अमेरिका का Yellowstone National Park बहुत सुन्दर पर्यटक स्थल है जो अद्भुत और मनमोहक प्राकृतिक विशेषताओं से भरा है। उसमें विचरण करते और उसकी प्राकृतिक विविधताओं का आनन्द लेते समय पर्यटक भूल जाते हैं कि वे संसार के सबसे बड़े और सक्रीय ज्वालामुखीयों में से एक पर चल फिर रहे हैं, और विनाशकारी खतरे के कितना समीप हैं।
जब मैं बाइबल में अय्युब की पुस्तक पढ़ता हूँ, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं Yellowstone में चल फिर रही हूँ - ऐसे दिन में जिसमें ज्वालामुखी फट कर पृथ्वी की सतह की कमज़ोर पपड़ी को फाड़ डालता है और विनाश मुँह बाए खड़ा होता है।
जैसे पर्यटक Yellowstone का आनन्द लेते हैं, अय्युब भी जीवन का आनन्द ले रहा था, इस बात से अनभिज्ञ कि विनाश और उसके बीच केवल एक बाड़ है (अय्युब १:९, १०)। जब परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी कि वह बाड़ तोड़ कर अय्युब की परीक्षा कर सके, तब अय्युब के जीवन में तबाही आ गयी (अय्युब १:१३, १९)।
बहुत से विश्वासी ऐसी परिस्थितियों में जीवन बिताते हैं जहाँ लगता है कि किसी कारणवश परमेश्वर ने अपनी सुरक्षा का बाड़ा उन पर से हटा लिया है। फिर कुछ ऐसे भी हैं जो अपने क्षण्भंगुर जीवन के खतरों से कतई अनभिज्ञ होकर बिल्कुल निशचिंत जीवन बिताते हैं। अय्युब के मित्रों के समान, शायद वे भी सोचते हैं कि उनके साथ कुछ बुरा नहीं होगा जब तक वे कुछ ऐसा न करें जिसका प्रतिफल बुरा हो। लेकिन जैसे हम अय्युब के जीवन से सीखते हैं, कभी कभी परमेश्वर भले लोगों को भी परीक्षाओं से होकर निकलने देता है, जिससे उनके चरित्र में और निखार आये और उनके जीवन की व्यर्थ बातें छांटी जा सकें ताकि वे परमेश्वर के लिये और अधिक फलवन्त हो सकें। यह प्रक्रिया दुखद तो होती है, किंतु इसका दीर्घकालीन परिणाम परमेश्वर की उत्तम आशीशों से परिपूर्ण जीवन होता है।
यद्यपि विनाश किसी भी क्षण आ सकता है, किंतु जो मसीह यीशु पर विश्वास रखते हैं, उन्हें कुछ भी नाश नहीं कर सकता (२ कुरिन्थियों ४:९); परमेश्वर के प्रेम से उन्हें कोई संकट या विनाश पृथक नहीं कर सकता (रोमियों ८:३५-३९)। उसकी यह सुरक्षा उसपर विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिये सदैव उपलब्ध है।
क्या आपने अविनाशी परमेश्वर, प्रभु यीशु, को अपनी सुरक्षा का बाड़ा बना लिया है? - जूली ऐकैरमैन लिंक
...हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। - २ कुरिन्थियों १:९
बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों १:८-१० ; रोमियों ८:३५-३९
हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
बरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाई गिने गए हैं।
परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
एक साल में बाइबल:
जब मैं बाइबल में अय्युब की पुस्तक पढ़ता हूँ, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं Yellowstone में चल फिर रही हूँ - ऐसे दिन में जिसमें ज्वालामुखी फट कर पृथ्वी की सतह की कमज़ोर पपड़ी को फाड़ डालता है और विनाश मुँह बाए खड़ा होता है।
जैसे पर्यटक Yellowstone का आनन्द लेते हैं, अय्युब भी जीवन का आनन्द ले रहा था, इस बात से अनभिज्ञ कि विनाश और उसके बीच केवल एक बाड़ है (अय्युब १:९, १०)। जब परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी कि वह बाड़ तोड़ कर अय्युब की परीक्षा कर सके, तब अय्युब के जीवन में तबाही आ गयी (अय्युब १:१३, १९)।
बहुत से विश्वासी ऐसी परिस्थितियों में जीवन बिताते हैं जहाँ लगता है कि किसी कारणवश परमेश्वर ने अपनी सुरक्षा का बाड़ा उन पर से हटा लिया है। फिर कुछ ऐसे भी हैं जो अपने क्षण्भंगुर जीवन के खतरों से कतई अनभिज्ञ होकर बिल्कुल निशचिंत जीवन बिताते हैं। अय्युब के मित्रों के समान, शायद वे भी सोचते हैं कि उनके साथ कुछ बुरा नहीं होगा जब तक वे कुछ ऐसा न करें जिसका प्रतिफल बुरा हो। लेकिन जैसे हम अय्युब के जीवन से सीखते हैं, कभी कभी परमेश्वर भले लोगों को भी परीक्षाओं से होकर निकलने देता है, जिससे उनके चरित्र में और निखार आये और उनके जीवन की व्यर्थ बातें छांटी जा सकें ताकि वे परमेश्वर के लिये और अधिक फलवन्त हो सकें। यह प्रक्रिया दुखद तो होती है, किंतु इसका दीर्घकालीन परिणाम परमेश्वर की उत्तम आशीशों से परिपूर्ण जीवन होता है।
यद्यपि विनाश किसी भी क्षण आ सकता है, किंतु जो मसीह यीशु पर विश्वास रखते हैं, उन्हें कुछ भी नाश नहीं कर सकता (२ कुरिन्थियों ४:९); परमेश्वर के प्रेम से उन्हें कोई संकट या विनाश पृथक नहीं कर सकता (रोमियों ८:३५-३९)। उसकी यह सुरक्षा उसपर विश्वास रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिये सदैव उपलब्ध है।
क्या आपने अविनाशी परमेश्वर, प्रभु यीशु, को अपनी सुरक्षा का बाड़ा बना लिया है? - जूली ऐकैरमैन लिंक
सब कुछ नष्ट हो जाने के बाद भी परमेश्वर का प्रेम स्थिर बना रहता है।
...हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। - २ कुरिन्थियों १:९
बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों १:८-१० ; रोमियों ८:३५-३९
हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।
बरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों की नाई गिने गए हैं।
परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह ५१, ५२
- इब्रानियों ९