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मंगलवार, 8 मार्च 2016

बदल देने की सामर्थ


   बहुत से लोगों को ऐसे खेल खेलना पसन्द है जो उनके ज्ञान को जाँचते हैं। हाल ही में मैं और मेरा एक सहकर्मी बाइबल के बारे में अपने ज्ञान को ऐसे ही एक खेल द्वारा जाँच रहे थे। क्योंकि हम अपने कार्यस्थल के एक खुले क्षेत्र में थे इसलिए आस-पास के हमारे अन्य सहकर्मी हमारे वार्तालाप को सुन पा रहे थे। खेल आरंभ करने के बाद शीघ्र ही नूह के जहाज़ से लेकर कुँए पर सामरी स्त्री से वार्तालाप तक के प्रश्नों का आदान-प्रदान होने लगा और हमारे सहकर्मी जो हमारे वार्तालाप को सुन पा रहे थे वे भी इसमें सम्मिलित होने लगे। विभिन्न सहकर्मियों द्वारा परमेश्वर के वचन बाइबल से संबंधित उत्तर देते देखना बड़ा मन-भावन था।

   बाइबल के बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण एवं भला है, परन्तु परमेश्वर चाहता है कि हम उसके वचन से ओत-प्रोत होकर उसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें, जिससे उसके साथ हमारे संबंधों में हम और बढ़ सकें, और दृढ़ हो सकें। बाइबल को इस तरह से जानने और जीवन में उतार लेने से होने वाले लाभों को देखिए:
  •  परमेश्वर का पवित्र आत्मा बाइबल की बातों के द्वारा हमें मसीह यीशु की अनुरूपता में बढ़ाता है (इफिसियों 4:20-24)
  •  हमें आनन्द और मिलता है (यर्मियाह 15:16)
  •  हम आत्मिक सफलता पाते हैं (यहोशु 1:8)
  •  शैतान के विरुद्ध आत्मिक युद्ध में यह वचन हमें जयवंत करता है (मत्ती 4:1-11)
  •  हमारे सुधार हेतु कार्यकारी है (2 तिमुथियुस 3:15-16)
  •  हमारे मार्ग के लिए उजियाला है (भजन 119:105)
  •  समस्याओं के समाधान के लिए बुद्धि देता है (नीतिवचन 1:1-2)
  •  हमारे विश्वास को बढ़ाता और दृढ़ करता है (रोमियों 10:17)


   यदि बाइबल की जानकारी केवल अपने ज्ञानवर्धन के लिए करते हैं तो इस ज्ञान से आत्मिक घमंड आ सकता है (1 कुरिन्थियों 8:1)। परन्तु जब हम पवित्र आत्मा को हमें परमेश्वर के वचन के द्वारा बदल देने की अनुमति देते हैं तो वह हमारे जीवनों को परमेश्वर की इच्छा के अनुसार परिवर्तित और संचालित करता है, और जीवन के हर उतार-चढ़ाव तथा टेढ़े-मेढ़े मार्गों में हम सही मार्ग पर बनाए रखता है, जिससे हम अपने आस-पास के लोगों को परमेश्वर का जीवन तथा प्रेम को दिखाने पाते हैं। - डेनिस फिशर


ज्ञान तो अनेक पुस्तकें बढ़ा सकती हैं, किंतु केवल बाइबल ही जीवन बदल सकती है।

तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; - व्यवस्थाविवरण 6:5-6

बाइबल पाठ: भजन 119:96-106
Psalms 119:96 जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
Psalms 119:105 तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। 
Psalms 119:106 मैं ने शपथ खाई, और ठाना भी है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 5-7
  • मरकुस 11:1-18