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गुरुवार, 5 नवंबर 2020

बुद्धि

 

         एक पुरुष ने एक महिला पर मुकद्दमा दायर किया, इस दावे के साथ कि उस महिला ने उसके कुत्ते को चुरा लिया था। न्यायालय में महिला ने कहा कि उसने उस कुत्ते को खरीदा था, और उसने वह पता भी बताया जहाँ से खरीदा था। जज ने उस कुत्ते को मंगवाया और अपने न्यायालय में छोड़ दिया, और वह कुत्ता तुरंत दुम हिलाता हुआ मुकद्दमा दायर करने वाले उस पुरुष के पास चला गया, उसके असली मालिक की सही पहचान तुरंत पता चल गई।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में भी एक ऐसे ही मुकद्दमे का उल्लेख है, जब इस्राएल के एक राजा, राजा सुलैमान को इसी प्रकार के एक मामले को सुलझाना था। दो स्त्रियाँ एक ही शिशु की माताएँ होने का दावा कर रही थीं। दोनों की दलीलें सुनने के पश्चात सुलैमान ने एक तलवार मंगाई और कहा कि बच्चे को बीच में से विभाजित कर के दोनों को आधा-आधा दे दिया जाए। तुरंत ही बच्चे की असली माँ ने विनती की, कि बच्चे को दूसरी स्त्री को दे दिया जाए, चाहे वह बच्चा उसे न भी मिले किन्तु उसे जीवित रहने दें (1 राजाओं 3:26); असली माँ की पहचान हो गई और सुलैमान ने बच्चे को उसकी असली माँ को दे दिया।

         हमें सही-गलत, उचित-अनुचित, नैतिक-अनैतिक की पहचान के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है। यदि हम वास्तविकता में बुद्धि के महत्व को समझते हैं तो हम भी परमेश्वर से समझ-बूझ वाला हृदय माँग सकते हैं, जैसा सुलैमान ने माँगा था (पद 9)। परमेश्वर हमारी विनती का उत्तर हमारी आवश्यकताओं और इच्छाओं के संतुलन का, औरों की आवश्यकताओं के साथ ताल-मेल बैठने के द्वारा दे सकता है। वह हमें अल्पकालीन लाभ की तुलना में दीर्घकालीन (कभी-कभी अनन्तकालीन) लाभ को समझने और स्वीकार करने में हमारी सहायता करने के द्वारा भी उत्तर दे सकता है, जिससे कि हम अपने जीवन के द्वारा उसे आदर और महिमा दे सकें।

         हमारा प्रभु परमेश्वर न केवल सिद्ध बुद्धिमत्ता वाला न्यायी है, वरन वह हमारा व्यक्तिगत सलाहकार भी है जो हमें हमारी आवश्यकता के समय में ईश्वरीय समझ और बुद्धि भी देने का आश्वासन देता है (याकूब 1:5)। - जेनिफर बेनसन शुल्टज़

 

सही बुद्धिमत्ता का एकमात्र स्त्रोत स्वयं परमेश्वर है।


पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी। - याकूब 1:5

बाइबल पाठ: 1 राजाओं 3:16-28

1 राजा 3:16 उस समय दो वेश्याएं राजा के पास आकर उसके सम्मुख खड़ी हुईं।

1 राजा 3:17 उन में से एक स्त्री कहने लगी, हे मेरे प्रभु! मैं और यह स्त्री दोनों एक ही घर में रहती हैं; और इसके संग घर में रहते हुए मेरे एक बच्चा हुआ।

1 राजा 3:18 फिर मेरे जच्चा के तीन दिन के बाद ऐसा हुआ कि यह स्त्री भी जच्चा हो गई; हम तो संग ही संग थीं, हम दोनों को छोड़कर घर में और कोई भी न था।

1 राजा 3:19 और रात में इस स्त्री का बालक इसके नीचे दबकर मर गया।

1 राजा 3:20 तब इस ने आधी रात को उठ कर, जब तेरी दासी सो ही रही थी, तब मेरा लड़का मेरे पास से ले कर अपनी छाती में रखा, और अपना मरा हुआ बालक मेरी छाती में लिटा दिया।

1 राजा 3:21 भोर को जब मैं अपना बालक दूध पिलाने को उठी, तब उसे मरा हुआ पाया; परन्तु भोर को मैं ने ध्यान से यह देखा, कि वह मेरा पुत्र नहीं है।

1 राजा 3:22 तब दूसरी स्त्री ने कहा, नहीं जीवित पुत्र मेरा है, और मरा पुत्र तेरा है। परन्तु वह कहती रही, नहीं मरा हुआ तेरा पुत्र है और जीवित मेरा पुत्र है, यों वे राजा के सामने बातें करती रही।

1 राजा 3:23 राजा ने कहा, एक तो कहती है जो जीवित है, वही मेरा पुत्र है, और मरा हुआ तेरा पुत्र है; और दूसरी कहती है, नहीं, जो मरा है वही तेरा पुत्र है, और जो जीवित है, वह मेरा पुत्र है।

1 राजा 3:24 फिर राजा ने कहा, मेरे पास तलवार ले आओ; सो एक तलवार राजा के सामने लाई गई।

1 राजा 3:25 तब राजा बोला, जीवते बालक को दो टुकड़े कर के आधा इस को और आधा उसको दो।

1 राजा 3:26 तब जीवित बालक की माता का मन अपने बेटे के स्नेह से भर आया, और उसने राजा से कहा, हे मेरे प्रभु! जीवित बालक उसी को दे; परन्तु उसको किसी भांति न मार। दूसरी स्त्री ने कहा, वह न तो मेरा हो और न तेरा, वह दो टुकड़े किया जाए।

1 राजा 3:27 तब राजा ने कहा, पहिली को जीवित बालक दो; किसी भांति उसको न मारो; क्योंकि उसकी माता वही है।

1 राजा 3:28 जो न्याय राजा ने चुकाया था, उसका समाचार समस्त इस्राएल को मिला, और उन्होंने राजा का भय माना, क्योंकि उन्होंने यह देखा, कि उसके मन में न्याय करने के लिये परमेश्वर की बुद्धि है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 34-36
  • इब्रानियों 2