मैं
कैलिफोर्निया की निवासी हूँ और धूप से चमकती हुई चीजें मुझे अच्छी लगती हैं, तथा
सभी ठंडी चीज़ों से मैं बच कर रहना चाहती हूँ। परन्तु मुझे बर्फ के सुन्दर दृश्यों
की फोटो देखना अच्छा लगता है। इसलिए जब मुझे अपनी एक सहेली द्वारा उसकी खिड़की के
बाहर उगने वाले एक पौधे का चित्र प्राप्त हुआ तो मैं मुस्कुराई; मेरी सहेली
इल्लिनोय में रहती है और उस फोटो की प्रशंसा शीघ्र ही उदासी में बदल गयी क्योंकि
उस पौधे की शाखाएं बर्फ के बोझ से झुकी हुई थीं। मैं सोचने लगी कि ये शाखाएं कितने
समय तक बर्फ के बोझ को सहने पाएंगी? क्या वो इस बोझ से टूट नहीं जाएँगी?
उस
पौधे की शाखाओं पर पड़े उस जोखिम को देखकर मुझे अपने कन्धों पर पड़े चिन्ताओं का बोझ
स्मरण हो आया। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने यह कहने के पश्चात कि सबसे
उत्तम खज़ाने पृथ्वी के या नाशवान नहीं होते हैं, उन्होंने प्रोत्साहित किया कि हम
अपनी चिंताओं और परेशानियों को उन्हें सौंप दें। इस सृष्टि का सृष्टिकर्ता और
पालनहार अपने बच्चों से प्रेम करता है और उनके लिए उपलब्ध करवाता है, इसलिए हमें
अपने बहुमूल्य समय को चिंता में गंवाने की आवश्यकता नहीं है। परमेश्वर हमारी
आवश्यकताओं को जानता है और उनके लिए प्रावधान करेगा (मत्ती 6:19-32)।
हमारा
प्रभु परमेश्वर यह भी जानता है कि हम चिंता करने के प्रलोभन में पड़ेंगे। इसीलिए वह
कहता है कि हम पहले उसके निकट आ जाएं, वर्तमान में उसके प्रावधान और उपस्थिति पर
भरोसा रखें, और विश्वास के साथ दिन प्रति दिन का जीवन जीएँ (पद 33-34)।
इस
जीवन में हमें अभिभूत करने वाली कठिनाइयों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ेगा,
जो हमारे कंधों को चिंताओं के बोझ तले दबा सकते हैं। हम इस चिंता के बोझ तले कुछ
समय के लिए दब भी सकते हैं; परन्तु जब हम प्रभु में भरोसा बनाए रखेंगे तो ये बोझ
हमें तोड़ने नहीं पाएंगे, प्रभु की सामर्थ्य हमें दृढ़ बनाए रखेगी। - जोशील डिक्सन
जब हम सभी भली वस्तुओं के देने वाले पर
भरोसा रखेंगे,
तो चिंता हमें तोड़ने नहीं पाएगी।
[प्रभु यीशु ने कहा] हे सब परिश्रम करने
वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28
बाइबल पाठ: मत्ती 6:25-34
Matthew 6:25 इसलिये मैं तुम से कहता हूं,
कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे?
और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि
क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और
शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं?
Matthew 6:26 आकाश के पक्षियों को देखो! वे
न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों
में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता
है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते।
Matthew 6:27 तुम में कौन है, जो चिन्ता कर के अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
Matthew 6:28 और वस्त्र के लिये क्यों
चिन्ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं,
न कातते हैं।
Matthew 6:29 तौभी मैं तुम से कहता हूं,
कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से
किसी के समान वस्त्र पहिने हुए न था।
Matthew 6:30 इसलिये जब परमेश्वर मैदान की
घास को, जो आज है, और कल भाड़ में
झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहिनाता है, तो
हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा?
Matthew 6:31 इसलिये तुम चिन्ता कर के यह
न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या
पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Matthew 6:32 क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्तुओं
की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है,
कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए।
Matthew 6:33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य
और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Matthew 6:34 सो कल के लिये चिन्ता न करो,
क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज
के लिये आज ही का दुख बहुत है।
एक साल में बाइबल:
- गिनती 23-25
- मरकुस 7:14-37