मेरे बेटे ने पिछली सीट से
पूछा, “पापा, समय क्या हुआ है”, और मैंने उत्तर दिया “5:30 बजे हैं” मैं जानता था कि
अब वह आगे क्या कहेगा, और उसने वही कहा, “नहीं, अभी 5:28 बजा है।” उसके चेहरे की बड़ी से मुस्कराहट कह रही थी, “देखा! मैंने आपकी गलती पकड़ ली।” मैं भी आनन्दित था – उस आनन्द से जो
अपने बच्चों के बारे में जानकारी रखने से माता-पिता को होता है।
किसी भी अन्य ध्यान रखने वाले
माता-पिता के समान,
मैं अपने बच्चों को जानता हूँ। मुझे जानकारी है कि उन्हें सोते से उठाने पर वो
क्या कहेंगे। मुझे जानकारी है कि उन्हें उनके भोजन में क्या चाहिए। मुझे उनकी बहुत
सी अन्य बातों की जानकारी है – उनकी रुचि, अभिलाषाएँ, पसंद आदि, सब की। लेकिन यह सब होते हुए भी, मैं
उन्हें कभी वैसे अन्दर-बाहर से नहीं जानने पाऊँगा, जैसे
हमारा प्रभु परमेश्वर हमें जानता है।
हम परमेश्वर के वचन बाइबल
में, यूहन्ना 1 में उसकी उस घनिष्ठ जानकारी की एक झलक देखते हैं, जो प्रभु हमारे बारे में रखता है। जब
नतनएल, फिलिप्पुस के कहने पर , प्रभु यीशु से मिलने के लिए आगे बढ़ा, तो प्रभु यीशु ने उसके लिए कहा, “...देखो, यह सचमुच इस्राएली है:
इस में कपट नहीं” (पद 47)। यह
सुनकर नतनएल अचंभित रह गया, और
उसने पूछा, “तू मुझे कहां से जानता है? ” प्रभु यीशु ने
रहस्यमय भाव से उत्तर दिया कि उसने नतनएल को अंजीर के पेड़ के नीचे देख लिया था (पद
48)।
हमें यह तो नहीं पता है कि
प्रभु यीशु ने इस ख़ास बात को नतनएल को क्यों बताया, लेकिन शायद नतनएल उसके यह कहने से कुछ समझ गया! वह अभिभूत
होकर प्रत्युत्तर दिया, “... हे रब्बी, तू परमेश्वर का पुत्र
है; तू इस्राएल का महाराजा है” (पद 49)।
प्रभु यीशु हम में से
प्रत्येक को बहुत घनिष्ठता से,
पूर्णतः, और सिद्ध रीति से जानता है; हमारी हर बात उसे पता
है। और हम जैसे भी हैं, वह हमें वैसा ही स्वीकार करता है। यद्यपि
उसके पास हमारे अन्दर-बाहर की पूरी जानकारी है, फिर भी उसका हमें खुला निमंत्रण है
कि हम न केवल उसके अनुयायी बनें, वरन उसके प्रिय मित्र भी
(यूहन्ना 15:15)। - एडम होल्ज़
हे प्रभु मुझे अच्छे से जानते हुए भी, मुझे अपना मित्र बना लेने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या
करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता
से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। - यूहन्ना 15:15
बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:43-51
यूहन्ना 1:43 दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा; और फिलिप्पुस से मिलकर
कहा, मेरे पीछे हो ले।
यूहन्ना 1:44 फिलिप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था।
यूहन्ना 1:45 फिलिप्पुस ने नतनएल से मिलकर उस से कहा, कि जिस का वर्णन मूसा
ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।
यूहन्ना 1:46 नतनएल ने उस से कहा, क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से
निकल सकती है? फिलिप्पुस ने उस से कहा, चलकर देख ले।
यूहन्ना 1:47 यीशु ने नतनएल को अपनी ओर आते देखकर उसके विषय में कहा, देखो, यह सचमुच इस्राएली है:
इस में कपट नहीं।
यूहन्ना 1:48 नतनएल ने उस से कहा, तू मुझे कहां से जानता है? यीशु ने उसको उत्तर
दिया; उस से पहिले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा
था।
यूहन्ना 1:49 नतनएल ने उसको उत्तर दिया, कि हे रब्बी, तू परमेश्वर का पुत्र
है; तू इस्राएल का महाराजा है।
यूहन्ना 1:50 यीशु ने उसको उत्तर दिया; मैं ने जो तुझ से कहा, कि मैं ने तुझे अंजीर
के पेड़ के तले देखा, क्या तू इसी लिये विश्वास करता है? तू इस से बड़े बड़े
काम देखेगा।
यूहन्ना 1:51 फिर उस से कहा, मैं तुम से सच सच कहता
हूँ कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के
पुत्र के ऊपर उतरते देखोगे।
एक साल में बाइबल:
- नहेम्याह 4-6
- प्रेरितों 2:22-47