ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 25 मई 2013

वास्तविक पुरस्कार


   मेरे बच्चों के जीवन पर मेरी पत्नि के गहरे प्रभाव से मैं बहुत प्रभावित हूँ। मातृत्व के समान शायद ही कोई अन्य जिम्मेदारी होगी जो बिना किसी शर्त या प्रतिफल की आशा रखे, सभी कष्ट सहते हुए भी इतनी लगन, धीरज और सहिष्णुता के साथ निर्वाह की माँग करती हो। मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से जानता हूँ कि मेरा चरित्र और मेरा मसीही विश्वास मेरी माँ के द्वारा ही स्थापित और स्वरूपित किया गया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यदि अच्छी माताएं और पत्नियाँ ना होतीं तो संसार में अच्छे इन्सान भी ना होते।

   इस बात से मुझे खेल इतिहास की एक मार्मिक घटना स्मरण आती है। सन 2010 की मास्टर्स गोल्फ टूर्नमेंट में फिल मिकल्सन गोल्फ के सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार को तीसरी बार जीतने के लिए खेल रहे थे, और उन्होंने वह स्पर्धा जीत भी ली। लेकिन उस जीत की जो याद मेरे मन में बस गई वह जीतने वाला शॉट लगाने के बाद आनन्द के साथ लगाई गई उनकी छलांग नहीं वरन तुरंत ही देखने वालों की भीड़ में उपस्थित उनका अपनी पत्नि के पास जाना और उसे देर तक अपने आलिंगन में लिए रखना था - उनकी पत्नि उस समय जानलेवा कैंसर से जूझ रही थीं। टेलिविज़न कैमरा द्वारा यह पल कैद कर लिया गया और कैमरे के माध्यम से हम फिल के गाल पर बहकर आए आँसू को भी देख सके।

   मसीही विश्वास में मसीह यीशु की कलीसिया अर्थात मण्डली को उसकी दुल्हन कह कर भी संबोधित किया गया है और पति-पत्नि के आपसी प्रेम और समर्पण के द्वारा मसीह यीशु के अपनी मण्डली के प्रति प्रेम को भी दर्शाया गया है। इसी संदर्भ में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस की लिखी एक पत्री में कहा गया है: "हे पतियों, अपनी अपनी पत्‍नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम कर के अपने आप को उसके लिये दे दिया" (इफिसीयों 5:25)। हम पति-पत्नियों को आपस में ऐसे ही प्रेम को दिखाना है जैसा हमारे उद्धारकर्ता और प्रेमी प्रभु यीशु ने हमारे प्रति दिखाया है।

   पुरस्कार तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन वास्तविक पुरस्कार है वह प्रेम है जो हम एक दुसरे के प्रति ना केवल रखते हैं वरन प्रदर्शित करते हैं जैसे हमारे प्रभु यीशु ने हमारे प्रति रखा और प्रदर्शित किया। - जो स्टोवैल


जीवन जीते गए पुरस्कारों से नहीं जीते गए दिलों से बनता है।

हे पतियों, अपनी अपनी पत्‍नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम कर के अपने आप को उसके लिये दे दिया। - इफिसीयों 5:25

बाइबल पाठ: इफिसीयों 5:22-33
Ephesians 5:22 हे पत्‍नियों, अपने अपने पति के ऐसे आधीन रहो, जैसे प्रभु के।
Ephesians 5:23 क्योंकि पति पत्‍नी का सिर है जैसे कि मसीह कलीसिया का सिर है; और आप ही देह का उद्धारकर्ता है।
Ephesians 5:24 पर जैसे कलीसिया मसीह के आधीन है, वैसे ही पत्‍नियां भी हर बात में अपने अपने पति के आधीन रहें।
Ephesians 5:25 हे पतियों, अपनी अपनी पत्‍नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम कर के अपने आप को उसके लिये दे दिया।
Ephesians 5:26 कि उसको वचन के द्वारा जल के स्‍नान से शुद्ध कर के पवित्र बनाए।
Ephesians 5:27 और उसे एक ऐसी तेजस्‍वी कलीसिया बना कर अपने पास खड़ी करे, जिस में न कलंक, न झुर्री, न कोई ऐसी वस्तु हो, वरन पवित्र और निर्दोष हो।
Ephesians 5:28 इसी प्रकार उचित है, कि पति अपनी अपनी पत्नी से अपनी देह के समान प्रेम रखें। जो अपनी पत्‍नी से प्रेम रखता है, वह अपने आप से प्रेम रखता है।
Ephesians 5:29 क्योंकि किसी ने कभी अपने शरीर से बैर नहीं रखा वरन उसका पालन-पोषण करता है, जैसा मसीह भी कलीसिया के साथ करता है
Ephesians 5:30 इसलिये कि हम उस की देह के अंग हैं।
Ephesians 5:31 इस कारण मनुष्य माता पिता को छोड़कर अपनी पत्‍नी से मिला रहेगा, और वे दोनों एक तन होंगे।
Ephesians 5:32 यह भेद तो बड़ा है; पर मैं मसीह और कलीसिया के विषय में कहता हूं।
Ephesians 5:33 पर तुम में से हर एक अपनी पत्‍नी से अपने समान प्रेम रखे, और पत्‍नी भी अपने पति का भय माने।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27 
  • यूहन्ना 9:1-23