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गुरुवार, 17 सितंबर 2015

सुन्दर


   मेरे निवास-स्थान की जगह के कारण मुझे परमेश्वर की अद्भुत कारिगरी के अनेक नमूने देखने को मिलते रहते हैं। हाल ही में जंगल में होकर निकलने वाले मार्ग पर गाड़ी चलाते समय मैं पतझड़ के समय, नीले आसमान की पृष्ठभूमि पर, पेड़ों के पत्तों के गहरे लाल एवं विविध पीले रंग की छटाओं को देखकर मंत्रमुग्ध सा रह गया; सब कुछ इतने कलात्मक रूप से सजा हुआ था कि उसकी सुन्दरता स्तब्ध कर देने वाली थी।

   मैं जानता हूँ कि थोड़े ही समय बाद जब तापमान और गिरेगा और शरद ऋतु का आगमन होगा तो बर्फ भी पड़नी आरंभ हो जाएगी। कितनी विचित्र बात है कि उन अनगिनित हिमकणों में से जो एक दूसरे के ऊपर, एक दूसरे के साथ जमा होने लगेंगे, कोई भी दो हिमकण एक समान नहीं होंगे। वे सब एक साथ मिलकर लहरदार चमकीली सफेद चादर से सब कुछ को ढाँप देंगे; उस चमकीली सफेदी की सुन्दरता अलग ही होगी। फिर बसन्त ऋतु के साथ एक अन्य आश्चर्यकर्म को देखने का मौका होगा; निर्जीव ठूँठ के समान दिखने वाले पेड़ों से जीवन की कोंपलें फूट निकलेंगी और धरती तथा पेड़ हरियाली और अनेक प्रकार के अनुपम सुन्दर फूलों के अनेकों रंगों से भर जाएंगे।

   हम अपने चारों ओर जहाँ भी देखें, हमें परमेश्वर की सृजन शक्ति के नमूने देखने को मिलते हैं, जैसे कि परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह नबी परमेश्वर के विषय में कहता है "...सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है" (यशायाह 6:3)। लेकिन इससे भी अधिक विसमित कर देने वाली बात यह है कि यह अद्भुत तथा सुन्दर दिखने वाली सृष्टि, परमेश्वर की कारिगरी का पाप से बिगड़ा हुआ नमूना है (रोमियों 8:18-22); ज़रा सोचिए कि यह सृष्टि यदि अपने बिगड़े हुए स्वरूप में इतनी सुन्दर है तो अपने मूल स्वरूप में और कितनी सुन्दर रही होगी? यह परमेश्वर का अनुग्रह ही है कि पाप से भरे और बिगड़े इस संसार में भी वह अपनी सृष्टि को इतनी सुन्दरता भरता रहता है, हर ऋतु में उसी स्थल को एक अलग ही विलक्षण सुन्दरता प्रदान करता रहता है।

   परमेश्वर का पाप से बिगड़ी सृष्टि को भी सुन्दर करना और रखना हमारे लिए इस बात को समझाने का संकेत है कि परमेश्वर पाप से बिगड़े हुए किसी भी मनुष्य को प्रभु यीशु में उपलब्ध पाप क्षमा, अनुग्रह और दया से ढाँप कर ऐसे ही सुन्दर स्वरूप दे सकता है और हर समय तथा परिस्थिति में उसे सुन्दर बनाए रख सकता है। क्या आपने अपने संवारे जाने के लिए अपने आप को परमेश्वर के हाथों में सौंपा है? - जो स्टोवैल


प्रकृति मे दिखने वाली परमेश्वर की कारिगरी से अपने जीवन के लिए शिक्षा लेना कभी ना भूलें।

हे यहोवा, देवताओं में तेरे तुल्य कौन है? तू तो पवित्रता के कारण महाप्रतापी, और अपनी स्तुति करने वालों के भय के योग्य, और आश्चर्य कर्म का कर्त्ता है। - निर्गमन 15:11

बाइबल पाठ: यशायाह 6:1-5; रोमियों 8:18-22
Isaiah 6:1 जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। 
Isaiah 6:2 उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। 
Isaiah 6:3 और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है। 
Isaiah 6:4 और पुकारने वाले के शब्द से डेवढिय़ों की नेवें डोल उठीं, और भवन धूंए से भर गया। 
Isaiah 6:5 तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!

Romans 8:18 क्योंकि मैं समझता हूं, कि इस समय के दु:ख और क्लेश उस महिमा के साम्हने, जो हम पर प्रगट होने वाली है, कुछ भी नहीं हैं। 
Romans 8:19 क्योंकि सृष्टि बड़ी आशाभरी दृष्टि से परमेश्वर के पुत्रों के प्रगट होने की बाट जोह रही है। 
Romans 8:20 क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई। 
Romans 8:21 कि सृष्टि भी आप ही विनाश के दासत्व से छुटकारा पाकर, परमेश्वर की सन्तानों की महिमा की स्वतंत्रता प्राप्त करेगी। 
Romans 8:22 क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी तड़पती है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10