क्रिसमस वर्ष का वह समय होता है जब सिद्ध होने के लिए दबाव सबसे अधिक होता है। हम सबसे सिद्ध समारोह की कल्पना करते हैं और फिर उसे वैसा मनाने के प्रयासों में जुट जाते हैं। हम देने के लिए सबसे सिद्ध उपहारों की कल्पना करके उन्हें खरीदते हैं। हम क्रिसमस के दिन के लिए सबसे सिद्ध भोजन की कल्पना कर के उसे बनाने का प्रयास करते हैं। हम प्रिय जनों और रिश्तेदारों को भेजने के लिए सबसे सिद्ध अभिनन्दन कार्ड्स लेते हैं और पत्र लिखते हैं। परन्तु हमारे ये सारे प्रयास निराशा लाते हैं जब हमारी सिद्ध कल्पना उसे कार्यान्वित करने की हमारी क्षमता से मेल नहीं खाने पाती है। बड़े ध्यान से खरीदे गए हमारे उपहार के लिए हमें अनमना सा धन्यवाद ही सुनने को मिलता है। बड़ी मेहनत और लगन से बनाए गए भोजन का कोई भाग ठीक से पका हुआ नहीं निकलता है। हमारे भेजे गए क्रिसमस कार्ड्स और पत्रों में कोई त्रुटी या अधूरापन रह जाता है। बच्चे उन्हें दिए गए उपहारों को लेकर झगड़ते हैं; और व्यसक भी परस्पर मतभेद की पुरानी दलीलें फिर से उठा लेते हैं।
ऐसे में, इन बातों को लेकर निराश होने की बजाए, हमें क्रिसमस के महत्व को स्मरण करना चाहिए। हमें क्रिसमस की आवश्यकता है, क्योंकि हम में से कोई भी एक महीना, या एक स्पताह, या एक दिन के लिए भी वह सिद्ध मनुष्य नहीं बन सकता है जैसा हम बनना चाहते हैं। मसीह के जन्म का उत्सव हमारे लिए कितना अधिक अर्थपूर्ण हो जाएगा यदि हम सिद्ध होने की अपनी दोषपूर्ण धारणा और प्रयासों को छोड़ कर, अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह पर अपना ध्यान केंद्रित करें, और ध्यान करें कि हम केवल उसमें ही सिद्ध बन सकते हैं (रोमियों 3:22)।
यदि इस वर्ष आप का क्रिसमस मनाना सिद्ध नहीं है, तो भी परेशान न हों, और स्मरण करें कि सदा के लिए सिद्ध बनने का एकमात्र मार्ग (इब्रानियों 10:14) है मसीह की धार्मिकता में विश्वास के साथ जीना। - जूली ऐकैरमैन लिंक
केवल मसीह की धार्मिकता पहनने से ही
हम उसके सिंहासन के समक्ष खड़े हो पाएंगे।
क्योंकि उसने एक ही चढ़ावे के द्वारा उन्हें जो पवित्र किए जाते हैं, सर्वदा के लिये सिद्ध कर दिया है। - इब्रानियों 10:14
बाइबल पाठ: रोमियों 3:20-26
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं।
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।
एक साल में बाइबल:
- होशै 12-14
- प्रकाशितवाक्य 4