झील के किनारे गया, और सारी भीड़ उसके पास आई, और वह उन्‍हें उपदेश देने लगा। 
Mar 2:14   जाते हुए उस ने हलफई के पुत्र लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Mar 2:15  और वह उठकर, उसके पीछे हो लिया: और वह उसके घर में भोजन करने बैठे; क्‍योंकि वे बहुत से थे, और उसके पीछे हो लिये थे। 
Mar 2:16  और शास्‍त्रियों और फरीसियों ने यह देखकर, कि वह तो पापियों और चुंगी लेने वालों के साथ भोजन कर रहा है, उसक चेलों से कहा; वह तो चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ खाता-पीता है! 
Mar 2:17  यीशु ने यह सुनकर, उन से कहा, भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्‍तु बीमारों को है: मैं धमिर्यों को नहीं, परन्‍तु पापियों को बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४१-४२ 
  • १ थिस्सलुनीकियों १