फोर्ट कार्सन, कोलारैडो में अपने 2 वर्ष के सेनाध्यक्ष काल में मेजर जनर्ल मार्क ग्रैहम दुसरों के प्रति अपने व्यवहार और संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध और प्रीय हो गए। अमेरीकी सेना के उनके एक साथी ने कहा, "मैंने कभी ऐसा सेना अधिकारी नहीं देखा जो सैनिकों और उनके परिवारों के बारे में इतना चिंतित रहता हो।" अपने एक बेटे के आत्महत्या कर लेने और दूसरे बेटे के युद्धभूमि पर शहीद हो जाने के बाद जनर्ल मार्क और उनकी पत्नि कैरल ने अपना जीवन उन सैनिकों और उनके परिवारों की सहायता को समर्पित कर दिया जो किसी तनाव, विषाद या व्यक्तिगत हानि से होकर निकल रहे हों।
परमेश्वर के वचन बाइबल के प्रेरितों के कार्य पुस्तक में एक ऐसे ही चरित्र का उल्लेख है जो दूसरों की देखभाल और चिन्ता के लिए जाना जाता था। उसका नाम तो यूसुफ था किंतु उस आरंभिक मसीही मण्डली में वह बरनबास अर्थात ’प्रोत्साहन का पुत्र’ नाम से अधिक जाना जाता था। वह बरनाबास ही था जिसने मसीही विश्वास में नए आए पौलुस पर, जो उस समय शाउल कहलाता था, और उसके विश्वास की सार्थकता पर पहले पहल विश्वास किया, जब मण्डली के बाकी लोग उसे शंका की दृष्टि से देखते थे (प्रेरितों 9:26-27)। बाद में बरनबास ही पौलुस को विश्वासियों को सिखाने के लिए तरसुस से अन्ताकिया लेकर आया (प्रेरितों 11:25-26)। अपनी एक पूर्व प्रचार यात्रा पर असफल रहने और यात्रा छोड़कर लौट जाने वाले यूहन्ना मरकुस को एक और अवसर देने की वकालत करने वाला भी बरनबास ही था (प्रेरितों 15:36-38); आगे चलकर यही मर्कुस आरांभिक मसीही विश्वासी मण्डली में बहुत उपयोगी बना और उसके द्वारा रचित प्रभु यीशु की जीवनी आज बाइबल की एक पुस्तक है।
करुणा, सह-हृदयता, सहायता को तत्परता, मन के वे भाव हैं जो कार्यों द्वारा ही जाने जाते हैं। इसीलिए परमेश्वर ने अपने वचन में हम मसीही विश्वासियों के लिए निर्देश दिया है कि "इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो" (कुलुस्सियों 3:12)।
परमेश्वर के हम पर हुए अनुग्रह को दूसरों के प्रति व्यवहार में नित-प्रायः प्रदर्शित करना हमारे मसीही विश्वासी होने का प्रमाण है। - डेविड मैक्कैसलैंड
सच्ची करुणा कार्यों में बोलती है।
क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले। - प्रेरितों के कार्य 11:24
बाइबल पाठ: प्रेरितों के कार्य 11:19-26
Acts 11:19 सो जो लोग उस क्लेश के मारे जो स्तिफनुस के कारण पड़ा था, तित्तर बित्तर हो गए थे, वे फिरते फिरते फीनीके और कुप्रुस और अन्ताकिया में पहुंचे; परन्तु यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन न सुनाते थे।
Acts 11:20 परन्तु उन में से कितने कुप्रुसी और कुरेनी थे, जो अन्ताकिया में आकर युनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमचार की बातें सुनाने लगे।
Acts 11:21 और प्रभु का हाथ उन पर था, और बहुत लोग विश्वास कर के प्रभु की ओर फिरे।
Acts 11:22 तब उन की चर्चा यरूशलेम की कलीसिया के सुनने में आई, और उन्होंने बरनबास को अन्ताकिया भेजा।
Acts 11:23 वह वहां पहुंचकर, और परमेश्वर के अनुग्रह को देखकर आनन्दित हुआ; और सब को उपदेश दिया कि तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे रहो।
Acts 11:24 क्योंकि वह एक भला मनुष्य था; और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था: और और बहुत से लोग प्रभु में आ मिले।
Acts 11:25 तब वह शाऊल को ढूंढने के लिये तरसुस को चला गया।
Acts 11:26 और जब उन से मिला तो उसे अन्ताकिया में लाया, और ऐसा हुआ कि वे एक वर्ष तक कलीसिया के साथ मिलते और बहुत लोगों को उपदेश देते रहे, और चेले सब से पहिले अन्ताकिया ही में मसीही कहलाए।
एक साल में बाइबल:
- न्यायीयों 16-18
- लूका 7:1-30