सन 2008 की पतझड़ ऋतु के समय से आरंभ होने वाली गंभीर विश्वव्यापि आर्थिक मन्दी से सब अवगत हैं; यह मन्दी सन 1929 की भीष्ण मन्दी के बाद की सर्वाधिक गंभीर मन्दी है, और इसका दुषप्रभाव अभी तक विश्व की अर्थ व्यवस्था पर बना हुआ है, विश्व के किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था इससे अछूती नहीं रही और ना ही अभी तक पूरी रीति से उभरने पाई है। जैसे पहले की मन्दी के लिए सत्य था वैसे ही इस मन्दी के लिए भी सत्य है - इस मन्दी के लिए भी लोग तैयार नहीं थे और इसके आने से बहुत से लोगों की नौकरियाँ जाती रहीं, उनके पूँजीनिवेश समाप्त हो गए और घर उजड़ गए। इस मन्दी के आने के लगभग एक वर्ष बाद बी.बी.सी. को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिका मुद्रा संघ के भूतपूर्व अध्यक्ष एलेन स्पैन ने जताया कि सामन्यतः कोई व्यक्ति यह विश्वास नहीं रखता कि ऐसा समय फिर से आएगा; यह मानव प्रवृति है कि लंबी समृद्धि के समय में वे यह मान बैठते हैं कि समृद्धि का यह दौर कभी समाप्त नहीं होगा, सदा ऐसे ही चलता रहेगा।
यह मान लेना कि जैसे चल रहा है वैसे ही सदा चलता रहेगा केवल 21वीं शताब्दी की सोच नहीं है। यही प्रवृति प्रथम शताब्दी में भी पाई जाती थी। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने अपनी दूसरी पत्री में उन लोगों के विषय में लिखा जो यह मान कर चल रहे थे कि जैसे चल रहा है, जीवन वैसे ही चलता रहेगा और प्रभु यीशु मसीह दोबारा वापस नहीं आएंगे। यह मानने वालों का कहना था कि "...उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था?" (2 पतरस 3:4)।
प्रभु यीशु का यह वायदा है कि वह अपने विश्वासियों को अपने साथ ले जाने के लिए जगत के अन्त और न्याय के समय से ठीक पहले आएगा, लेकिन लोग उसकी बात पर विश्वास करने की बजाए, अविश्वास करके उसकी अवज्ञा में जीवन बिताना अधिक पसन्द करते हैं, यह मानते हुए कि वह कभी नहीं आएगा। लेकिन प्रभु यीशु के दोबारा आने में प्रतीत होने वाला विलंब केवल इस लिए है क्योंकि परमेश्वर प्रत्येक जन को अवसर देना चाहता है कि वे समय समाप्त हो जाने से पहले विश्वास और पश्चाताप कर लें क्योंकि परमेश्वर सब से प्रेम रखता है और "प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले" (2 पतरस 3:9)।
प्रेरित पौलुस ने भी प्रभु यीशु के दूसरे आगमन के प्रति लोगों, विशेषकर मसीही विश्वासियों को, सचेत रहने के लिए चिताते हुए लिखा कि वे मसीह यीशु के आगमन के लिए अपने आप को तैयार रखते हुए "...अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेर कर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएं" (तीतुस 2:12)। प्रभु यीशु मसीह ने जगत के अन्त और अपने दूसरे आगमन के चिन्ह अपने चेलों को दिए थे, और वे सब हमारे सामने पूरे होते चले जा रहे हैं। जगत का अन्त और न्याय तथा प्रभु यीशु का पुनःआगमन अवश्यंभावी है। क्या आप उस दिन, प्रभु यीशु के आगमन तथा होने वाले न्याय के लिए तैयार हैं? - सी.पी. हिया
प्रभु यीशु कभी भी आ सकता है; हमें सदा उसके पुनःआगमन के लिए तैयार रहना चाहिए।
वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहिचान लें। - 1 तिमुथियुस 2:4
बाइबल पाठ: 2 पतरस 3:1-13
2 Peter 3:1 हे प्रियो, अब मैं तुम्हें यह दूसरी पत्री लिखता हूं, और दोनों में सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूं।
2 Peter 3:2 कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।
2 Peter 3:3 और यह पहिले जान लो, कि अन्तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे।
2 Peter 3:4 और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्टि के आरम्भ से था?
2 Peter 3:5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
2 Peter 3:6 इन्हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया।
2 Peter 3:7 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
2 Peter 3:8 हे प्रियों, यह एक बात तुम से छिपी न रहे, कि प्रभु के यहां एक दिन हजार वर्ष के बराबर है, और हजार वर्ष एक दिन के बराबर हैं।
2 Peter 3:9 प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
2 Peter 3:10 परन्तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा, और तत्व बहुत ही तप्त हो कर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे।
2 Peter 3:11 तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।
2 Peter 3:12 और परमेश्वर के उस दिन की बाट किस रीति से जोहना चाहिए और उसके जल्द आने के लिये कैसा यत्न करना चाहिए; जिस के कारण आकाश आग से पिघल जाएंगे, और आकाश के गण बहुत ही तप्त हो कर गल जाएंगे।
2 Peter 3:13 पर उस की प्रतिज्ञा के अनुसार हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिन में धामिर्कता वास करेगी।
एक साल में बाइबल:
- सभोपदेशक 4-6
- 2 कुरिन्थियों 12