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रविवार, 2 अगस्त 2020

परिवर्तन


            मुझे तेज़ तूफ़ान हमेशा पसंद रहे हैं। बचपन में जब कोई तूफ़ान बहुत तेज़ होता था, बिजली ज़ोर से कड़क रही होती थी, और तेज़ मूसलाधार बारिश हो रही होती थी, तो मैं और मेरे भाई-बहन घर से बाहर निकालकर तेज़ी से दौड़ते हुए घर का चक्कर लगाते थे, और ऐसा करते हुए फिसलते, गिरते रहते थे। वापस अन्दर जाने के समय तक हम अंदर तक बिलकुल अच्छे से भीग चुके होते थे। यह एक रोमांचकारी अनुभव होता था – चाहे कुछ ही मिनटों के लिए हो।


            परमेश्वर के वचन बाइबल में भी भजन 107 में ऐसा ही एक चित्रण सामने आता है। पवित्र शास्त्र परमेश्वर द्वारा हमारी पुनःस्थापना की तुलना, उसके द्वारा निर्जल मरुभूमि को ‘जल से भरे ताल’ (पद 35) में परिवर्तित कर देने से करता है। क्योंकि ऐसी वर्षा जो मरुभूमि को जल के ताल में बदल दे हल्की बारिश नहीं होगी – वरन तेज़ तूफ़ान होगा जो सूखी हुई भूमि की प्रत्येक दरार को पानी से भर देता है, एक नए जीवन को ले आता है।


            क्या हम भी कुछ ऐसे ही पुनःस्थापित होने की लालसा नहीं रखते हैं? जब हमारी कहानियाँ निरुद्देश्य इधर-उधर भटकने को दिखाती हैं, क्योंकि हम उस चंगाई के लिए ‘भूखे और प्यासे हैं, लालायित हैं जो लगता है कि कभी नहीं आएगी (पद 4-5), तब हमें थोड़ी से आशा से कुछ बढ़कर चाहिए होता है। और जब पाप की गहरी जड़ें हमें घोर अंधकार के बंधनों में जकड़ती हैं (पद 10-11), तो हमारे मनों को थोड़े से परिवर्तन से कुछ अधिक चाहिए होता है।


            यही वह परिवर्तन है जो हमारा परमेश्वर हमारे जीवनों में ला सकता है (पद 20)। अपने डर और शर्म को परमेश्वर के सामने लाने में, जो हमारे सभी बंधनों को तोड़ देने और हमारे अंधियारे जीवनों को अपने प्रेम की ज्योति से भर देने (पद 13, 14) और हम में वह वांछित परिवर्तन लाने के लिए योग्य और सक्षम है, हमें कोई संकोच या विलम्ब नहीं करना चाहिए। - मोनिका ब्रैंड्स

 

परमेश्वर की सामर्थ्य पूर्ण परिवर्तन लाती है।



सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17


बाइबल पाठ: भजन 107:1-16, 35-36

भजन 107:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!

भजन 107:2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने द्रोही के हाथ से दाम दे कर छुड़ा लिया है,

भजन 107:3 और उन्हें देश देश से पूरब-पश्चिम, उत्तर और दक्खिन से इकट्ठा किया है।

भजन 107:4 वे जंगल में मरुभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया;

भजन 107:5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए।

भजन 107:6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया;

भजन 107:7 और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे।

भजन 107:8 लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

भजन 107:9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।

भजन 107:10 जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे,

भजन 107:11 इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परम-प्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना।

भजन 107:12 तब उसने उन को कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उन को कोई सहायक न मिला।

भजन 107:13 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया;

भजन 107:14 उसने उन को अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उन के बन्धनों को तोड़ डाला।

भजन 107:15 लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

भजन 107:16 क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया।

भजन 107:35 वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है।

भजन 107:36 और वहां वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें;

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 60-62
  • रोमियों 5