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सोमवार, 9 सितंबर 2013

क्या जानें कब?

   जब मैं बाइबल कॉलेज में थी तो गर्मियों के अवकाश में युवक युवतियों के ग्रीष्मकालीन शिक्षा शिविर का संचालन किया करती थी। उन शिविर के दिनों में, मैं प्रतिदिन का आरंभ एक कहानी से किया करती थी, जिसमें मैं प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को जताने का प्रयास करती थी। वहाँ मेरा एक सहायक भी था - हेनरी, जो मसीही विश्वास का कट्टर विरोधी था। सिवाए उसके लिए प्रार्थना करने और उससे प्रेम का व्यवहार करने के, मैं उसके अविश्वास के लिए और कुछ नहीं कर पाती थी। कुछ समय पश्चात, अपने अविश्वास में दृढ़, हेनरी नौकरी छोड़कर चला गया।

   एक बार, यह समझाने के लिए कि मसीही विश्वासी होना, मसीह यीशु में नया जन्म पाकर एक नयी सृष्टि होना है, मैंने उत्तरी अमेरिका के जंगलों में पाए जाने वाले, मूज़ नाम वाले हिरन प्रजाति के एक बड़े प्रकार तथा घोड़ों की कहानी सुनाई, जो कुछ इस प्रकार थी - एक मूज़ ने जंगली घोड़ों के झुँड को विचरण करते देखा और वे उसे बहुत शानदार लगे। मूज़ के मन में भी घोड़ा बनने की लालसा उठी, और वह भी उन घोड़ों के हाव-भाव की नकल करने लगा, लेकिन इससे वह घोड़ा कभी नहीं बन सका क्योंकि वह तो जन्म से मूज़ ही था। मूज़ के घोड़ा बनने की एक ही संभावना थी - घोड़ा पैदा होना। इस कहानी के आधार पर मैंने समझाया कि मसीह यीशु की कुछ बातों की नकल करने से नहीं वरन उसमें नया जन्म प्राप्त करने, अर्थात, उससे पापों की क्षमा मांगकर, अपना जीवन उसे समर्पित करके, उसके जीवन को अपना लेने से ही हम मसीह यीशु की समानता में आ सकते हैं। यही हमारे लिए पाप स्वभाव के बन्धन से निकल कर परमेश्वर के स्वभाव में नया जन्म लेना है।

   हेनरी ने भी वह कहानी सुनी थी, यह लगभग 50 वर्ष पहले की बात है। कुछ समय पहले मुझे हेनरी द्वारा लिखा हुआ एक पत्र मिला। पत्र का पहला ही वाक्य था, "मैंने यह बताने के लिए आपको पत्र लिखा है कि अब मैंने भी नया जन्म पा लिया है, मैं भी एक मसीही विश्वासी हो गया हूँ; अब एक मूज़ घोड़ा बन गया है।" हेनरी के पत्र ने मेरे इस विश्वास की पुष्टि करी कि हमारा कार्य है प्रार्थना करते रहना और परमेश्वर के वचन रूपी बीज को लोगों के जीवनों और हृदयों में बोते रहना है (मरकुस 4:26)। क्या जानें कब यह बीज अंकुरित होकर मसीही विश्वास के पौधे को जीवन में स्थापित कर दे और जीवन परिवर्तित हो जाए। - ऐनी सेटास


बीज बोना हमारा कार्य है, उस बीज से फसल उत्पन्न करना परमेश्वर का।

क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। - 1 पतरस 1:23 

बाइबल पाठ: मत्ती 13:3-8; 18-23
Matthew 13:3 और उसने उन से दृष्‍टान्‍तों में बहुत सी बातें कही, कि देखो, एक बोने वाला बीज बोने निकला।
Matthew 13:4 बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे और पक्षियों ने आकर उन्हें चुग लिया।
Matthew 13:5 कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरे, जहां उन्हें बहुत मिट्टी न मिली और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण वे जल्द उग आए।
Matthew 13:6 पर सूरज निकलने पर वे जल गए, और जड़ न पकड़ने से सूख गए।
Matthew 13:7 कुछ झाड़ियों में गिरे, और झाड़ियों ने बढ़कर उन्हें दबा डाला।
Matthew 13:8 पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।
Matthew 13:9 जिस के कान हों वह सुन ले।
Matthew 13:18 सो तुम बोने वाले का दृष्‍टान्‍त सुनो।
Matthew 13:19 जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्‍ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था।
Matthew 13:20 और जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है।
Matthew 13:21 पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्‍लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।
Matthew 13:22 जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्‍ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।
Matthew 13:23 जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 6-7 
  • 2 कुरिन्थियों 2