पिता की आवश्यक्ता केवल आर्थिक सहारे ही के लिए नहीं होती, परिवार में उनकी और भी अधिक व्यापक भूमिका होती है। पिता की इसी भूमिका को नमूना बनाकर, परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने थिस्सलुनिकीया के विश्वासियों को चर्च के अगुवों के बारे में समझाया। उसने उन्हें लिखी अपनी पत्री में लिखा: "तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे। जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे। कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है" (१ थिस्सुलिनीकीयों २:१०-१२)।
यहां पर जिस शब्द का अनुवाद "उपदेश करते" हुआ है, मूल भाषा में उसका तात्पर्य "निकट बुलाने" से है। पिता का कर्तव्य केवल घर में वेतन लाकर खर्चे पूरे करना ही नहीं है; उसे बच्चों को अपने समीप बुलाकर रखना और उन्हें प्रोत्साहित करते रहना भी है।
जो दूसरी बात पिता की ज़िम्मेदारियों के लिए कही गई है, वह है "शान्ति देना" अर्थात बच्चों के साथ समय बिताना, उनकी सुनना, उनकी सहायता करना और उनकी परेशानियों के समाधान ढूंढना। यदि बच्चों के साथ संपर्क और बातचीत चलती नहीं रहेगी, तो संबंध ठंडे पड़ जाएंगे।
पिता के कर्तव्यों के बारे में जो तीसरी बात कही गई है वह है "समझाते थे"; पिता को अपनी सन्तान के सामने परमेश्वर के वचन की सच्चाई और खराई को रखना है - ना केवल शिक्षाओं के द्वारा, वरन उससे भी बढ़कर अपने जीवन की गवाही के द्वारा। यदि कहीं पिता किसी गलती में भी पड़ें, तो उस गलती का अंगीकार कर के उसके लिए क्षमा मांग लेना भी इसी सच्ची और खरी गवाही का एक भाग है। पिता के जीवन के ऐसी गवाही बच्चों के मन-मस्तिष्क से कोई कभी नहीं हटा सकता, और यह गवाही सदा उन्हें परमेश्वर के सच्चे मार्गों पर बने रहने की प्रेर्णा देती रहेगी।
जो पिता अपने बच्चों को परमेश्वर के खरे मार्गों पर चलाने के लिए अपने जीवनों की गवाही और प्रयासों द्वारा प्रयत्नशील रहते हैं, वे कितने अधिक धन्यवाद और आदर के पात्र हैं। - एलबर्ट ली
अच्छे सांसारिक पिता स्वर्गीय परमेश्वर पिता को प्रतिबिंबित करते हैं।
जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे। - १ थिस्सुलिनीकीयों २:११
बाइबल पाठ: १ थिस्सुलिनीकीयों २:१-१२
1Th 2:1 हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ।
1Th 2:2 वरन तुम आप ही जानते हो, कि पहिले पहिल फिलिप्पी में दुख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा हियाव दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएं।
1Th 2:3 क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है।
1Th 2:4 पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहरा कर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं।
1Th 2:5 क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी लल्लोपत्तो की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है।
1Th 2:6 और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से।
1Th 2:7 परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हम ने भी तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई है।
1Th 2:8 और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर को सुसमाचार, पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।
1Th 2:9 क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो, कि हम ने इसलिये रात दिन काम धन्धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों।
1Th 2:10 तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे।
1Th 2:11 जैसे तुम जानते हो, कि जैसा पिता अपने बालकों के साथ बर्ताव करता है, वैसे ही हम तुम में से हर एक को भी उपदेश करते, और शान्ति देते, और समझाते थे।
1Th 2:12 कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है।
एक साल में बाइबल:
- नेहेमियाह १२-१३
- प्रेरितों ४:२३-३७