कुछ वर्ष पहले, मैं अपने एक मित्र के साथ माउन्ट व्हिटनी परवत शिखर पर चढ़ने निकला, जिसकी ऊँचाई 14,505 फीट है और वह अमेरिका का सबसे ऊँचे पर्वत शिखर है। हम चढ़ाई आरंभ करने के स्थान पर संध्या को पहुँचे, रात के लेटने और सोने का इंतज़ाम किया, और प्रातः पहली किरण के साथ चढ़ाई आरंभ करने के उद्देश्य से सोने का प्रयास करने लगे। व्हिटनी की चढ़ाई तकनीकी रीति से कोई कठिन चढ़ाई नहीं है, परन्तु लगातार ऊपर की ओर जाता हुआ 11 मील का लंबा पैदल मार्ग है।
हमने चढ़ना आरंभ किया, यह कठिन तो था परन्तु मार्ग में हर्षित करने वाले अद्भुत सुन्दर दृश्य, नीले पानी की झीलें, घास के हरे मैदान भी थे। परन्तु मार्ग लंबा और बहुत थका देने वाला था, और हमारी टाँगों तथा फेफड़ों की कड़ी परीक्षा ले रहा था। दिन को बीतता, और मार्ग को हमारे सामने दूर तक बना हुआ देख कर मैंने वापस लौट जाने के बारे में सोचना आरंभ कर दिया। परन्तु बीच-बीच में हमें हमारा गन्तव्य, व्हिटनी पर्वत शिखर दिखाई देता रहता था, और मैं यह सोच कर कदम आगे बढ़ाता गया कि मेरा आगे बढ़ाया हुआ प्रत्येक कदम मुझे उस शिखर के एक कदम और निकट ले आया है; यदि मैं ऐसे ही चलता रहा तो अवश्य ही वहाँ पहुँच जाऊँगा। बस इसी विचार के साथ मैं आगे बढ़ता रहा और अन्ततः शिखर पर पहुँच गया।
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस हम मसीही विश्वासियों को आश्वस्त करता है, "...क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है" (रोमियों 13:11)। हर दिन हमें उस जीवन-शिखर के एक दिन और निकट ले आता है जब हमारा प्रभु हमें लेने आएगा और हम, जिन्होंने उस पर विश्वास किया है तथा उसे अपना जीवन समर्पित किया है, अपने तथा सारे संसार के उध्दारकर्ता प्रभु यीशु के साथ अनन्तकाल के आनन्द में होंगे। प्रतिदिन इस विचार के साथ हम शिखर की ओर बढ़ते चले जाएं। - डेविड रोपर
अभी तो हम प्रभु यीशु को बाइबल से देखते हैं;
परन्तु एक दिन उसे आमने-सामने देखेंगे।
इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें; जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न कर के, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा। - इब्रानियों 12:1-2
बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14
Romans 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।
Romans 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
Romans 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है।
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उध्दार निकट है।
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें।
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।
एक साल में बाइबल:
- 1 इतिहास 4-6
- यूहन्ना 6:1-21